Diana Pundole: जब दो बच्चों की मां ने थामी फरारी की स्टीयरिंग, बना दिया रिकॉर्ड
Diana Pundole: पुणे की डायना पनडोल, दो बच्चों की मां और भारत की पहली महिला जिन्होंने फरारी से इंटरनेशनल मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भाग लेकर इतिहास रचा। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी।
विस्तार
Diana Pundole: पुणे की 32 वर्षीय डायना पनडोल दो बच्चों की मां हैं, लेकिन उन्होंने अपनी ज़िंदगी की रफ़्तार को किसी सामाजिक परिभाषा में बांधने नहीं दिया। जहां एक ओर भारतीय महिलाएं अक्सर परिवार और करियर के बीच झूलती हैं, वहीं डायना ने फरारी की स्टीयरिंग थामी और रेस ट्रैक पर इतिहास रच दिया।
एक समय स्कूल की टीचर रही डायना ने “Women in Motorsport” पहल के तहत आवेदन किया था। पुरुष रेसर्स के बीच उतरकर उन्होंने नेशनल सैलून कार रेसिंग चैंपियनशिप 2024 का खिताब अपने नाम किया। यह जीत सिर्फ़ एक स्पोर्ट्स अचीवमेंट नहीं, बल्कि लिंग सीमाओं को तोड़ने की मिसाल है।
डायना ने साबित किया कि सपने न उम्र देखते हैं, न जिम्मेदारियां। उनकी रफ़्तार, आत्मविश्वास और साहस हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो अपने भीतर छिपे “रेसर” को अब तक समाज की अपेक्षाओं के नीचे दबाकर रखती आई है। उन्होंने न सिर्फ़ फिनिश लाइन पार की, बल्कि उस मानसिक रुकावट को भी पार कर लिया जिसने सदियों तक कहा “ये काम औरतों के नहीं होते।”
डायना पनडोल का जीवन परिचय
महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली डायना पनडोल 32 वर्षीय भारतीय महिला रेसर हैं। वह दो बच्चों की मां हैं और भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने फरारी कार से इंटरनेशनल मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और जीत दर्ज की। उनकी यह उपलब्धि भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के इतिहास में मील का पत्थर है, क्योंकि अब तक यह क्षेत्र मुख्यतः पुरुषों के वर्चस्व में रहा है।
डायना की शिक्षा और शुरुआती जीवन
डायना पनडोल का शुरुआती जीवन साधारण परिवार में बीता। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बतौर अध्यापिका करियर की शुरुआत की। लेकिन उनके भीतर हमेशा कुछ अलग करने की ललक थी, कुछ ऐसा जो उन्हें अपनी सीमाओं से आगे ले जाए। उन्हें रफ़्तार और कार रेसिंग का जुनून था, पर समाज और पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्होंने इसे कभी गंभीरता से नहीं सोचा। जब तक कि उन्होंने “Women in Motorsport” अभियान का पोस्टर नहीं देखा।
डायना की रेसिंग करियर की शुरुआत
“Women in Motorsport” पहल के तहत डायना ने आवेदन किया और ट्रैक पर उतरने का साहस दिखाया। उन्होंने पुरुष रेसर्स के साथ मुकाबला किया और शानदार प्रदर्शन करते हुए नेशनल सैलून कार रेसिंग चैंपियनशिप 2024 का खिताब जीत लिया। यह जीत न सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय बनी।
डायना पनडोल की उपलब्धियां
- वह भारत की पहली महिला हैं जिन्होंने फरारी कार से इंटरनेशनल मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप में भाग लिया।
- 2024 की नेशनल सैलून कार रेसिंग चैंपियनशिप की विजेता।
- शिक्षिका से प्रोफेशनल रेसर बनने का प्रेरक सफर।
- भारतीय महिला मोटरस्पोर्ट्स समुदाय में नई प्रेरणा बनीं।
- मोटरस्पोर्ट्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए रोल मॉडल।

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