Dharamshala: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बोले- हार के डर से पंचायत चुनाव टालने का प्रयास कर रही कांग्रेस सरकार
बुधवार को नियम 67 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर पलटवार करते हुए कहा कि 1975 में लगे आपातकाल जैसे हालात हिमाचल में बना दिए हैं। बीते तीन साल के दौरान सरकार ने व्यवस्थाओं को तहस-नहस कर दिया है। चुनाव परिणाम भी सरकार के पक्ष में नहीं होंगे, यह जानकारी इन्हें मिल गई है।
विस्तार
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हार के डर से पंचायत चुनाव टालने का प्रयास कर रही है। बुधवार को नियम 67 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर पलटवार करते हुए कहा कि सिर्फ कहने से संविधान के रक्षक नहीं बन सकते, व्यावहारिक तौर पर पालन भी करना होगा। टालने से चीजें नहीं सुधरती और अधिक बिगड़ जाती हैं। मुख्यमंत्री को स्थितियों का सामना करने की आदत डालनी चाहिए।
जब किसी को कुछ समझा न सको तो खज्जल करने की नीति पर सरकार चल रही है। उन्होंंने कहा कि पंचायतीराज और शहरी निकायों के चुनाव पांच साल बाद होना अनिवार्य है। इन्हें विशेष परिस्थितियों में छह माह में पहले या बाद में करवाने का प्रावधान है। कांग्रेस सरकार संविधान के 73वें संशोधन का सम्मान नहीं कर रही है। मुख्यमंत्री सरकार को ऐसे चला रहे हैं जैसे एनएसयूआई को चला रहे हैं। फैसलों को लेते ही बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री किसी की सुनते नहीं हैं, अगर सुनते हैं तो बात मानते नहीं। 1975 में लगे आपातकाल जैसे हालात हिमाचल में बना दिए हैं। बीते तीन साल के दौरान सरकार ने व्यवस्थाओं को तहस-नहस कर दिया है। चुनाव परिणाम भी सरकार के पक्ष में नहीं होंगे, यह जानकारी इन्हें मिल गई है। इस कारण ही चुनाव टालने के प्रयास किए जा रहे हैं। काेविड जैसे संकट के दाैरान हमारी सरकार ने दिसंबर 2020 में पंचायतीराज चुनाव करवाए थे। हमीरपुर के उपायुक्त से पत्र जारी करवाया गया कि यहां हालात ठीक नहीं है। जयराम ठाकुर ने पूछा कि आपदा से हमीरपुर में ऐसी कोई सी परेशानियां खड़ी हुई हैं।
मुख्यमंत्री बोलते हैं कि सड़कें बंद हैं जबकि लोक निर्माण मंत्री कहते हैं सिर्फ 12 सड़कें बंद हैं। उन्होंने कहा कि जब सड़कें बंद हैं तो सेब को मंडियों तक पहुंंचाने के दावे किस आधार पर किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जंगलराज नहीं चलेगा। चुनाव जल्द करवाने चाहिए। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी स्थायी नहीं होती है। ऐसे में मुख्यमंत्री को मन बना लेना चाहिए, अगर ऐसा नहीं किया तो बाद में जोरदार झटका लगेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा एकजुट और एक गुट है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिमला नगर निगम में अपने मेयर मित्र के लिए कार्यकाल पांच साल तक बढ़ा दिया है। नियम के अनुसार मेयर का कार्यकाल ढाई साल होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय में नगर निगम शिमला के चुनाव देरी से होने का कारण राजनीतिक नहीं था।