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Himachal: बिना कीटनाशकों के बिना भी तैयार होंगी फल-सब्जियां,नौणी विश्वविद्यालय ने नैनो फंगीसाइड किया तैयार

सोमदत्त शर्मा, संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन Published by: Krishan Singh Updated Thu, 18 Jan 2024 11:37 AM IST
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सार

नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे किसानों और बागवानों की खेती में रसायनों के छिड़काव में आने वाली लागत भी 50 से 70 फीसदी तक घट जाएगी।

Fruits and vegetables will be ready even without pesticides, Nauni University has prepared nano fungicide
फल और सब्जियां - फोटो : अमर उजाला

विस्तार
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फल और सब्जियां अब कीटनाशकों के छिड़काव के बिना भी तैयार हो जाएंगी। बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका समेत चार सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने इसका एक बेहतर विकल्प तैयार किया है। टीम ने नैनो यूरिया की तरह रसायनों का नैनो फंगीसाइड (सिंथेटिक फंगीसाइड) तैयार किया है।

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छह साल तक चले शोध में पाया गया कि यह जहरीले रसायनों के मुकाबले मात्र 15 से 20 फीसदी तक उपयोग होगा और फसलों व पौधों में लगने वाली बीमारियों पर अधिक असरदार होगा। नौणी विवि के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे किसानों और बागवानों की खेती में रसायनों के छिड़काव में आने वाली लागत भी 50 से 70 फीसदी तक घट जाएगी। साथ ही सब्जियों और फलों में पेस्टीसाइड भी न के बराबर होगा। भारत सरकार ने इसे पेटेंट कर दिया है। इसके शोध पत्र भी प्रकाशित हो चुके हैं।
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शिमला मिर्च, आम पर सफल ट्रायल
औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय नेरी हमीरपुर में पादप रोग विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मोनिका ने बताया कि उनकी टीम ने अभी तक शिमला मिर्च और आम पर इसका सफल ट्रायल किया है। इन दोनों फसलों को जो भी बीमारियां लगीं, उसमें इस नैनो फंगीसाइड के छिड़काव का बेहतर असर हुआ।

अब फलों और कई फसलों पर ट्रायल शुरू
अब कई फलों और फसलों पर आगामी ट्रायल शुरू कर दिए हैं। इनमें संतरा, किनू, आम समेत लोअर हिमाचल प्रदेश में पाए जाने वाले सभी फलों और सब्जियों पर भी ट्रायल किए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि इससे तैयार सब्जियां शरीर के लिए हानिकारक नहीं होगी।

नैनो फंगीसाइड किसानों-बागवानों के लिए लाभदायक होगा। उनकी खेती की लागत भी घटेगी। इस पर टीम ने आगामी शोध शुरू कर दिए हैं। इसमें कई फसलों पर ट्रायल होंगे। ट्रायल सफल होते ही इसे बाजार में उतारा जाएगा। - प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल, कुलपति, नौणी विवि

 

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