Jaipur News: फ्लॉप शो रहा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, कई इवेंट्स में अकेले दौड़े खिलाड़ी, आयोजन पर उठे सवाल
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में खिलाड़ियों की अनुपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम की अव्यवस्थाओं को उजागर कर दिया है। कार्यक्रम में कई इवेंट तो ऐसे रहे जिनमें मैडल ही नहीं दिए जा सके।
विस्तार
प्रदेश में चल रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के कमजोर आयोजन, खिलाड़ियों की कम भागीदारी और अव्यवस्थाओं के चलते फ्लॉप शो बनते नजर आ रहे हैं। पहले ही दिन से कई इवेंट ऐसे रहे, जिनमें खिलाड़ियों की संख्या न्यूनतम रही और गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज तीनों मैडल बांटने की स्थिति ही नहीं बन पाई। इससे आयोजन की विश्वसनीयता और तैयारी पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
महिलाओं की 400 मीटर रेस में सिर्फ एक एथलीट उतरीं
400 मीटर महिला दौड़ में 5 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन ट्रैक पर केवल कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की मनीषा उतरीं। अकेले दौड़ पूरी कर उन्होंने गोल्ड मैडल अपने नाम किया, जबकि सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल खाली रह गए। दर्शकों के लिए यह नजारा आश्चर्यजनक रहा कि इतने बड़े आयोजन में प्रतिस्पर्धा का अभाव दिखा।
पुरुष 400 मीटर में 8 में से सिर्फ 2 पहुंचे ट्रैक पर
पुरुषों की 400 मीटर रेस में 8 खिलाड़ियों के नाम दर्ज थे, लेकिन स्टार्ट लाइन पर केवल आकाश राज और पी. अभिमन्यु उपस्थित रहे। आकाश ने गोल्ड और अभिमन्यु ने सिल्वर जीता, जबकि ब्रॉन्ज मैडल किसी को नहीं दिया गया। यह स्थिति आयोजन की कमजोर प्लानिंग और एथलीट्स की दिलचस्पी घटने को दर्शाती है।
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5000 मीटर महिला रेस में भी केवल दो धावक उतरीं
महिला 5000 मीटर के लिए 5 एंट्री दर्ज हुई थीं, परंतु ट्रैक पर सिर्फ बुसरा खान और रिंकी पावरा पहुंचीं। दोनों ने क्रमशः गोल्ड और सिल्वर जीता। यहां भी तीसरा मैडल खाली रहा।
400 मीटर हर्डल्स में रुचित मोरी ने अकेले दौड़ लगाई
मंगलवार को पुरुषों की 400 मीटर हर्डल्स फाइनल में 8 एथलीट आने थे लेकिन इवेंट के समय केवल रुचित मोरी ही ट्रैक पर पहुंचे। उन्होंने 51 सेकंड का शानदार समय निकालते हुए मीट रिकॉर्ड बनाया। इसके बावजूद नियमों के अनुसार उन्हें गोल्ड मैडल नहीं दिया जाएगा क्योंकि किसी भी इवेंट में कम से कम दो एथलीट होना अनिवार्य है।
मैडल रोके जाने पर रुचित ने नाराजगी जताई और कहा कि मैंने मेहनत की, रिकॉर्ड भी बनाया। बाकी एथलीट डोपिंग टेस्ट के डर से नहीं उतरे तो इसकी सजा मुझे क्यों? कार्रवाई तो उनके खिलाफ होनी चाहिए जो दौड़े ही नहीं।
टेक्निकल डायरेक्टर ने मैडल नियम स्पष्ट किया
टेक्निकल डायरेक्टर सावे ने बताया कि एकल एथलीट वाले इवेंट में मैडल सेरेमनी नहीं होगी। यह निर्णय पहले ही एआईयू और साई को भेजा जा चुका था लेकिन खिलाड़ियों में इस फैसले को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। कुल मिलाकर एथलीटों की अनुपस्थिति, दर्शकों की कमी और लगातार विवादों ने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की विश्वसनीयता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
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