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Rajasthan: जहां नदी और तालाब ही नहीं, वहां के बेटे-बेटियां बने बड़े तैराक, अब ओलंपिक की तैयारी
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, झुंझुनूं
Published by: अरविंद कुमार
Updated Thu, 13 Jun 2024 06:29 PM IST
सार
राजस्थान में ऐसे जिले जहां नदी और तालाबों का अभाव है। वहां के बेटे-बेटियां बड़े तैराक बन गए हैं। अब ये एथलीट ओलंपिक गेम्स की तैयारी कर रहे हैं।
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तैराक एथलीट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जहां इनका जन्म हुआ, वहां न कोई बड़ी नदी है और न ही कोई बड़ा बांध। चारो तरफ सिर्फ और सिर्फ रेत के धोरे हैं। लेकिन जज्बे, लगातार मेहनत और कुछ अलग करने के दृढ़ संकल्प के चलते यह खिलाड़ी पानी में पदक जीत रहे हैं। वहीं, एक संयोग यह भी है कि पदक जीतने वाले अधिकतर खिलाड़ियों को सेना में जाकर विशेष ट्रेनिंग मिली।
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बता दें कि सभी गांवों के रहने वाले हैं। नौकायन में पदक जीतने के बाद अब ये खिलाड़ी कोई सरकारी सेवा में हैं तो कोई खुद तैयारी कर रहे हैं। साथ ही अन्य युवा खिलाड़ियों को भी खेलों के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आइए बताते हैं उनके बारे में...
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बजरंग लाल ताखर
सीकर जिले के दांतारामगढ़ उपखंड के गांव मगनपुरा के रहने वाले बजरंग लाल ताखर ने साल 2010 के एशियन गेम्स में सिंगल स्पर्धा में पदक जीता। ताखर ने 2006 में दोहा में आयोजित एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था। साल 2008 में अर्जुन पुरस्कार और 2013 में पद्मश्री का सम्मान मिल चुका। वे सेना में अधिकारी रह चुके हैं, वे नए खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं।
संदीप रेपस्वाल
झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी के निकट रेस्पवालों की ढाणी के रहने वाले संदीप रेपस्वाल ने नवंबर 2009 में चीन में आयोजित एशियन चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। इसके बाद 2011 में कोरिया में हुई एशियन चैम्पियनशिप में नौकायन में एक साथ दो रजत पदक जीते। इसके अलावा झारखंड में हुए नेशनल गेम्स में भी दो पदक जीते। उनको महाराणा प्रताप पुरस्कार मिल चुका। अभी सेना की तरफ से वे जबलपुर में नौकायन के नए खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं।
ओमप्रकाश कृष्णिया
झुंझुनूं के निकट बुडाना गांव के रहने वाले ओमप्रकाश कृष्णिया ने जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स 2018 में टीम गेम में नौकायन में स्वर्ण पदक जीता। ओमप्रकाश व उनकी टीम ने यह पदक अपने नाम किया था। ओमप्रकाश ने सेना में जाने के बाद नौकायन की ट्रेनिंग ली। वे पुलिस उपाधीक्षक पद पर नियुक्त हैं। वर्तमान में पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए पुणे में ट्रेनिंग कर रहे हैं।
अनिता चौधरी
झुंझुनूं जिले के निवाई गांव निवासी पूर्व सैनिक सूबेदार धन्नाराम खींचड़ की बेटी अनिता चौधरी एशियन पैरा गेम्स में पदक जीत चुकी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक उनके नाम हैं। अब उनका चयन पेरिस में होने वाले पैरालम्पिक खेलों के लिए हो गया है। अनिता ने हाल ही दक्षिण कोरिया में हुई पैरा रोइंग प्रतियोगिता के फाइनल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। अनिता चीन के हांगझोऊ में 23 से 28 अक्टूबर 2023 तक आयोजित पैरा गेम्स में रजत पदक जीत चुकीं हैं।
यह भी जीत रहे
पचेरी के पास रामसर गांव का रहने वाला हिमांशु यादव, पिलानी के पास लीखवा गांव निवासी जगजीत धाड़ीवाल भी अब नौकायन में पदक जीत रहे हैं। जगजीत का चयन जूनियर एशियन चैम्पियनिशप की ट्रायल के लिए हुआ है।