सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Rajasthan ›   Jaipur News ›   Phone Tapping Case Rajasthan: ACB Case Against Pilot Camp Over MLA Poaching Dropped, FIR Quashed by High Court

Phone Tapping Case Rajasthan: गहलोत सरकार में दर्ज विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में हाईकोर्ट ने केस किया बंद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Tue, 16 Sep 2025 07:45 AM IST
विज्ञापन
सार

राजस्थान हाईकोर्ट ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में ACB द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब ACB ने अपराध नहीं पाया और एफआर दाखिल की, तो केस चलाने का कोई औचित्य नहीं बचता।

Phone Tapping Case Rajasthan: ACB Case Against Pilot Camp Over MLA Poaching Dropped, FIR Quashed by High Court
फोन टैपिंग - फोटो : Adobe
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

राजस्थान के चर्चित फोन टैपिंग कांड के बाद पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर एसीबी में दर्ज राजद्रोह के मुकदमें को हाईकोर्ट ने बंद कर दिया है। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और अशोक सिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता भरत मालानी और अशोक सिंह की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय दिया। कोर्ट ने कहा कि ACB ने स्वयं ही यह स्वीकार किया कि मामले में कोई अपराध बनता नहीं है, और इसी आधार पर अभियोजन से मुक्त करने वाली अंतिम रिपोर्ट (FR) पेश कर दी गई है। ऐसे में एफआईआर को चुनौती देने का औचित्य नहीं बचता।

loader
Trending Videos

फोन रिकॉर्डिंग थी आधार, लेकिन साक्ष्य नहीं मिले

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता वीआर बाजवा और अधिवक्ता पंकज गुप्ता ने दलील दी कि यह मामला केवल फोन रिकॉर्डिंग पर आधारित था, जिसमें याचिकाकर्ता आपस में सामान्य बातचीत कर रहे थे। रिकॉर्डिंग में कहीं भी विधायकों की खरीद-फरोख्त या साजिश जैसी कोई बात नहीं थी। उन्होंने बताया कि पहले यह मामला एसओजी ने राजद्रोह के आरोप में दर्ज किया था, लेकिन बाद में एफआर लगाकर ACB को भेज दिया गया। अब ACB ने विस्तृत जांच के बाद कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने पर कोर्ट में FR दाखिल की है।

विज्ञापन
विज्ञापन

सचिन पायलट गुट पर सरकार गिराने की साजिश का आरोप, ACB में दर्ज हुआ था मामला

अशोक गहलोत सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर सरकार गिराने की साजिश के आरोप लगे थे। आरोप था कि उन्होंने निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी। इसको लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मामला दर्ज किया था।

पहले SOG ने दर्ज किया था राजद्रोह का केस

शुरुआत में यह मामला SOG (विशेष अभियोजन शाखा) के पास था, जहाँ राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में जांच में ठोस साक्ष्य न मिलने पर एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर इसे ACB को स्थानांतरित कर दिया गया।


फोन रिकॉर्डिंग बना था आधार
यह पूरा प्रकरण फोन रिकॉर्डिंग पर आधारित था। आरोप था कि अशोक सिंह और भरत मालानी ने करण सिंह और अनिल मिश्रा के साथ मिलकर निर्दलीय विधायक रमीला खड़िया सहित अन्य विधायकों को खरीदने का प्रयास किया। उद्देश्य था चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना और राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के लिए दबाव बनाना। हालांकि, रिकॉर्डिंग में कोई ठोस आपराधिक साजिश स्पष्ट नहीं हुई। बाद में ACB ने भी अपनी जांच में अपराध न बनता देख अदालत में एफआर दाखिल कर दी थी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed