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Mohali News: रात में ब्लैकआउट दिन में मॉकड्रिल
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जीरकपुर में ब्लैकआउट के दौरान छाया अंधेरा। संवाद

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मोहाली। भारत-पाक की तनातनी के मध्य बुधवार रात को शहर में जहां दस मिनट का ब्लैक आउट रखा गया, वहीं दिन में बेसटेक मॉल में नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर मॉकड्रिल की गई। रात 7:30 से 7:40 तक रखे ब्लैक आउट के दौरान शहर की स्ट्रीट और आवासीय क्षेत्र की लाइटें बंद रहीं। केवल सड़कों पर वाहनों की लाइट जलती नजर आई। मोहाली शहर के अलावा जीरकपुर, डेराबस्सी और अन्य क्षेत्राें में भी ब्लैक आउट देखा गया।
दिन में शहर के सबसे बड़े मॉल में नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर मॉकड्रिल की गई। युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन की तैयारियों को परखने के लिए शाम चार बजे मॉल में ड्रिल हुई। इसमें दुश्मन के हमले की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा उपायों का अभ्यास किया गया। पुलिस-प्रशासन और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक इसमें सक्रिय रहे। शाम को अलॉर्म बजने के बाद पुलिस, डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता टीमों के साथ मॉल में दाखिल हुई और लोगों को बाहर निकाल कर मॉल खाली करवाया। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वे लोगों को सतर्क करते रहे। पुलिस और डिफेंस से मौजूद स्वयंसेवक लाउडस्पीकर से लोगों को अलर्ट करते दिखाई दिए। इसके बाद हवाई हमला होने पर ब्लैक आउट जैसे हालात में राहत-बचाव कार्य की मॉक ड्रिल की गई। इस मौके पर डीसी कोमल मित्तल, एसएसपी दीपक पारीक भी मौके पर पहुंचे और मॉक ड्रिल का हिस्सा बने। मॉक ड्रिल के दौरान मॉल की बेसमेंट पार्किंग में फंसे एक युवक को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचाव राहत टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। वहां मौजूद लोगों को इसका डेमो दिखाकर बताया गया कि ऐसी स्थिति में वे दूसरों की जान कैसे बचा सकते हैं।
डीसी कोमल मित्तल ने लोगों को जागरूक किया। एसएसपी मोहाली दीपक पारीक ने कहा इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में देश की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना है। हालांकि, अब पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद यह मॉकड्रिल और भी ज्यादा जरूरी हो गया है। ऐसे में नागरिकों के लिए बहुत जरूरी है कि वे इसे गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि मॉल में मॉकड्रिल का मतलब है कि सुरक्षा अभ्यास के लिए मॉल में एक सिमुलेशन किया गया है, जो किसी संभावित खतरे या आपातकाल की स्थिति के लिए तैयारी करने में मदद करता है। मॉक ड्रिल के दौरान नागरिक और अन्य लोगों को आपातकालीन स्थिति में खुद को बचाने और दूसरों की मदद करने के लिए नागरिक सुरक्षा तकनीकों का अभ्यास करवाया गया। इसमें बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल किया गया।
दस मिनट का रहा ब्लैक आउट
मोहाली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हवाई हमलों से बचने के लिए मोहाली में 10 मिनट ब्लैकआउट रखा गया। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए था। इसमें सायरन बजते ही सभी लाइटों को बंद करने का निर्देश था। प्रशासन ने लोगों से जागरूक और जिम्मेदार सहभागिता की अपील की थी। इस योजना का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के प्रति लोगों को प्रशिक्षित और सजग बनाना था। मोहाली में लोगों ने पूरी तरह से ब्लैकआउट का पालन नहीं किया। सड़कों पर चलने वाले वाहनों को भी लाइटें बंद कर अपने वाहन रोकने के लिए कहा गया था लेकिन वाहन रोजाना की तरह चलें। दूसरी तरफ ब्लैकआउट के समय बिजली कट लगा दिया गया था। दुकानों - शोरूमों के लोगों ने लाइटें बंद कर दी थी। इस बीच एकाध जगह पर दुकानों की लाइटें जली रही। जीरकपुर में भी सोसाइटियों में ब्लैक आउट का असर देखने को मिला। हाईलैंड पार्क में बनी सोसाइटियों ने पूरी तरह से ब्लैकआउट रखा गया।
