दवा-दारु साथ-साथः जयपुर के एसएमएस अस्पताल के पास ढाबों में बिक रही है शराब, देखिये स्टिंग ऑपरेशन
प्रदेश के सबसे बड़े कहे जाने वाले एसएमएस अस्पताल के परिसर सटे ढाबे और भोजनालयों में खुलेआम शराब बेची जा रही है। अमर उजाला ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया। जानिये रिपोर्ट
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जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल परिसर से लगे हुए ढाबे और भोजनालयों में दिनदहाड़े, खुलेआम लोगों को शराब परोसी जा रही है। अमर उजाला ने एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट में पूरी सच्चाई के साथ शराब की बोतल और शराब पीते लोगों को कैमरे में कैद कर जिम्मेदारों से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने इस स्थिति से अनजान होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ने का प्रयास किया।
एसएमएस अस्पताल से लगी ढाबों की एक शृंखला में अमर उजाला ने जब सूचना मिलने पर स्टिंग किया तो वहां से एक बैग और एक थैला भरकर शराब मिली। इतना ही नहीं कुछ लोग वहां बैठे शराब पी रहे थे, पूछने पर बोले खाना खा रहे हैं परंतु वहां मौजूद गिलास और उसमें भरी शराब सच्चाई बयां कर रही थी इस पर शराब पीने वाले माफी मांगने लगे।
राजस्थान सरकार की आबकारी नीति के अनुसार प्रदेश में आबकारी विभाग के अलावा कोई भी शराब नहीं खरीद सकता आबकारी विभाग ही कंपनियों से और बॉटलिंग प्लांट से सीधी शराब खरीदेगा और लाइसेंसधारी रिटेलर्स को बेचेगा। ऐसे में ढाबों में बेची जा रही शराब कहां से आई यह एक बड़ा सवाल है। इसके साथ ही कहीं ये शराब स्मगलिंग करके प्रदेश के बाहर से तो नहीं लाई जा रही? या फिर ये शराब नकली है? इस शराब के सेवन से अगर लोगों की जान चली जाती है तो जिम्मेदार कौन होगा? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके जवाब की अपेक्षा जिम्मेदारों से की जा सकती है।
इन सभी बातों के बीच एक पहलू और भी है जो अस्पताल में काम करने वाली महिला स्वास्थ्य कर्मियों और महिला मरीजों और उनके साथ आने वाली अन्य महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। पश्चिम बंगाल में डॉक्टर की बर्बर हत्या के बाद भी एसएमएस अस्पताल सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही कर रहा है। लोगों का अस्पताल परिसर में बेधड़क आना-जाना लगा रहता है। उस पर यदि अस्पताल से सटे ढाबों में बेधड़क शराब परोसी जा रही है तो यह सीधे-सीधे अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी से जब अमर उजाला ने इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मैं एक बार पहले पुलिस को इस विषय में जानकारी दे चुका हूं। हमने इन सबको वहां से हटाने का पूरा प्रयास किया था लेकिन फिर भी यदि शराब बेची जा रही है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस की है। उन्होंने कहा कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के परिसर के बाहर पहले ड्रग्स तक बेची जा रही थी, उस पर उन्होंने ही रोक लगाई है।
डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम से अमर उजाला ने बातचीत की तो उनका कहना था कि मैं तुरंत इसको चेक करती हूं और इस पर जो भी जरूरी एक्शन होगा, वह तुरंत लिया जाएगा।
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