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Banswara News: जनजातीय विवि के दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल- गुणात्मक शिक्षा से खड़ी होगी विकास की इमारत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांसवाड़ा
Published by: बांसवाड़ा ब्यूरो
Updated Tue, 12 Aug 2025 07:00 PM IST
सार
शिक्षा से विकास की राहें खुलती हैं। जनजातीय समाज और क्षेत्र के विकास के लिए प्रारंभिक से उच्च शिक्षा तक गुणात्मक शिक्षा के प्रयास जरूरी हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की मजबूत नींव पर ही समग्र विकास की इमारत खड़ी होगी।
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शोधार्थी को पीएचडी की उपाधि प्रदान करते राज्यपाल
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विस्तार
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े मंगलवार को गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ज्ञान परंपरा में सदैव श्रेष्ठ रहा है। विद्यार्थी प्राचीन ज्ञान के आलोक में आधुनिक विकास के लिए कार्य करें। नई शिक्षा नीति में कौशल विकास को विशेष महत्व दिया गया है, जो रोजगारपरक मानसिकता से जुड़ी है। विद्यार्थी ऐसे हुनर सीखें, जिससे भविष्य में उन्हें किसी पर निर्भर न रहना पड़े।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी हैं और इन्हें मिटाना असंभव है। जीवन में शारीरिक क्षमता के साथ-साथ बौद्धिक और नैतिक विकास भी आवश्यक है। उन्होंने पुस्तकों को शिक्षा और संस्कृति का मूल बताते हुए कहा कि किताबें व्यक्ति को ज्ञान के साथ कल्पनाशील, विचारवान और संवेदनशील बनाती हैं। उन्होंने गोविन्द गुरु, बांसिया भील, डूंगर बरंडा, कुशला भील, वीरबाला कालीबाई, नानाभाई खांट और राणा पूंजा के योगदान का भी उल्लेख किया।
ये भी पढ़ें: Jodhpur: खेजड़ी पेड़ कटान पर गरजे कैलाश चौधरी, कहा- सोलर कंपनियां वादों का पालन नहीं करतीं, जनता में आक्रोश
दीक्षांत भाषण में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और पुस्तकें सबसे बड़ा ज्ञान स्रोत हैं। सफलता के लिए परिश्रम पर विश्वास रखें। उन्होंने राज्य में फर्जी डिग्री के मामलों का जिक्र कर विद्यार्थियों को सावधान रहने की सलाह दी। उनका कहना था कि उपाधि पाना जीवन की मंजिल नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा का माध्यम होना चाहिए।
कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरित राजस्थान की दिशा में एक पेड़ मां के नाम योजना शुरू की गई है। साथ ही योग दूत बनाकर योग के प्रति जागरूकता भी फैलाई जा रही है।
कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ. अभिषेक गोयल और प्रो. नरेंद्र पानेरी ने किया। इस अवसर पर विधायक कैलाश मीणा, विधायक शंकरलाल डेचा, एमडीएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेश अग्रवाल, पूर्व कुलपति गुलाब सिंह, प्रो. गंगासहाय गुर्जर, प्रो. सरला पंड्या, प्रो. गणेश निनामा, वित्त नियंत्रक हितेश गौड़ सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। राज्यपाल ने संकाय भवन का शिलान्यास किया और त्रिपुर सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। परीक्षा नियंत्रक प्रो. प्रमोद वैष्णव ने बताया कि राज्यपाल ने शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
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उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी हैं और इन्हें मिटाना असंभव है। जीवन में शारीरिक क्षमता के साथ-साथ बौद्धिक और नैतिक विकास भी आवश्यक है। उन्होंने पुस्तकों को शिक्षा और संस्कृति का मूल बताते हुए कहा कि किताबें व्यक्ति को ज्ञान के साथ कल्पनाशील, विचारवान और संवेदनशील बनाती हैं। उन्होंने गोविन्द गुरु, बांसिया भील, डूंगर बरंडा, कुशला भील, वीरबाला कालीबाई, नानाभाई खांट और राणा पूंजा के योगदान का भी उल्लेख किया।
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दीक्षांत भाषण में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती और पुस्तकें सबसे बड़ा ज्ञान स्रोत हैं। सफलता के लिए परिश्रम पर विश्वास रखें। उन्होंने राज्य में फर्जी डिग्री के मामलों का जिक्र कर विद्यार्थियों को सावधान रहने की सलाह दी। उनका कहना था कि उपाधि पाना जीवन की मंजिल नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की सेवा का माध्यम होना चाहिए।
कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि हरित राजस्थान की दिशा में एक पेड़ मां के नाम योजना शुरू की गई है। साथ ही योग दूत बनाकर योग के प्रति जागरूकता भी फैलाई जा रही है।
कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव डॉ. अभिषेक गोयल और प्रो. नरेंद्र पानेरी ने किया। इस अवसर पर विधायक कैलाश मीणा, विधायक शंकरलाल डेचा, एमडीएस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेश अग्रवाल, पूर्व कुलपति गुलाब सिंह, प्रो. गंगासहाय गुर्जर, प्रो. सरला पंड्या, प्रो. गणेश निनामा, वित्त नियंत्रक हितेश गौड़ सहित कई गणमान्य उपस्थित थे। राज्यपाल ने संकाय भवन का शिलान्यास किया और त्रिपुर सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। परीक्षा नियंत्रक प्रो. प्रमोद वैष्णव ने बताया कि राज्यपाल ने शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि और 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।

शोधार्थी को पीएचडी की उपाधि एवं विषय अनुसार प्रथम रहने पर स्वर्ण पदक प्रदान करते राज्यपाल।

राज्यपाल ने संकाय भवन का शिलान्यास किया

मंच से संबोधित करते राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े