Rajasthan: पशु मेले से लौट रहे युवक की मारपीट में मौत, पांच गिरफ्तार; पूर्व CM गहलोत का मॉब लिंचिंग का आरोप
Bhilwara News: पशु मेले से लौट रहे युवक की मारपीट में मौत मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे मॉब लिंचिंग का मामला बताया है। वहीं, भीम आर्मी ने भी घटना को लेकर प्रतिक्रिया दी है।
विस्तार
भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा थाना क्षेत्र में पशु मेले से बैल खरीदकर लौट रहे मध्यप्रदेश के मंदसौर क्षेत्र के युवक शेरू सुसाडिया के साथ हुई मारपीट और उनकी इलाज के दौरान जयपुर में मौत ने जिले में हलचल मचा दी है। पुलिस ने मामले में पहले हत्या के प्रयास और बाद में हत्या का मामला दर्ज करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे मॉब लिंचिंग करार देते हुए त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है। पुलिस शेष आरोपियों की तलाश कर रही है।
बनेड़ा पुलिस स्टेशन में 16 सितंबर को दर्ज एफआईआर के अनुसार, 32 वर्षीय शेरू सुसाडिया और उनके साथी मोहसिन डोल, मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के सुल्तानपुर निवासी, पिकअप वाहन में बनेड़ा क्षेत्र के लांबिया से पालतू पशु खरीदकर घर लौट रहे थे। रात लगभग 3 बजे रायला टोल के आगे चैराहे पर मोटरसाइकिल और कार सवार अज्ञात लोगों ने उन्हें रोक लिया। शेरू ने बताया कि वह मेले से पशु लेकर लौट रहे हैं, लेकिन हमलावरों ने उनकी बात नहीं मानी। फिर देवा गुर्जर, कुणाल मालपुरा, प्रदीप राजपुरोहित और नितेश सैनी ने उनपर बेरहमी से हमला किया।
मारपीट के दौरान मोहसिन जंगल में छिपकर भागने में सफल रहा, लेकिन शेरू और उनके बैल के साथ मारपीट जारी रही। हमलावरों ने उनके पास रखे 36 हजार रुपये भी छीने। इसके अलावा कुनाल नामक आरोपी ने शेरू के मोबाइल से फोन कर 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी और पैसा न देने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद शेरू को गंभीर स्थिति में भीलवाड़ा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और हालत नाजुक होने पर जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया, जहां 19 सितंबर को उनका निधन हो गया। शेरू के परिवार में उनकी पत्नी नसीम और दो छोटे बच्चे हैं।
भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहपुरा की अगुवाई में विशेष अनुसंधान दल एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी सभी तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज और अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच में पांच लोगों हिमांशु शर्मा, धर्मराज कुमावत, दीपक कुमावत, राहुल लोहार और दुर्गेश बैरवा को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, देवा गुर्जर, कुणाल मालपुरा, प्रदीप राजपुरोहित और नितेश सैनी सहित अन्य मुख्य आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
एसपी यादव ने बताया कि मृतक की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम और विभिन्न रासायनिक एवं हिस्टोग्राफिक जांच की गई है। रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन इसके आने के बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण स्पष्ट होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और जांच निष्पक्ष रूप से पूरी की जा रही है।
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इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीलवाड़ा सर्किट हाउस में मीडिया से चर्चा में कहा कि यह मॉब लिंचिंग का मामला है। उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि यहां मॉब लिंचिंग हुई है। इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जनता के सामने सच्चाई आनी चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
इस घटना को लेकर अन्य राजनीतिक दलों से भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। भीम आर्मी के प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि 16 सितंबर की रात शेरू और मोहसिन पर भीलवाड़ा जिले में गौ-रक्षकों ने बेरहमी से हमला किया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की निष्क्रियता और लापरवाही को उजागर करता है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि मॉब लिंचिंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, सभी दोषियों को गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए और मृतक के परिवार को उचित मुआवजा तथा सुरक्षा प्रदान की जाए।
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