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Himachal High Court strict on lack of infrastructure in colleges, seeks affidavit from govt within four weeks
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Himachal: कॉलेजों में आधारभूत ढांचा नहीं होने पर हिमाचल हाईकोर्ट सख्त, सरकार से चार हफ्ते में मांगा शपथपत्र
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Sat, 07 Oct 2023 10:51 AM IST
सार
हाईकोर्ट ने सूबे के डिग्री कॉलेजों में आधारभूत ढांचा न होने पर कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से प्रदेश के सभी कॉलेजों की जानकारी की तलब की है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सूबे के डिग्री कॉलेजों में आधारभूत ढांचा न होने पर कड़ा संज्ञान लिया है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सरकार से प्रदेश के सभी कॉलेजों की जानकारी की तलब की है। अदालत ने सरकार को यह जानकारी देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। मामले की सुनवाई 21 नवंबर को निर्धारित की गई है। अदालत ने अपने आदेशों में कहा कि याचिका के निपटारे के लिए प्रदेश के सभी कॉलेजों की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश की जानी जरूरी है। अदालत ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह सभी कॉलेजों में शिक्षकों का ब्योरा, भवन निर्माण, बुनियादी ढांचे और बजट आवंटन की जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दें। अदालत ने कहा है कि यदि किसी कॉलेज में कोई कमी दूर की जानी है जो उसके लिए प्रस्तावित समय से भी अदालत को अवगत करवाया जाए।
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बता दें कि छात्रों की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर अदालत ने 21 जून 2019 को संज्ञान लिया था। अदालत के हस्तक्षेप से फाइन आर्ट्स कॉलेज के भवन निर्माण कार्य में तेजी आई थी। अदालत ने अपने आदेशों में कहा था कि छात्रों के पत्र को शिकायत नहीं कहा जा सकता है। हालांकि उन्होंने कॉलेज के आधारिक संरचना की मांग की है, जिसे पूरा करने में राज्य सरकार विफल रही है। भारत के पहले प्रधान मंत्री के नाम पर जवाहर लाल नेहरू कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स शिमला प्रदेश का एकमात्र सरकारी संस्थान है। यहां पर प्रदर्शन और ललित कलाओं के लिए क्षमता रखने वाले युवाओं को प्रशिक्षित किया जाता है। जून 2015 में अस्तित्व में आने के बाद इस कॉलेज का संचालन राजीव गांधी कॉलेज चौरा मैदान के परिसर से किया जा रहा है। हालांकि, सभी सुविधाओं के साथ एक बड़ा परिसर बनूटी के लुहारब में निर्माणाधीन है। कलाओं में विशिष्ट प्रशिक्षण और प्रासंगिक डिग्री प्रदान करने के लिए सरकार ने इस कॉलेज की स्थापना की थी।
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