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हिमाचल: शिमला जिला से अधिक दावेदार होने से फंसा सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल

अनिमेष कौशल, अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: अरविन्द ठाकुर Updated Mon, 12 Dec 2022 11:15 AM IST
सार

जिला शिमला से विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर और कुलदीप सिंह राठौर की दावेदारी मंत्री पद के लिए की जा रही है। वीरभद्र परिवार को प्रदेश सरकार में भागीदार बनाने के लिए विक्रमादित्य सिंह को मंत्री का पद मिलना लगभग तय है।

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cm sukhvinder singh sukhu cabinet ministers decision soon
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू। - फोटो : ANI
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सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल शिमला जिले से अधिक दावेदार होने से फंस गया है। मंत्रियों के नाम तय करने को लेकर अभी कुछ दिन और कांग्रेस की माथापच्ची जारी रहेगी। रविवार को शपथ समारोह के बाद देर शाम तक चुनाव पर्यवेक्षकों हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ सिसिल होटल में लंबी मंत्रणा की। ऐसे में मंत्री पद के लिए विधायकों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा।

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जिला शिमला से विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर और कुलदीप सिंह राठौर की दावेदारी मंत्री पद के लिए की जा रही है। वीरभद्र परिवार को प्रदेश सरकार में भागीदार बनाने के लिए विक्रमादित्य सिंह को मंत्री का पद मिलना लगभग तय है। ऐसे में दूसरे पद के लिए अनिरुद्ध सिंह, रोहित ठाकुर और कुलदीप सिंह राठौर में मुकाबला बढ़ गया है। अनिरुद्ध सिंह तीसरी बार विधायक बने हैं। कसुम्पटी सीट से उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज को हराया है।
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अनिरुद्ध को सुक्खू के खास विधायकों को गिना जाता है। अनिरुद्ध समर्थकों का तर्क है कि विक्रमादित्य सिंह को मंत्री बनाने से ऊपरी शिमला को भी प्रतिनिधित्व मिल रहा है। विक्रमादित्य सिंह मूल रूप से रामपुर से संबंध रखते हैं। ऐसे में शिमला से अनिरुद्ध की दावेदारी जताई जा रही है। रोहित ठाकुर चौथी बार विधायक बने हैं। इनके समर्थक ऊपरी शिमला का हवाला देकर मंत्री पद मांग रहे हैं।

पहली बार चुनाव जीते कुलदीप सिंह राठौर पूर्व में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। पार्टी ने चार उपचुनाव इनकी अगुवाई में जीते। इनके समर्थकों का दावा है कि विधानसभा चुनावों की जीत की नीवं उपचुनाव में पड़ी थी। राठौर ने पार्टी को एकजुट किया है। 42 वर्षों से संगठन से जुड़े हैं।  इनकी अनदेखी भी नहीं की जा सकती। उधर, रोहड़ू से विधायक बने मोहन लाल ब्राक्टा के समर्थक उनके लिए अनुसूचित जाति वर्ग से मंत्री पद देने की वकालत कर रहे हैं। रामपुर से विधायक बने नंदलाल को प्रतिभा गुट से माना जाता है। प्रतिभा सिंह के कोटे से इनके लिए भी मंत्री पद को लेकर लॉबिंग की जा रही है।

इन समीकरणों ने कांग्रेस पार्टी को उलझा दिया है। कांगड़ा जिला से कितने मंत्री बनाए जाएंगे, इसको लेकर भी पार्टी में मंथन जारी है। सुधीर शर्मा, चंद्र कुमार, आशीष बुटेल और संजय रत्न मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। पार्टी नेताओं के अनुसार, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, बिलासपुर और चंबा जिला को एक-एक मंत्री मिलना तय है। वरिष्ठ नेताओं ने नाम भी लगभग तय कर दिए हैं। मंडी और लाहौल स्पीति जिला को प्रतिनिधित्व देने को लेकर पार्टी अभी पसोपेश में है। बताया जा रहा है कि जिन जिलों को मंत्री पद नहीं मिलेगा, वहां से विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाकर राजनीतिक संतुलन बनाया जा सकता है

उपमुख्यमंत्री बनने के बाद हॉलीलॉज पहुंचे मुकेश अग्निहोत्री
उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद रविवार शाम मुकेश अग्निहोत्री और पार्टी के प्रदेश सह प्रभारी संजय दत्त हॉलीलॉज गए। रविवार सुबह सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शाम को मुकेश के हॉलीलॉज दौरे को पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह परिवार को अधिमान देने से जोड़कर देखा जा रहा है। विक्रमादित्य सिंह की रविवार को ताजपोशी नहीं होने से वीरभद्र परिवार में नाराजगी व्याप्त होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। ऐसे में बड़े नेताओं के हॉलीलॉज की चढ़ाई चढ़ने को कांग्रेस पार्टी में आपसी संतुलन बनाए रखने और मान-मनौव्वल से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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