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Jaipur: त्याग की निर्ममता पर मानवता हावी! श्मशान घाट के बाहर मिली 10 दिन की नवजात, ट्रैफिक TI ने बचाई जान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Published by: जयपुर ब्यूरो
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:32 PM IST
सार
जयपुर के चांदपोल श्मशान घाट के बाहर 10 दिन की नवजात बच्ची संदिग्ध हालात में मिली। किसी ने उसे कपड़े में लपेटकर फेंक दिया था। गर्मी और धूल में रो रही बच्ची को ट्रैफिक TI कविता शर्मा ने मौके पर पहुंचकर गोद में उठाया और सुरक्षित कराया।
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ट्रैफिक TI कविता शर्मा
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जयपुर में गुरुवार दोपहर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब चांदपोल श्मशान घाट के बाहर मात्र 10 दिन की नवजात बच्ची संदिग्ध हालात में मिली। किसी ने मासूम को कपड़े में लपेटकर विश्राम स्थली के पीछे फेंक दिया था। भीषण गर्मी और धूल भरी हवा के बीच बच्ची लगातार रो रही थी, लेकिन गनीमत रही कि उसकी सांसें चल रही थीं और हालत स्थिर थी।
ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक TI कविता शर्मा को जैसे ही सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने देखा कि नवजात रोती हुई पड़ी है और आसपास कोई नहीं है। कविता शर्मा ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बच्ची को अपनी बाँहों में उठाया और उसे शांत कराने का प्रयास किया। इसके बाद पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बनीपार्क थाना पुलिस को सूचित किया।
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सूचना मिलते ही चेतक टीम भी मौके पर पहुंची और सभी ने मिलकर बच्ची को जेके लोन हॉस्पिटल भेजा। अस्पताल में डॉक्टरों ने नवजात की जांच की और प्राथमिक उपचार शुरू किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची फिलहाल सुरक्षित है और उसे निगरानी में रखा गया है। घटना ने समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। एक ओर नवजात को निर्ममता से त्याग दिया गया, वहीं दूसरी ओर पुलिस और ट्रैफिक विभाग की मानवीय पहल ने आशा की किरण दिखाई। ट्रैफिक TI कविता शर्मा की तत्परता और संवेदनशीलता ने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि वर्दी के भीतर इंसानियत आज भी जिंदा है। पुलिस अब नवजात को फेंकने वाले आरोपी या माता-पिता की तलाश में जुट गई है। आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और इलाके के लोगों से पूछताछ की जा रही है। समाजसेवी संगठनों ने भी इस घटना को गंभीर माना है और नवजात संरक्षण को लेकर और अधिक जागरूकता की जरूरत बताई है।
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ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक TI कविता शर्मा को जैसे ही सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचीं। उन्होंने देखा कि नवजात रोती हुई पड़ी है और आसपास कोई नहीं है। कविता शर्मा ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बच्ची को अपनी बाँहों में उठाया और उसे शांत कराने का प्रयास किया। इसके बाद पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बनीपार्क थाना पुलिस को सूचित किया।
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सूचना मिलते ही चेतक टीम भी मौके पर पहुंची और सभी ने मिलकर बच्ची को जेके लोन हॉस्पिटल भेजा। अस्पताल में डॉक्टरों ने नवजात की जांच की और प्राथमिक उपचार शुरू किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची फिलहाल सुरक्षित है और उसे निगरानी में रखा गया है। घटना ने समाज की संवेदनाओं को झकझोर दिया है। एक ओर नवजात को निर्ममता से त्याग दिया गया, वहीं दूसरी ओर पुलिस और ट्रैफिक विभाग की मानवीय पहल ने आशा की किरण दिखाई। ट्रैफिक TI कविता शर्मा की तत्परता और संवेदनशीलता ने न केवल एक मासूम की जान बचाई, बल्कि यह भी साबित किया कि वर्दी के भीतर इंसानियत आज भी जिंदा है। पुलिस अब नवजात को फेंकने वाले आरोपी या माता-पिता की तलाश में जुट गई है। आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और इलाके के लोगों से पूछताछ की जा रही है। समाजसेवी संगठनों ने भी इस घटना को गंभीर माना है और नवजात संरक्षण को लेकर और अधिक जागरूकता की जरूरत बताई है।