Rajasthan News: वाईएल फार्मा की लिवोसिट्रीजिन डाइहाईक्लोराइड एण्ड मोनटेल्यूकास्ट सोडियम टेबलेट नकली घोषित
खाद्य एवं औषधि आयुक्तालय ने YL Pharma की दवा लिवोसिट्रीजिन-मोनटेल्यूकास्ट को नकली घोषित किया, राज्य में अलर्ट जारी, अन्य दवाओं के नमूने लिए जाएं।
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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने वाईएल फार्मा की एक दवा को नकली घोषित किया है। साथ ही, पूरे राज्य में इस दवा के उपयोग एवं विक्रय पर निगरानी के लिए अलर्ट नोटिस जारी किया है। आयुक्त डॉ. टी शुभमंगला ने बताया कि वाईएल फार्मा की दवा लिवोसिट्रीजिन डाइहाईक्लोराइड एण्ड मोनटेल्यूकास्ट सोडियम टेबलेट के दो स्थानों से नमूने लिए गए थे। इन नमूनों को जांच के लिए राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, जयपुर में भेजा गया था, जहां जांच में इस दवा में एक साल्ट मोनटेल्यूकास्ट शून्य पाया गया है। इस आधार पर इस दवा को नकली घोषित किया है। औषधि नियंत्रक, प्रथम, अजय फाटक ने बताया कि समस्त सहायक औषधि नियंत्रण एवं समस्त औषधि नियंत्रण अधिकारियों को अलर्ट नोटिस जारी कर अपने-अपने क्षेत्र में इस दवा के उपयोग एवं विक्रय पर पूरी निगरानी रखने एवं सतर्कता बरतते हुए इस कम्पनी की अन्य दवाओं के भी नमूने लेने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राजस्थान में 'मुख्यमंत्री मुफ्त योजना' के तहत बांटे गए कैसन फार्मा द्वारा आपूर्ति किए गए कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आए थे। इस घटना को लेकर सरकार की जांच रिपोर्ट भी सवालों में आई थी। दबाव बढ़ा तो सरकार की जांच रिपोर्ट भी बदली और कैसन फार्मा द्वारा आपूर्ति की गई सभी 19 दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी, 22 बैचों को वापस लेने का आदेश दिया, और ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया।
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2011 से 2024 तक केवल 26 फर्म हुई थी डिबार
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान मेडिकल सर्विसेज काॅरपोरेशन के गठन के पश्चात वित्तीय वर्ष 2011-12 से 2024-25 के दौरान कुल 26 कम्पनियों को प्रतिबंधित किया गया था, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में ही अमानक दवा की आपूर्ति अथवा आपूर्ति नहीं करने के कारण 07 दवा कम्पनियों को प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही, 40 उत्पादों को डिबार किया गया है, जो किसी वित्तीय वर्ष में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इसके अलावा 06 प्रकरणों में कम्पनियों पर शास्ति आरोपित की गई है।