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दिन में शहर के सबसे बड़े मॉल में नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर मॉकड्रिल की गई। युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन की तैयारियों को परखने के लिए शाम चार बजे मॉल में ड्रिल हुई। इसमें दुश्मन के हमले की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा उपायों का अभ्यास किया गया। पुलिस-प्रशासन और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक इसमें सक्रिय रहे। शाम को अलॉर्म बजने के बाद पुलिस, डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता टीमों के साथ मॉल में दाखिल हुई और लोगों को बाहर निकाल कर मॉल खाली करवाया। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वे लोगों को सतर्क करते रहे। पुलिस और डिफेंस से मौजूद स्वयंसेवक लाउडस्पीकर से लोगों को अलर्ट करते दिखाई दिए। इसके बाद हवाई हमला होने पर ब्लैक आउट जैसे हालात में राहत-बचाव कार्य की मॉक ड्रिल की गई। इस मौके पर डीसी कोमल मित्तल, एसएसपी दीपक पारीक भी मौके पर पहुंचे और मॉक ड्रिल का हिस्सा बने। मॉक ड्रिल के दौरान मॉल की बेसमेंट पार्किंग में फंसे एक युवक को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचाव राहत टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। वहां मौजूद लोगों को इसका डेमो दिखाकर बताया गया कि ऐसी स्थिति में वे दूसरों की जान कैसे बचा सकते हैं।
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डीसी कोमल मित्तल ने लोगों को जागरूक किया। एसएसपी मोहाली दीपक पारीक ने कहा इस मॉकड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में देश की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना है। हालांकि, अब पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद यह मॉकड्रिल और भी ज्यादा जरूरी हो गया है। ऐसे में नागरिकों के लिए बहुत जरूरी है कि वे इसे गंभीरता से लें। उन्होंने कहा कि मॉल में मॉकड्रिल का मतलब है कि सुरक्षा अभ्यास के लिए मॉल में एक सिमुलेशन किया गया है, जो किसी संभावित खतरे या आपातकाल की स्थिति के लिए तैयारी करने में मदद करता है। मॉक ड्रिल के दौरान नागरिक और अन्य लोगों को आपातकालीन स्थिति में खुद को बचाने और दूसरों की मदद करने के लिए नागरिक सुरक्षा तकनीकों का अभ्यास करवाया गया। इसमें बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और निकासी योजनाओं का अभ्यास शामिल किया गया।
दस मिनट का रहा ब्लैक आउट
मोहाली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हवाई हमलों से बचने के लिए मोहाली में 10 मिनट ब्लैकआउट रखा गया। यह अभ्यास नागरिकों की सुरक्षा तैयारियों को परखने के लिए था। इसमें सायरन बजते ही सभी लाइटों को बंद करने का निर्देश था। प्रशासन ने लोगों से जागरूक और जिम्मेदार सहभागिता की अपील की थी। इस योजना का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के प्रति लोगों को प्रशिक्षित और सजग बनाना था। मोहाली में लोगों ने पूरी तरह से ब्लैकआउट का पालन नहीं किया। सड़कों पर चलने वाले वाहनों को भी लाइटें बंद कर अपने वाहन रोकने के लिए कहा गया था लेकिन वाहन रोजाना की तरह चलें। दूसरी तरफ ब्लैकआउट के समय बिजली कट लगा दिया गया था। दुकानों - शोरूमों के लोगों ने लाइटें बंद कर दी थी। इस बीच एकाध जगह पर दुकानों की लाइटें जली रही। जीरकपुर में भी सोसाइटियों में ब्लैक आउट का असर देखने को मिला। हाईलैंड पार्क में बनी सोसाइटियों ने पूरी तरह से ब्लैकआउट रखा गया।