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S. Jaishankar: विदेश मंत्री बोले- भारत को मजबूत नेता, स्थिर सरकार की जरूरत, क्योंकि दुनिया में चल रहे संघर्ष

पीटीआई, शिमला Published by: अंकेश डोगरा Updated Tue, 28 May 2024 05:08 PM IST
सार

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया तनावपूर्ण स्थिति में है और चल रहे संघर्षों के जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है। ऐसे में एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि भारत के पास एक मजबूत नेतृत्व है।
 

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Foreign Minister S Jaishankar said India needs strong leaders and stable government
शिमला में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर - फोटो : @DrSJaishankar
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विस्तार
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया तनावपूर्ण स्थिति में है और चल रहे संघर्षों के जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है और इस परिदृश्य में भारत को एक स्थिर सरकार और "नेटवर्किंग, प्रतिष्ठा और सम्मान के साथ" एक मजबूत और शक्तिशाली नेता की जरूरत है। यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों के एक समूह से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-गाजा-ईरान में संघर्ष चल रहे हैं और भारतीय सीमाओं पर भी मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि भारत के पास एक मजबूत नेतृत्व है।

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'भारत को एक स्थिर सरकार और शक्तिशाली नेता की जरूरत'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "दुनिया तनावपूर्ण स्थिति में है और चल रहे संघर्ष इतनी जल्दी खत्म नहीं होंगे और इसलिए भारत को एक स्थिर सरकार, नेटवर्किंग, प्रतिष्ठा और सम्मान के साथ एक मजबूत और शक्तिशाली नेता की जरूरत है।" जयशंकर ने पूछा, "अगर आपका परिवार रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान यूक्रेन में होता, तो आप राष्ट्र के शीर्ष पर किसे चाहते होते - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या कोई और चेहरा।"

'हमारी सीमाओं पर भी हो सकते हैं संघर्ष'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडियाकर्मियों से कहा कि "मैं आगे चार-पांच साल का कठिन समय देख रहा हूं और मतदाताओं को समझदारी से मतदान करना चाहिए, क्योंकि हमारी सीमाओं पर भी इसी तरह के संघर्ष हो सकते हैं।" चीन सीमा पर 1962 में ली गई जमीन पर सड़क, पुल और मॉडल गांव का निर्माण कर रहा है और उसने पाकिस्तान और भारत के समन्वय से सियाचिन तक सड़क भी बनाई है, सीमा पर सेनाएं तैनात की हैं, रसद में सुधार किया है और भारत-चीन के लिए बजट भी तैयार किया है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा के लिए बजट को 3000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 1986 में जब अरुणाचल प्रदेश में चीन ने अतिक्रमण किया था तो इस विवाद को सुलझाने में करीब नौ साल लग गए। उस समय का विपक्ष आज सरकार में है। 1962 में भी चीन के साथ लड़ाई के दौरान अच्छे विपक्ष का भी परिचय दिया। आज विपक्ष का व्यवहार वैसा नहीं है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

'गलत रूट से आ रहा सेब तो होगी कार्रवाई'
एस. जयशंकर ने कहा कि आयात शुल्क की सीमा पिछली यूपीए सरकार के वक्त में ही तय की गई थी। यह आनंद शर्मा से पूछा जाना चाहिए। उसी वक्त आयात शुरू किया गया। सेब की पैदावार में बहुत बड़ा परिवर्तन आ रहा है। आने वाले वक्त में यह उत्पादकता बढ़ जाएगी। अमेरिका के साथ आयात शुल्क बढ़ाया गया था। उन्हें यह जानकारी मिली है कि कुछ और देशों से भी सेब आता है। यह विदेश, वाणिज्य और वित्त मंत्रालयों का संयुक्त विषय है। इसकी समीक्षा की जा रही है। अगर लगा कि यह गलत रूट से आ रहा है और कानून का दुरुपयोग हो रहा है तो इस पर कार्रवाई होगी।

'अग्निवीर योजना पर विपक्ष भ्रम फैला रहा'
एस. जयशंकर ने कहा कि अग्निवीर मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री बोले कि इस योजना पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है। अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जबकि केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में भी तो इनकी भर्तियां की जानी हैं। विदेश मंत्री बोले कि दलाईलामा 1959 से लेकर भारत में हैं। वह खुद ही भारत आए थे। उन्हें बुलाया नहीं गया था। चीन शासित तिब्बत को दलाई लामा के रहते मुक्त कर पाएंगे या नहीं। इसके उत्तर में यह बात एस. जयशंकर ने कही।

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