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Nagaur News: हाईकोर्ट के आदेश पर बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन बहाल, 105 दिन तक जनरेटर से चलाना पड़ा काम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नागौर
Published by: प्रिया वर्मा
Updated Sat, 18 Oct 2025 12:24 PM IST
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सार
डिस्कॉम ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के घर का बिजली कनेक्शन बहाल कर दिया है। 11 लाख बकाया को लेकर डिस्कॉम ने मार्च में बेनीवाल के घर की बिजली काट दी थी।

हनुमान बेनीवाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बेंच के आदेश के बाद सांसद हनुमान बेनीवाल के नागौर स्थित आवास का बिजली कनेक्शन शुक्रवार शाम को बहाल कर दिया गया। डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) अशोक चौधरी ने बताया कि हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश में संशोधन करते हुए 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया था। यह आदेश 10 अक्टूबर को जारी हुआ था लेकिन इसकी कॉपी डिस्कॉम को शुक्रवार को प्राप्त हुई, जिसके बाद सांसद के भाई प्रेमसुख बेनीवाल के नाम पर दर्ज बिजली कनेक्शन को तुरंत जोड़ दिया गया।
एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया।
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।

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एसई चौधरी ने बताया कि प्रेमसुख बेनीवाल ने पहले ही 2 लाख रुपये जमा करवाए थे और अब कोर्ट के आदेशानुसार शेष राशि के लिए बैंक गारंटी जमा करने की प्रक्रिया पूरी की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले को सेटलमेंट के लिए भेजते हुए 15 दिनों के भीतर निस्तारण करने का निर्देश दिया है।
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गौरतलब है कि डिस्कॉम ने सांसद के आवास का बिजली बिल करीब 11 लाख रुपये बकाया बताया था। मार्च 2025 में प्रेमसुख बेनीवाल ने 2 लाख रुपये जमा कर मामले को सेटलमेंट में लेने की अर्जी दी थी। इसके बावजूद लगभग तीन महीने बाद डिस्कॉम ने बिना पूर्व सूचना के सांसद के आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया।
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सांसद हनुमान बेनीवाल ने इसे अनुचित ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सिंगल बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई में 6 लाख रुपये जमा कराने का आदेश दिया था। इसके विरोध में सांसद ने डबल बेंच में अपील की, जिसने 4 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया। सांसद बेनीवाल ने बताया कि इस गलती के कारण उनके आवास को 105 दिनों तक जनरेटर पर निर्भर रहना पड़ा, जिससे उन्हें काफी असुविधा हुई।
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले को सेटलमेंट में भेजते हुए दोनों पक्षों को 15 दिनों के भीतर विवाद का समाधान करने का निर्देश दिया है। सांसद ने कहा कि डिस्कॉम की कार्रवाई अनुचित थी और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई गलती नहीं थी, फिर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
यह मामला प्रशासनिक कार्रवाई और न्यायिक हस्तक्षेप का उदाहरण है और दर्शाता है कि बिजली विभाग की बिना सूचना की गई कार्रवाई आम जनता के लिए कितनी असुविधाजनक साबित हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या 15 दिनों के भीतर इस विवाद का स्थायी समाधान हो पाएगा।