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Bhilwara News: खाद फैक्टरी पर कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई, 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर रोक, नोटिस जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो Updated Sun, 22 Jun 2025 05:37 PM IST
सार

यह कार्रवाई राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के निर्देश पर की गई। उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी कि कुछ खाद निर्माण कंपनियां गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन कर रही हैं। जिससे किसानों तक खराब खाद पहुंचने की आशंका है।
 

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agriclture deptt takes big action in bhilwara
भीलवाड़ा में खाद फैक्टरी पर कृषि विभाग ने मारा छापा।
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विस्तार
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राजस्थान में कृषि क्षेत्र की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी क्रम में रविवार को भीलवाड़ा जिले में स्थित ओस्तवाल फोसकेम इंडिया लिमिटेड खाद निर्माण फैक्टरी पर कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की। जयपुर और भीलवाड़ा की कृषि आयुक्तालय टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई में फैक्टरी में तैयार 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई और फैक्ट्री को विधिवत नोटिस जारी किया गया।

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यह कार्रवाई राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के निर्देश पर की गई। उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी कि कुछ खाद निर्माण कंपनियां गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन कर रही हैं और बारिश के मौसम में खाद का अनुचित भंडारण कर रही हैं, जिससे किसानों तक खराब खाद पहुंचने की आशंका है।
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फैक्ट्री में भारी अनियमितताएं पाई गईं
भीलवाड़ा से 25 किलोमीटर दूर हमीरगढ़ तहसील के ओजियार गांव में स्थित इस फैक्टरी में सिंगल सुपर फॉस्फेट और यूरिया खाद का उत्पादन किया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि हाल की बारिश के बावजूद खाद की बोरियों को सुरक्षित तरीके से नहीं रखा गया था। बोरियों की स्टैकिंग असुरक्षित पाई गई और नीचे की दो परतें पूरी तरह से भीग चुकी थीं, जिससे खाद की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।

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खाद की गुणवत्ता जांच में खामियां
टीम ने खाद के नमूने प्रयोगशाला परीक्षण हेतु लिए। रिपोर्ट में सामने आया कि खाद निर्माण में एनालिसिस प्रक्रिया मानकों के अनुरूप नहीं थी। न तो सैंपलिंग सही ढंग से की गई और न ही खाद की गुणवत्ता की जांच उचित पद्धति से की गई। सबसे बड़ी खामी यह पाई गई कि खाद की जांच कर रहे विश्लेषक प्रशिक्षित नहीं थे, जबकि नियमों के अनुसार खाद विश्लेषण का कार्य केवल प्रशिक्षित (ट्रेन्ड) विशेषज्ञों द्वारा ही किया जाना चाहिए।

खराब भंडारण की खुली अनदेखी
मानकों के अनुसार बारिश के मौसम में खाद की बोरियों को जमीन से ऊपर लकड़ी की पट्टियों पर रखा जाना चाहिए और सुरक्षित स्टैकिंग अनिवार्य है, लेकिन फैक्टरी में इन नियमों की अनदेखी की गई। न तो लकड़ी की पट्टियों का उपयोग किया गया और न ही स्टैकिंग सुरक्षित थी।

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300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर रोक
जांच के बाद तीन लॉट (प्रत्येक 100 मीट्रिक टन) की कुल 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई। फैक्टरी को नोटिस देकर निर्देश दिए गए हैं कि आगामी सप्ताह में पुनः जांच की जाएगी। यदि सुधार नहीं पाया गया तो खाद को नष्ट भी किया जा सकता है। डिप्टी डायरेक्टर शंकर सिंह राठौड़ ने बताया कि फैक्ट्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यदि आगामी जांच में सुधार नहीं पाया गया तो फैक्ट्री पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संयुक्त टीम में ये अधिकारी शामिल रहे 
जयपुर से आई टीम में कृषि आयुक्तालय के संयुक्त निदेशक नवल किशोर मीणा, सहायक निदेशक राजपाल सिंह व धर्मपाल शामिल थे। वहीं भीलवाड़ा से उप निदेशक शंकर सिंह राठौड़, सहायक निदेशक धीरेंद्र सिंह राठौड़, कृषि अधिकारी प्रियंका पारीक व कजोड़मल शामिल रहे।

भीलवाड़ा में खाद फैक्ट्री पर कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई

 

भीलवाड़ा में खाद फैक्ट्री पर कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई

 

भीलवाड़ा में खाद फैक्ट्री पर कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई

 

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