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Chittorgarh News: नई अफीम नीति पर बोले चित्तौड़ सांसद- अफीम किसान हमारी अर्थव्यवस्था और परंपरा का अहम हिस्सा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चित्तौड़गढ़
Published by: चित्तौड़गढ़ ब्यूरो
Updated Wed, 20 Aug 2025 10:50 PM IST
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सार
Chittorgarh News: सांसद सीपी जोशी ने सुझाव दिया कि नई अफीम नीति सितंबर के प्रथम सप्ताह में घोषित की जाए, ताकि किसानों को खेत तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके साथ ही सभी पात्र किसानों के नाम और उनके लाइसेंस ऑनलाइन प्रदर्शित किए जाएं तथा लाइसेंस सीधे किसानों को ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएं।

अफीम पॉलिसी को लेकर हुई बैठक में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने दिए सुझाव
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विस्तार
वर्ष 2025-26 की नई अफीम नीति को लेकर बुधवार को वित्त मंत्रालय, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी भी शामिल हुए और उन्होंने अफीम किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। सांसद ने कहा कि अफीम किसान न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और परंपरा का अहम हिस्सा हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों के पक्ष में एक ज्ञापन भी सौंपा और पॉलिसी को अधिक किसान हितैषी और पारदर्शी बनाने की मांग की।

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सांसद ने रखे ठोस सुझाव
बैठक के दौरान सांसद सीपी जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लगातार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने जोर दिया कि अफीम किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाना चाहिए।
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सांसद ने सुझाव दिया कि नई अफीम नीति सितंबर के प्रथम सप्ताह में घोषित की जाए, ताकि किसानों को खेत तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके साथ ही सभी पात्र किसानों के नाम और उनके लाइसेंस ऑनलाइन प्रदर्शित किए जाएं तथा लाइसेंस सीधे किसानों को ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएं।
अनियमितताओं पर सख्त मॉनिटरिंग की मांग
सीपी जोशी ने कहा कि अफीम खेती से जुड़े सभी कार्यों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनियमितता न हो इसके लिए सख्त मॉनिटरिंग जरूरी है। उन्होंने मांग की कि गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा सांसद ने विभिन्न कारणों से होल्ड किए गए लाइसेंस को 0 प्रतिशत पर बहाल करने की भी बात कही।
साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/29 में संशोधन किया जाए, ताकि इसका दुरुपयोग रोका जा सके। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के साथ पहले अन्याय हुआ है या जो किसी कारण से लाइसेंस से वंचित रह गए थे, उन्हें भी इस बार की प्रक्रिया में जोड़ा जाए।

लाइसेंस प्रक्रिया और तौल प्रणाली पर सुझाव
सांसद जोशी ने मृतक नामांतरण प्रक्रिया को सरल बनाने और अफीम लाइसेंस वितरण एवं तौल प्रक्रिया की तारीखें कम से कम 15 दिन पहले ऑनलाइन जारी करने की मांग की। इससे किसान समय रहते जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और अनियमितताओं पर रोक लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी किसानों को समान रूप से 10 आरी के लाइसेंस जारी किए जाएं। वर्तमान में किसानों को लाइसेंस मार्फीन के आधार पर दिए जा रहे हैं, ऐसे में कच्चे तौल की अनिवार्यता निरर्थक हो गई है।
सीपीएस पद्धति के अंतर्गत सांसद ने सुझाव दिया कि फसल तैयार होने के बाद किसान स्वयं डोडा तोड़कर मुखिया को वजन नोट करवा दें। इससे किसानों और विभागीय अधिकारियों दोनों का समय बचेगा और अनावश्यक परेशानियां कम होंगी।
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पुराने किसानों को भी मिले अवसर
सांसद ने मांग की कि जो किसान पहले एनडीपीएस प्रकरणों में दोषमुक्त हो गए हैं, उन्हें भी इस बार की लाइसेंस प्रक्रिया में शामिल किया जाए। इसके अलावा वर्ष 1998-99 में मिले नए लाइसेंस के बाद 1999 में प्राकृतिक आपदा के चलते जिन किसानों की फसल खराब हुई और उनके लाइसेंस रुक गए, उन्हें भी नई नीति में अवसर दिया जाए।
सांसद सीपी जोशी ने कहा कि अफीम नीति का उद्देश्य किसानों को मजबूत करना और उनकी मेहनत का सम्मान करना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आगामी नीति में किसानों को न्याय, पारदर्शिता और बेहतर मूल्य की गारंटी दी जाएगी।