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Himachal: बरठीं बस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच होगी, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख मुआवजा

अमर उजाला ब्यूरो, बिलासपुर/शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Wed, 08 Oct 2025 12:43 PM IST
सार

जिला बिलासपुर के बरठीं में भल्लू पुल के पास पहाड़ से मलबा व चट्टानें गिरने के कारण हुए बस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच होगी

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CM sukhvinder Sukhu said – the govt will give Rs 4 lakh each to the families of those killed in the Bilaspur a
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू। - फोटो : अमर उजाला
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 हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के बरठीं में भल्लू पुल के पास पहाड़ से मलबा व चट्टानें गिरने के कारण हुए बस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच होगी। राज्य सरकार ने एडीसी बिलासपुर को जांच के आदेश दिए हैं। उधर, मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार रुपये लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। बीते दिन हुए बस हादसे में लापता बच्चे का शव बुधवार सुबह मिल गया है। अब हादसे में जान गंवाने वालों की कुल संख्या 16 हो गई है। बता दें कि 18 बस यात्रियों में से केवल दो बच्चों भाई-बहन की ही जान बची है। इस बीच, एम्स बिलासपुर में भर्ती दो बच्चों को बुधवार को छुट्टी दे दी गई है। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी बुधवार सुबह हादसा स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हादसा भूस्खलन के कारण हुई एक प्राकृतिक आपदा है, इसके बावजूद वास्तविक कारण पता लगाने के लिए इसकी मजिस्ट्रियल जांच की जाएगी। सरकार ने एडीसी को जांच कर जल्द रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि कहा कि मृतकों के परिजनों के हरिद्वार आने-जाने के लिए फ्री बस पास की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए परिजन एचआरटीसी बिलासपुर के आरएम से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही, पात्र परिवारों को इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत भी लाभान्वित किया जाएगा।

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प्रदेश में सात हजार करोड़ रुपये का नुकसान: सीएम
सीएम ने कहा कि पिछले 30 जून के बाद जलवायु परिवर्तन से फर्क पड़ा है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर तक बारिश हो रही है। इससे मिट्टी गीली हो रही है। मिट्टी गीली होने के बाद पहाड़ में पानी घुस जाता है। उसके बाद भूस्खलन हुआ है। उन्होंने कहा कि रात को उनकी उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से बात हुई है। उन्हें कुल्लू में रात को अंतरराष्ट्रीय दशहरा छोड़कर आना पड़ा। उन्हें जाने को कहा गया। वह रात को ही घटनास्थल पर पहुंचे। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी भी नई दिल्ली में एक सम्मेलन में गए थे। उन्हें बुधवार को इसमें शामिल होना था, लेकिन रात को वापस आए। मृतकों को चार लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा गया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि घुमारवीं से कलोल के लिए सड़क है। भूस्खलन पहाड़ के स्वभाव में होता है। अक्तूबर महीने में आमतौर पर इस तरह से भूस्खलन नहीं होता है। सीएम सुक्खू ने कहा कि इस बरसात और उसके बाद अब तक हिमाचल प्रदेश में सात हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।


 

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वीरभद्र की प्रतिमा के साथ लगे पेड़ को हटाने की होगी जांच : सुक्खू
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के साथ लगे पेड़ को गायब करने के मामले में सीएम सुक्खू ने कहा कि उन्हें इसका पता लगा है। अगर उस पेड़ को गायब किया गया तो यह गलत बात है। जांच के बाद ही स्थिति सामने आएगी।

भाजपा बागवान विरोधी तो थी, पर पशुपालकों की विरोधी भी हो गई : सीएम
 सीएम सुक्खू ने दाड़लाघाट मामले में कहा कि 15 हजार के करीब महिलाएं आई थीं। उन महिलाओं के लिए जो दूध का रेट बढ़ाया है, उसके तहत सब्सिडी डीबीटी के माध्यम से दी जा रही थी। उन्होंने कहा कि 36 करोड़ रुपये दिए गए है। यह कार्यक्रम पशुपालकों को फायदा देने का था। भाजपा बागवान विरोधी तो थी, पर पशुपालकों की विरोधी भी हो गई है। कार्यक्रम में खाना नहीं मिल रहा था तो उन्हें उठकर चले जाना चाहिए था। वह पार्टी के कार्यकर्ता थे। कहां से थे, यह मालूम करना चाहिए।

15 दिन के भीतर पूरा करें यूटिलिटी डक्ट परियाेजना का काम : सुक्खू
 मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में 145 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की जा रही यूटिलिटी डक्ट के निर्माण कार्य की बुधवार को शिमला में समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण अधिकारियों को छोटा शिमला से विलेज पार्क तक निर्मित की जा रही 7 किलोमीटर लंबी डक्ट का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। बुधवार को सीएम सुक्खू ने कहा कि छोटा शिमला से ओकओवर तक इसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इस कार्य को आगामी 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने सड़क की टारिंग और स्ट्रीट लाइट लगाने के कार्य भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला न केवल हिमाचल प्रदेश की राजधानी है, बल्कि प्रदेश का प्रमुख पर्यटन गंतव्य है और इसके आकर्षण को बनाए रखा जाना चाहिए। इससे शहर को तारों के जाल से मुक्ति मिलेगी और पर्यटकों को भी बेहतर अनुभव प्राप्त होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वित होने से शिमला में पर्यटकों की आमद में वृद्धि होगी। परियोजना के तहत छोटा शिमला से विलीज पार्क सचिवालय से होते हुए राजभवन से ओक ओवर तक तथा शेरे-ए-पंजाब पंजाब से लोअर बाजार से सीटीओ तक यूटिलिटी डक्ट का नेटवर्क बिछाया जा रहा है। डक्ट में बिजली, पानी की लाइनों के साथ-साथ अन्य यूटिलिटी केबल बिछाई जाएंगी। इस दौरान विधायक हरीश जनारथा लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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