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Jaipur News: औरंगजेब वाले बयान पर बवाल, एमएलएसयू कुलपति सुनीता मिश्रा के खिलाफ जांच समिति गठित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Thu, 18 Sep 2025 06:19 PM IST
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सार
राजभवन ने पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो आरोपों की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। विवाद बढ़ने पर मिश्रा ने वीडियो संदेश जारी कर महाराणा प्रताप और राजपूत समाज से माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था।

चेंबर में लगाया गया ताला।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान के राज्यपाल हरिदेव बगाड़े ने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (एमएलएसयू) की कुलपति सुनीता मिश्रा के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। हाल ही में मिश्रा ने मुगल शासक औरंगजेब को ‘सर्वश्रेष्ठ प्रशासक’ बताया था। उसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की स्थानीय इकाई ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

राजभवन की ओर से बुधवार को जारी आदेश में राज्यपाल ने पांच सदस्यीय समिति गठित की है। इसमें उदयपुर संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त उदयपुर छोगाराम देवासी, राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (आरएसएमएमएल) के वित्तीय सलाहकार सुरेश कुमार जैन, उदयपुर जिला कलक्टर के उप विधि सलाहकार कैलाशचंद्र स्वर्णकर और आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर शामिल हैं।
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आदेश में कहा गया है, “यह समिति एमएलएसयू की कुलपति सुनीता मिश्रा के खिलाफ प्राप्त सभी आरोपों की जांच करेगी। आवश्यक दस्तावेज एकत्र करेगी और विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्यपाल को यथाशीघ्र प्रस्तुत करेगी।”
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यह घटनाक्रम मिश्रा के उस वीडियो बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने अपने विवादित वक्तव्य के लिए माफी मांगी थी। 12 सितंबर को आयोजित ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम: ए रोडमैप टू विकसित भारत 2047’ सम्मेलन में मिश्रा ने औरंगजेब को “सक्षम शासक, वह सबसे अच्छा है” बताया था। उन्होंने महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान की तुलना अकबर से भी की थी।
इस बयान के बाद एबीवीपी और अन्य संगठनों के छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने कुलपति के चेंबर को बाहर से ताला लगा दिया। पुतला जलाया, फोटो पर कालिख पोती, धरना-प्रदर्शन किया और राज्यपाल को पत्र लिखकर मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग की।
माफी मांगी
बढ़ते विरोध को देखते हुए, मिश्रा ने बुधवार को छात्रों से माफी मांगते हुए वीडियो संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, “उदयपुर में हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मैंने औरंगजेब को सक्षम शासक बताया। इससे महाराणा प्रताप के अनुयायियों और राजपूत समाज की भावनाएं आहत हुईं। यह मेरी गलती है। मेरा उद्देश्य कभी भी इस वीर भूमि या इसके महान नायकों का अपमान करना नहीं था। मैं मेवाड़, राजस्थान और विशेषकर राजपूत समाज से अपनी भूल के लिए दिल से क्षमा मांगती हूं।”