Rajasthan News: पूर्व मंत्री महेश जोशी को JJM घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
Rajasthan News: जल जीवन मिशन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री महेश जोशी को जमानत दे दी है। जोशी को इसी साल 24 अप्रेल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। जब से वे जेल में ही थे।
विस्तार
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। गिरफ्तारी के करीब सात महीने बाद जोशी जयपुर सेंट्रल जेल से बाहर आ सकेंगे। जोशी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 900 करोड़ रुपए के जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में 24 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। तब से वे न्यायिक हिरासत में थे। जोशी ने इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर को आदेश सुरक्षित रख लिया था। बुधवार (3 दिसंबर) को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने आदेश सुनाते हुए उन्हें जमानत प्रदान कर दी। गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद जोशी की पत्नी का इसी साल 28 अप्रैल को निधन भी हो गया था। जिसके चलते उन्हें अदालत ने 4 दिन की अस्थायी जमानत दी थी। इसके बाद वे लगातार जेल में ही थे।
दलील— रिश्वत होती तो वापस क्यों लौटाई जाती?
जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और विवेक जैन ने कोर्ट में तर्क दिया कि वे सात महीने से जेल में हैं, जबकि मामले का ट्रायल अभी शुरू भी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ईडी के रिकॉर्ड में रिश्वत के आरोप पुष्ट नहीं होते। ईडी का आरोप है कि जोशी ने बेटे की फर्म को लोन देने के नाम पर 55 लाख रुपए की रिश्वत ली थी, जबकि पूरी राशि संबंधित फर्म को वापस कर दी गई। बचाव पक्ष ने कहा कि अगर यह रिश्वत होती, तो राशि वापस क्यों की जाती? इस पर ईडी के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। इसलिए ट्रायल पूरा होने तक उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
क्या था घोटाला
ग्रामीण पेयजल योजना के तहत राज्य और केंद्र सरकार को 50-50 प्रतिशत खर्च वहन कर सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराना था। DI (डक्ट आयरन) पाइपलाइन डालनी थी, लेकिन इसकी जगह HDPE पाइप लगाई गई। पुरानी पाइपलाइन को नया दिखाकर भुगतान लिया गया, जबकि वास्तविक रूप से पाइपलाइन बिछाई ही नही