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कारोबारी आज से ले सकते हैं अपने चेक
Shimla
Updated Tue, 14 May 2013 05:31 AM IST
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शिमला। फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कारोबारियों के लाइसेंस के लिए अतिरिक्त वसूली की वापसी मंगलवार से होगी। नगर निगम ने लाइसेंस बनाने के लिए पांच सौ रुपये की जगह दस हजार और सौ रुपये की जगह दो हजार रुपये कारोबारियों से वसूल लिए थे, जिन्हें वापस लौटाया जा रहा है। कारोबारी मंगलवार को अपनी राशि वापस लेने के लिए निगम आफिस की स्वास्थ्य शाखा में संपर्क कर सकते हैं। लाइसेंस बनाने को दिए शुल्क की असल रसीद के आधार पर कारोबारियों को अतिरिक्त वसूली का शुल्क चेक बनाकर लौटाया जाएगा।
राजधानी में खाद्य वस्तुओं का कारोबार करने वाले व्यवसायियों के फूड सेफ्टी एवं स्टैंडर्ड एक्ट 2006 के तहत बीते वर्ष लाइसेंस बनाए गए। लाइसेंस बनाने का जिम्मा नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा को सौंपा गया। सालाना बारह लाख से कम आमदनी वाले कारोबारियों से पंजीकरण की फीस सौ रुपये सालाना लेना तय हुई। कारोबारियों को अपनी वार्षिक आय का विवरण एफिडेविट के माध्यम से देना था। सैकड़ों कारोबारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया। लेकिन नगर निगम ने सौ रुपये की बजाय दो हजार की फीस कारोबारियों से वसूल ली। पांच साल का लाइसेंस एक साथ बनवाने वालों से पांच सौ रुपये की जगह दस हजार रुपये ले लिए। जुलाई 2012 की मासिक बैठक में कांग्रेस पार्षद सुरेंद्र चौहान और भाजपा पार्षद मनोज कुठियाला ने यह मामला उठाया। पार्षदों ने निगम प्रशासन से शहर के कारोबारियों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। 27 जुलाई 2012 में मामला सामने के बाद गलती को सुधारने के लिए प्रशासन को कई बैठकें करनी पड़ीं। अब करीब दस माह बाद निगम ने कारोबारियों को अतिरिक्त वसूली लौटाने का फैसला लिया है। निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. उमेश कुमार भारती ने मंगलवार से राशि रिफंड करने की पुष्टि की है।
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