Preetismita Bhoi: ओडिशा की युवा वेटलिफ्टिंग स्टार प्रतिष्मिता भोई ने बनाया विश्व रिकॉर्ड
Preetismita Bhoi: जानिए कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि से निकली लड़की प्रीतिस्मिता भोई ने वेटलिफ्टिंग में विश्व रिकाॅर्ड बनाया। क्या है उनकी उपलब्धियाँ, संघर्ष और लक्ष्य।
विस्तार
Preetismita Bhoi Biography: ओडिशा के ढेंकनाल की छोटी सी लड़की प्रतिष्मिता भोई आज ग्लोबल वेटलिफ्टिंग की दुनिया में अपना नाम बनाया है। सिर्फ किशोरी उम्र में ही उसने ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो बड़े-बड़ों को हैरान करता है। उन्होंने विश्व-रिकॉर्ड बनाया, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण जीता और देश की उम्मीदों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य किया। प्रतिष्मिता छोटे से शहर से आई एक ऐसी लड़की है, जिसने बहुत कम संसाधनों में बड़ा सपना देखा। उसकी ट्रेनिंग ओडिशा के वेटलिफ्टिंग हाई-परफॉर्मेंस सेंटर में हो रही है। कोच गोपाल कृष्ण दास ने कहा है कि उसका समर्पण और मेहनत सबसे बड़ी ताकत है और यही उसे अन्य युवा खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
बचपन और पृष्ठभूमि
प्रीतिस्मिता का जन्म 14 नवम्बर, 2008 को ओडिशा के ढेंकनाल में हुआ था। दो साल की उम्र में ही उसने अपने पिता को खो दिया और उनकी मां जमुना देवी ने आर्थिक चुनौतियों के बावजूद उन्हें और उनकी बहन को संभाला। स्थानीय केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई के दौरान, कोच गोपाल कृष्ण दास ने उनके दौड़ने की प्रतिभा देखी और उन्हें वेटलिफ्टिंग की ओर प्रेरित किया।
करियर की शुरुआत और संघर्ष
प्रीतिस्मिता ने अपने कोच के मार्गदर्शन में कम उम्र में ही ट्रेनिंग शुरू कर दी। महंगी सुविधाओं और संसाधनों की कमी के बावजूद, उन्होंने कड़ी मेहनत करते हुए राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में नाम कमाया। उनकी बहन भी वेटलिफ्टर है और दोनों ने मिलकर परिवार और कोच की मदद से आगे बढ़ने का मार्ग तय किया।
प्रतिष्मिता भोई के रिकॉर्ड और उपलब्धियां
- एशियन यूथ गेम्स 2025 (बहरीन) में उसने 44 किलो वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और क्लीन एंड जर्क में 92 किग्रा उठाकर एशियन और वर्ल्ड यूथ रिकॉर्ड बना दिया।
- इससे पहले 2024 में वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में उसने 76 किग्रा क्लीन एंड जर्क करके दुनिया का रिकॉर्ड तोड़ा।
- कुल मिलाकर, उसके अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन ने उसे सिर्फ एक युवा एथलीट नहीं, बल्कि भारत में भारी भरोसे की नयी एक उम्मीद बना दिया है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मझी ने उसकी एशियन यूथ गेम्स की जीत पर खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी। इसके अलावा, राज्य के खेल तंत्र और स्थानीय मीडिया में उसकी कहानी को युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत के रूप में पेश किया जा रहा है।

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