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दमघोंटू हो रही पंजाब की हवा: पहली बार 122 जगह जली पराली, अब तक कुल 743 मामले, तरनतारन में सबसे ज्यादा 224 केस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटियाला Published by: अंकेश ठाकुर Updated Mon, 27 Oct 2025 10:41 AM IST
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सार

पंजाब की हवा जहरीली होती जा रही है। इसकी वजह खेतों में जल रही पराली का धुआं है। रविवार को पूरे पंजाब में 122 जगह पराली जलाई गई। यह इस सीजन में पहली बार सबसे बड़ा आंकड़ा है।  

First time in season stubble burning occurred at 122 places in Punjab
पंजाब जलाई जा रही पराली। - फोटो : संवाद (फाइल)
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विस्तार
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इस सीजन में पहली बार एक दिन में पराली जलाने के 100 से ज्यादा मामले रिकॉड किए गए। रविवार को पंजाबभर में कुल 122 जगह पराली जलाई गई जबकि शनिवार को मात्र 28 मामले दर्ज हुए थे। इस साल अब तक पराली जलाने के 743 मामले दर्ज हो चुके हैं। 



जानकारों के अनुसार धान की कटाई में आई तेजी की वजह से पराली जलाने के मामले अचानक बढ़ गए हैं। आने वाले दिनों में यह मामले और बढ़ेंगे जिससे पंजाब की हवा भी दमघोंटू होती जाएगी। हालांकि रविवार को सूबे के ज्यादातर शहरों में एक्यूआई 200 से नीचे ही रिकॉर्ड किया गया।
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आंकड़ों की बात करें तो मौजूदा सीजन में अब तक पराली जलाने में अमृतसर जिला सबसे आगे था, लेकिन अब 224 मामलों के साथ जिला तरनतारन नंबर वन हो गया है। तरनतारन के बाद सबसे अधिक 154 मामले जिला अमृतसर से, फिरोजपुर से 80, पटियाला से 39, गुरदासपुर से 38, संगरूर से 47, कपूरथला से 29, बठिंडा से 19, फाजिल्का व जालंधर से 13-13, बरनाला से छह, लुधियाना, मोगा व मानसा से आठ-आठ, फतेहगढ़ साहिब से भी 13, मुक्तसर व फरीदकोट से 10-10, एसबीएस नगर से दो, होशियारपुर से तीन, मालेरकोटला से चार मामले सामने आए हैं। 

रविवार को तरनतारन में 28 मामले 
वहीं अगर रविवार की बात करें, तो भी तरनतारन में सबसे ज्यादा पराली और यहां 28 मामले सामने आए। मुख्यमंत्री भगवंत मान के अपने जिला संगरूर में पराली जलाने के 19 मामले, अमृतसर में 10, बरनाला, फाजिल्का, होशियारपुर व मोगा में एक-एक, बठिंडा में छह, फतेहगढ़ साहिब में सात, फरीदकोट, लुधियाना व मानसा में तीन-तीन, फिरोजपुर में 11, गुरदासपुर में 9, जालंधर व एसएएस नगर में दो-दो, कपूरथला में सात, मुक्तसर व पटियाला में चार-चार मामले सामने आए।

फिरोजपुर की डीसी की अपील, पराली न जलाएं किसान
फिरोजपुर की डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए इन-सीटू प्रबंधन और एक्स-सीटू प्रबंधन विधियों के बारे में जागरूक कर रहा है। जिले के विभिन्न ब्लॉकों में किसान विभागीय अनुदान से प्राप्त आधुनिक मशीनों का उपयोग करके खेत तैयार कर रहे हैं और गेहूं की बिजाई कर रहे हैं। ब्लॉक जीरा के गांव वकील वाला के किसान गुरजिंदर सिंह ने 50 एकड़ जमीन पर मल्चर, रोटावेटर और एमबी प्लाऊ का उपयोग करके पराली को बिना आग लगाए खेत तैयार किए हैं। ब्लॉक गुरुहरसहाय के गांव ईसा पंज गराई के किसान बगीचा सिंह ने विभाग के सहयोग से दो एकड़ जमीन पर सुपर सीडर से गेहूं की बिजाई की और पराली को खेत में ही नष्ट कर दिया।

इसी प्रकार, गांव लखमीरपुरा और छोटा जंड वाला में किसान बेअंत सिंह और राजिंदर सिंह ने विभागीय अनुदान से प्राप्त बेलर मशीनों का उपयोग करके क्रमशः 20 और 22 एकड़ भूमि की पराली की गांठें बनाई। मुख्य कृषि अधिकारी बलविंदर सिंह, एडीओ नवीन खन्ना और नोडल अधिकारी बलविंदर सिंह ने गांव जामा रखिया हिठाड़ (ब्लॉक ममदोट) में किसानों के कस्टम हायरिंग सेंटर का दौरा किया, जहाँ सब्सिडी वाली मशीनों से गेहूँ की बिजाई चल रही थी। ब्लॉक जीरा के गांव मेहर सिंह वाला के किसान मेजर सिंह छह एकड़ भूमि पर मल्चर और हल से खेत तैयार कर रहे हैं, जबकि गुरचरण सिंह (गांव फेरो के) ने 32 एकड़ भूमि पर गांठें बनाई हैं।

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