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Rajsamand News: मार्बल रॉयल्टी बढ़ोतरी पर व्यापारी भड़के, खदान से मार्बल खरीदना बंद करने की दी चेतावनी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजसमंद
Published by: राजसमंद ब्यूरो
Updated Mon, 11 Aug 2025 08:02 PM IST
सार
Rajsamand News: मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी की यदि मार्बल पर रायल्टी की बडी हुई दरें वापस नहीं ली गई तो मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन के व्यापारी खदान से मार्बल नहीं खरीदेंगे, जिसका बड़ा असर यहां के रोजगार पर पड़ेगा।
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मार्बल पर राज्य सरकार द्वारा रॉयल्टी बढ़ाने पर मार्बल ट्रेडर्स ने किया विरोध
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विस्तार
राजसमंद में मार्बल रॉयल्टी दरें बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। मार्बल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सोमवार को साफ चेतावनी दी कि यदि रॉयल्टी में की गई बढ़ोतरी तुरंत वापस नहीं ली गई, तो व्यापारी खदान से मार्बल खरीदना पूरी तरह बंद कर देंगे। एसोसिएशन ने कहा कि यह कदम न केवल मार्बल उद्योग को संकट में डालेगा बल्कि स्थानीय रोजगार पर भी भारी असर डालेगा।
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बढ़ी हुई रॉयल्टी से व्यापार पर संकट
एसोसिएशन अध्यक्ष गोविंद सनाढ्य ने प्रेसवार्ता में बताया कि पहले मार्बल पर 320 रुपये रॉयल्टी और 40 रुपये डीएमएफटी फंड मिलाकर 360 रुपये प्रति टन शुल्क लिया जाता था। अब रॉयल्टी 400 रुपये और डीएमएफटी 50 रुपये कर दिया गया है, जिससे कुल 450 रुपये प्रति टन देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब रॉयल्टी मार्बल की कीमत से भी ज्यादा हो रही है, तो यह व्यापार के लिए असहनीय है।
खदानों का डिस्पैच 10 दिन से बंद
रॉयल्टी बढ़ोतरी के विरोध में खदान मालिक पिछले 10 दिनों से मार्बल का डिस्पैच बंद किए हुए हैं। अब ट्रेडर्स एसोसिएशन ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आधा-अधूरा समझौता स्वीकार नहीं होगा, बढ़ी हुई दरें पूरी तरह वापस ली जाएं।
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करोड़ों का राजस्व नुकसान
सनाढ्य ने बताया कि खदानें बंद रहने से सरकार को अब तक करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो चुका है। क्षेत्र में करीब 5,000 मार्बल ट्रेडर्स और सप्लायर्स काम करते हैं, जिनकी आजीविका पर इस फैसले का सीधा असर पड़ रहा है। प्रेसवार्ता में संरक्षक प्रकाश रांका, महामंत्री सुशील बड़ाला, कोषाध्यक्ष जितेंद्र बाफना, संगठन मंत्री संजय सांगानेरिया और मीडिया प्रभारी लक्ष्मी लाल इनाणी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।