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Paper Leak: पेपर लीक का पूरा सच; जनिए कैसे प्रिंटिंग प्रेस गैंग ने राजस्थान भर्ती परीक्षाओं को हिला दिया

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: सौरभ भट्ट Updated Fri, 12 Dec 2025 09:42 AM IST
सार

Rajasthan SOG ने भोपाल से वनरक्षक भर्ती पेपर लीक गिरोह के मुख्य आरोपी केडी डॉन को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में केडी डॉन ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पेपर लीक कैसे हुआ, जानिए इस रिपोर्ट में-

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Rajasthan Paper Leak : KD Don Arrested in Forest Guard Recruitment 2020 Scam
पेपर लीक के आरोपी - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने भोपाल की रूचि प्रिंटिंग प्रेस से पेपर चुराकर मुख्य सरगना को देने वाले आरोपी खिलान सिंह उर्फ केडी डॉन को गिरफ्तार किया है।

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यह खुलासा 13 नवंबर 2022 को हुई वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 के मुख्य आरोपी और 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश जबरा राम जाट से पूछताछ के दौरान हुआ। एसओजी ने मामले की गहन जांच के बाद केडी डॉन को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि केडी डॉन और उसकी प्रिंटिंग प्रेस की स्टाफ गैंग ने पेपर चुराने के लिए बड़ी चालाकी दिखाई। उन्होंने जिस पेपर शीट को गायब करना था, उसे पहले जानबूझकर गंदा किया ताकि वह वितरण में न पहुंचे और नष्ट करने वाले बॉक्स में चली जाए। इसके बाद उन्होंने नष्ट किए गए पेपर के बदले एक अन्य पेपर डालकर परीक्षा पेपर को बाहर भेजा।

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ADG एसओजी विशाल बंसल ने बताया कि 13 नवम्बर 2022 को हुई वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी और 50 हजार रुपये के ईनामी बदमाश जबरा राम जाट से पूछताछ के बाद एक बड़ी लीड सामने आई।जिसके बाद SOG ने खिलान सिंह उर्फ केडी को गिरफ्तार किया है।पूछताछ में खुलासा हुआ कि खिलान सिंह भोपाल स्थित रूचि प्रिंटिंग प्रेस (जहां वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर छपा था) से जुड़ा था और कंपनी में बाइंडिंग का काम करता था। खिलान सिंह ने प्रेस में काम करने वाले स्टाफ की मदद से वनरक्षक भर्ती परीक्षा की दोनों पारियों के पेपर चुराए थे।



गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में केडी डॉन ने स्वीकार किया कि उसने ये गोपनीय पेपर जबरा राम जाट को 23 लाख रुपये में उपलब्ध कराए, जो उसने नगद और ऑनलाइन माध्यमों से किश्तों में प्राप्त किए। इसके अलावा, उसने प्रेस में शामिल कुछ अन्य कर्मचारियों के नाम भी उजागर किए। एसओजी की टीम इन सभी संदिग्ध कार्मिकों की सक्रिय तलाश कर रही है। इस गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हुआ कि पेपर लीक एक संगठित और सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिसे लेकर अब पुलिस पूरी जांच कर रही है।









 

 

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