{"_id":"68987c81b7c797e9f3010dd3","slug":"father-declares-living-daughter-dead-after-she-leaves-husband-marries-relative-bhilwara-news-c-1-1-noi1422-3269861-2025-08-10","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bhilwara News: क्यों शादी के बाद पिता ने बेटी की छपवा दी शोक पत्रिका, घर के बाहर 12 दिन की शोक सभा, जानें वजह","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bhilwara News: क्यों शादी के बाद पिता ने बेटी की छपवा दी शोक पत्रिका, घर के बाहर 12 दिन की शोक सभा, जानें वजह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा
Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो
Updated Sun, 10 Aug 2025 05:59 PM IST
विज्ञापन
सार
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के सरेरी गांव में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। एक पिता ने अपनी जीवित बेटी को मृत घोषित कर दिया और शोक पत्रिका छपवाकर गांव में बांटी।

शोक सभा (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : freepik
विज्ञापन
विस्तार
भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड के सरेरी गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। गांव के एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी 25 अप्रैल 2025 को धूमधाम से की थी। शादी पर लाखों रुपये खर्च हुए, लेकिन शादी के महज चार महीने बाद 29 जुलाई 2025 को बेटी अपने पति के एक रिश्तेदार के साथ प्रेम संबंध में पड़ गई और घर छोड़कर उसके साथ लव मैरिज कर ली।
जब मामला थाने तक पहुंचा और लड़की को पुलिस लेकर आई, तो उसने अपने ही पिता के खिलाफ बयान दर्ज करवा दिए। इस घटना से आहत होकर पिता ने अपनी जीवित बेटी को ‘स्वर्गवासी’ मान लिया। उन्होंने शोक पत्रिका छपवाकर गांव में बांटी जिसमें लिखा 'अत्यन्त दु:ख के साथ सूचित किया जाता है कि मेरी बेटी का विवाह दिनांक 25 अप्रैल 2025 को हुआ है, जो विवाह पश्चात दिनांक 29 जुलाई 2025 को किसी और के साथ चली गई। इसलिए हमारे परिवार के लिए वह स्वर्गवासी हो गई। उसका द्वादसा दिनांक 10 अगस्त रविवार को रखा गया है।'
पिता ने घर के बाहर 12 दिनों की शोक बैठक का आयोजन भी किया है। उन्होंने कहा कि जब बेटी ने पुलिस में हमारे खिलाफ बयान दिए, तो हमने उसे मृत मान लिया और यह कदम उठाया। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग इसे परिवारिक सम्मान, रिश्तों में बदलते मूल्यों और सामाजिक मानसिकता के दृष्टिकोण से देख रहे हैं।

Trending Videos
जब मामला थाने तक पहुंचा और लड़की को पुलिस लेकर आई, तो उसने अपने ही पिता के खिलाफ बयान दर्ज करवा दिए। इस घटना से आहत होकर पिता ने अपनी जीवित बेटी को ‘स्वर्गवासी’ मान लिया। उन्होंने शोक पत्रिका छपवाकर गांव में बांटी जिसमें लिखा 'अत्यन्त दु:ख के साथ सूचित किया जाता है कि मेरी बेटी का विवाह दिनांक 25 अप्रैल 2025 को हुआ है, जो विवाह पश्चात दिनांक 29 जुलाई 2025 को किसी और के साथ चली गई। इसलिए हमारे परिवार के लिए वह स्वर्गवासी हो गई। उसका द्वादसा दिनांक 10 अगस्त रविवार को रखा गया है।'
विज्ञापन
विज्ञापन
पिता ने घर के बाहर 12 दिनों की शोक बैठक का आयोजन भी किया है। उन्होंने कहा कि जब बेटी ने पुलिस में हमारे खिलाफ बयान दिए, तो हमने उसे मृत मान लिया और यह कदम उठाया। यह मामला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां लोग इसे परिवारिक सम्मान, रिश्तों में बदलते मूल्यों और सामाजिक मानसिकता के दृष्टिकोण से देख रहे हैं।