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IAS Garima Agrawal: जर्मनी की हाई सैलरी छोड़ बनीं IAS, पढ़िए गरिमा अग्रवाल की प्रेरक कहानी
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिवानी अवस्थी
Updated Tue, 11 Nov 2025 04:57 PM IST
सार
IAS Garima Agrawal: जानिए आईएएस गरिमा अग्रवाल की प्रेरक कहानी, IIT से जर्मनी में जॉब तक, फिर UPSC में AIR 40 रैंक हासिल कर बनीं अधिकारी। उनकी सफलता हर युवती के लिए प्रेरणा है।
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आईएएस गरिमा अग्रवाल
- फोटो : Instagram
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विस्तार
IAS Garima Agarwal: आज के दौर में जब अधिकतर युवा विदेश में बसने और बड़ी कंपनियों में करियर बनाने का सपना देखते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो देश की सेवा के लिए अपने आरामदायक जीवन को पीछे छोड़ देते हैं। ऐसी ही प्रेरक मिसाल हैं आईएएस गरिमा अग्रवाल, जिन्होंने आईआईटी हैदराबाद से बीटेक करने के बाद जर्मनी में जॉब पाई, पर अंततः देश सेवा को अपनाया और सिविल सर्विस का रास्ता चुना।
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गरिमा अग्रवाल की कहानी उन सभी बेटियों के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखने से डरती हैं। उन्होंने यह साबित किया कि कोई भी क्षेत्र महिलाओं के लिए कठिन नहीं, यदि वे दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि ‘जब एक महिला ठान ले, तो इतिहास बनता है।’ आइए जानते हैं कौन हैं गरिमा अग्रवाल और उनकी प्रेरक कहानी।
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गरिमा अग्रवाल का जीवन परिचय
गरिमा अग्रवाल का जन्म मध्य प्रदेश में हुआ। बचपन से ही वे पढ़ाई में बेहद तेज थीं। उन्होंने IIT-JEE परीक्षा पास कर IIT हैदराबाद में बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग) में दाखिला लिया। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने कॉलेज में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पढ़ाई के बाद उन्हें जर्मनी की एक प्रतिष्ठित कंपनी में जॉब ऑफर मिला। कुछ साल तक वहां काम करने के बाद उनके भीतर एक सवाल उठा, “क्या मैं अपने देश के लिए कुछ बड़ा कर सकती हूं?” यही विचार उनके जीवन की दिशा बदल गया।
UPSC की चुनी राह
गरिमा अग्रवाल ने 2017 में पहली बार UPSC परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में AIR 240 रैंक हासिल कर IPS बनीं। वे प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद की सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी पहुंचीं। लेकिन उनकी चाहत यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने ड्यूटी के साथ फिर से तैयारी की और 2018 में UPSC AIR 40 रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बन गईं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो कोई मंज़िल दूर नहीं रहती।
गरिमा अग्रवाल की उपलब्धियां
- आईआईटी और यूपीएससी, दोनों कठिन परीक्षाओं को पास कर “डबल अचीवर” बनीं।
- जर्मनी जैसी विकसित जगह छोड़कर भारत में समाजसेवा का रास्ता चुना।
- देश की उन महिला अफसरों में शामिल हैं जिन्होंने युवाओं के लिए शिक्षा और समर्पण का उदाहरण पेश किया।
- उनकी यात्रा यह दिखाती है कि ‘सफलता विदेश में नहीं, अपने भीतर की लगन में बसती है।’

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