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Bundi: यमन में भारतीय महिला को फांसी से बचाने की गुहार, कांग्रेस नेता ने राष्ट्रपति सचिवालय में दायर की याचिका

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बूंदी Published by: बूँदी ब्यूरो Updated Sun, 13 Jul 2025 04:02 PM IST
सार

Bundi News: बूंदी से कांग्रेस नेता चर्मेश शर्मा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम राष्ट्रपति सचिवालय में एक आपात याचिका दायर की है। उसमें उन्होंने 16 जुलाई को प्रस्तावित फांसी की सजा को रोकने के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और वैधानिक हस्तक्षेप की मांग की है।

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Bundi Plea to save Indian woman from hanging in Yemen Congress leader filed petition in President Secretariat
निमिषा प्रिया - फोटो : Social Media
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विस्तार
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यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए भारत में प्रयास तेज हो गए हैं। राजस्थान के बूंदी जिले से कांग्रेस नेता और पूर्व राजस्थान बीज निगम निदेशक चर्मेश शर्मा ने इस मामले में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम राष्ट्रपति सचिवालय में एक आपात याचिका दायर की है। याचिका में शर्मा ने 16 जुलाई को प्रस्तावित फांसी की सजा को रोकने के लिए तत्काल अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक और वैधानिक हस्तक्षेप की मांग की है।

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उन्होंने इस मामले को गंभीर मानवीय संकट बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी हस्तक्षेप कर भारतीय नागरिक का जीवन बचाने की गुहार लगाई है। याचिका में भारत सरकार से अपेक्षा की गई है कि वह यमन सरकार से तुरंत संवाद स्थापित करे और वैधानिक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए।
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आठ वर्षों से यमन की जेल में बंद है भारतीय नर्स
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया, पेशे से नर्स हैं और रोजगार के सिलसिले में यमन गई थीं। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2016 में उनका पासपोर्ट यमन के एक नागरिक तलाल आबदो मेहदी द्वारा छीन लिया गया था, जिससे वह भारत लौट नहीं सकीं। प्रिया ने आरोपित यमनी नागरिक से अपने दस्तावेज वापस लेने के प्रयास में उसे नशे का इंजेक्शन लगाया, जिसकी ओवरडोज से उसकी मौत हो गई।

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इस घटना के बाद निमिषा प्रिया को गिरफ्तार कर लिया गया और यमन की राजधानी सना की जेल में रखा गया। वहां की अदालत ने उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई, जिसे यमन सरकार ने भी अनुमोदित कर अंतिम रूप दे दिया है। अब 16 जुलाई को फांसी की तारीख तय की गई है।
 
हत्या नहीं, अनजाने में हुई दुर्घटना
राष्ट्रपति को सौंपी गई याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह हत्या नहीं थी, बल्कि एक दुर्घटनावश हुई मृत्यु थी। यमन के कानून के अनुसार कोई भी विदेशी नागरिक किसी संस्था या हॉस्पिटल की स्थापना तभी कर सकता है जब उसके साथ स्थानीय नागरिक पार्टनर हो। इसी प्रक्रिया में निमिषा प्रिया ने तलाल आबदो के साथ साझेदारी की थी, लेकिन बाद में उन्होंने महिला को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जबरन रोककर उसके दस्तावेज भी छीन लिए गए थे।

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तत्काल वैधानिक और कूटनीतिक कदम उठाने की मांग
चर्मेश शर्मा ने याचिका में जोर देकर कहा है कि यह मामला केवल कानूनी दायरे में नहीं आता, बल्कि यह मानवाधिकार और मानवीय सरोकार से भी जुड़ा है। भारत सरकार को यमन के राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय से संपर्क कर इस सजा पर स्थगन आदेश (Stay Order) लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी भारत को अपनी बात रखनी चाहिए।

 

 

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