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हिमाचल: हाईकोर्ट ने कहा- अधिक मेधावी होने पर आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को नहीं हो सकता नुकसान

संवाद न्यूज एजेंसी, शिमला। Published by: Krishan Singh Updated Sat, 20 Dec 2025 01:06 PM IST
सार

कानूनी व्यवस्था देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार अपनी योग्यता के बल पर सामान्य श्रेणी में चुना जाता है तो उसे उसकी पसंद का जिला या पद आवंटित करने में नुकसान नहीं होना चाहिए।

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Himachal: High Court says reserved category candidate cannot be disadvantaged for being more meritorious.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय - फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कानूनी व्यवस्था देते हुए स्पष्ट किया है कि यदि कोई आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार अपनी योग्यता के बल पर सामान्य श्रेणी में चुना जाता है तो उसे उसकी पसंद का जिला या पद आवंटित करने में नुकसान नहीं होना चाहिए। न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवॉल दुआ की अदालत ने इस संबंध में एक याचिका को स्वीकार करते हुए शिक्षा विभाग को कड़े निर्देश जारी दिए हैं कि याचिकाकर्ता को शिमला के स्थान पर तुरंत सोलन जिला आवंटित किया जाए। याचिकाकर्ता को सोलन जिले में वही वरिष्ठता प्रदान की जाए जो उन्हें शिमला में नियुक्ति के समय मिली थी। हाईकोर्ट ने विभाग को 8 सप्ताह के भीतर नए नियम या निर्देश बनाने का आदेश दिया है जिससे भविष्य में किसी भी मेधावी आरक्षित उम्मीदवार को सामान्य श्रेणी में शिफ्ट होने पर जिला आवंटन में नुकसान न उठाना पड़े।

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याचिकाकर्ता ने अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी के तहत बैच आधारित जेबीटी भर्ती के लिए आवेदन किया था। आवेदन के समय उन्होंने अपनी पहली पसंद जिला सोलन भरी थी। जब चयन प्रक्रिया का परिणाम आया तो याचिकाकर्ता ने बहुत अच्छे अंक प्राप्त किए, जिसके कारण विभाग ने उन्हें मेरिटोरियस रिजर्ल्ड कैटेगरी (एमआरसी) मानते हुए सामान्य श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया। सामान्य श्रेणी में शिफ्ट होने के बाद सामान्य वर्ग की मेरिट लिस्ट में उनका स्थान नीचे चला गया। इसके परिणामस्वरूप विभाग ने उन्हें उनकी पहली पसंद सोलन के बजाय दूसरी पसंद शिमला आवंटित कर दी। जबकि, उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित श्रेणी के अन्य उम्मीदवारों को सोलन जिला मिल गया, क्योंकि वे आरक्षित सूची में ही बने रहे। अदालत ने पाया कि यह विसंगतिपूर्ण है कि कम अंक वाले उम्मीदवार को पसंद का जिला मिल जाए और अधिक अंक वाले को नहीं। 

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