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NEET 2025: क्या 'कोचिंग कैपिटल ऑफ इंडिया' नीट 2025 में दिखा पाएगा अपना जादू, अब तक के आंकड़े शानदार रहे

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, कोटा Published by: अरविंद कुमार Updated Thu, 01 May 2025 04:04 PM IST
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सार

NEET Exam 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने नीट परीक्षा की निगरानी प्रणाली को और सख्त कर दिया है। टियर-2 और टियर-3 शहर मेडिकल आकांक्षाओं के केंद्र बन रहे हैं। ऐसे में इस बात की चुनौती बन रही है, क्या कोटा NEET 2025 में भी अपना जादू दिखा पाएगा?

NEET 2025 Will coaching capital of India Kota be able to show its magic in NEET 2025 know figures
कोचिंग स्टूडेंट्स - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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देश भर में मेडिकल शिक्षा के लिए सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) 2025 का आयोजन चार मई को होने जा रहा है। बीते वर्षों की तरह इस बार भी छात्रों की रिकॉर्ड संख्या इसमें भाग लेने की उम्मीद है। साल 2024 में NEET परीक्षा में 23 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था और आंकड़े बता रहे हैं कि इस वर्ष यह संख्या और बढ़ सकता है।

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NEET रजिस्ट्रेशन में राजस्थान का प्रदर्शन लगातार बेहतर होता जा रहा है। साल 2023 में जहां राज्य से 1.48 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 1.78 लाख तक पहुंच गई, जो लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि है। इस रुझान के पीछे कोटा स्थित प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों का अहम योगदान माना जा रहा है। एलन, मोशन, आकाश और रेजोनेंस जैसे संस्थानों की बढ़ती लोकप्रियता ने कोटा को 'कोचिंग कैपिटल ऑफ इंडिया' बना दिया है।
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परीक्षा में सफलता के मामले में भी राजस्थान ने बाजी मारी है। साल 2024 में जहां महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से भले ही अधिक छात्र परीक्षा में बैठे, लेकिन उत्तीर्ण छात्रों के प्रतिशत के लिहाज़ से राजस्थान सबसे आगे रहा। राजस्थान से 1,78,756 में से 1,21,240 छात्र सफल हुए, यानि लगभग 68 प्रतिशत सफलता दर रही। जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में यह अनुपात क्रमशः 50 और 48 प्रतिशत रहा।

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मोशन एजुकेशन के संस्थापक एवं सीईओ नितिन विजय का कहना है, एनटीए का पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में उठाया गया कदम स्वागत योग्य है। इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा को सुचारू रूप से आयोजित करना आसान नहीं है, लेकिन एजेंसी ने परीक्षा केंद्रों के बेहतर चयन, जियो-मैपिंग और स्थानीय प्रशासन की भागीदारी जैसे उपायों से इसे संभव बनाया है।

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एनटीए ने इस बार परीक्षा की निगरानी को और सख्त किया है। 90 प्रतिशत परीक्षा केंद्र सरकारी संस्थानों में रखे गए हैं। केंद्रों की जियो-मैपिंग की गई है और राज्य व जिला स्तर पर निगरानी समितियां बनाई गई हैं। साथ ही, परीक्षा से जुड़ी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए ऑनलाइन पोर्टल की भी शुरुआत की गई है।

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