हिमाचल: सेवानिवृत्त जजों के बकाया, नियुक्तियां नहीं करने पर हाईकोर्ट सख्त, हलफनामा दायर करने के आदेश
हाईकोर्ट ने सेवानिवृत न्यायाधीशों की एक अक्तूबर 2014 से लंबित मेडिकल रीइंबर्समेंट की बकाया राशि को तुरंत क्लीयर करने के आदेश दिए हैं।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेवानिवृत न्यायाधीशों की एक अक्तूबर 2014 से लंबित मेडिकल रीइंबर्समेंट की बकाया राशि को तुरंत क्लीयर करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार को फंड जारी करने को लेकर व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि पिछले दो वर्षों में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की ओर से भेजे गए सभी प्रस्तावों का विवरण दिया जाए कि किस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है और किसे अस्वीकार किया गया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्रार जनरल की ओर से मांगे जाने वाले सभी फंडों को एक सप्ताह के भीतर तुरंत उपलब्ध कराया जाए, अन्यथा आवश्यक आदेश जारी किए जाएंगे। इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी।
अदालत में नियमित आधार पर नियुक्तियां की जाए
अदालत ने कहा है कि अगर आवश्यक हलफनामा दायर कर दिया जाता है तो अधिकारी को उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। न्यायालय ने पाया कि हाईकोर्ट की ओर से भेजे गए अधिकांश प्रस्तावों को वित्त विभाग की ओर लगातार अक्षमता व्यक्त करते हुए रोक दिया गया है। खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि अदालत में नियमित आधार पर नियुक्तियां की जाए। पांच अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों और पांच सिविल न्यायाधीशों के न्यायालय के सहायक कर्मचारियों को नियमित आधार पर आवश्यक अधिसूचना जारी करने को कहा गया है, जिसमें जजमेंट लेखक के पद भी शामिल हैं। अदालत ने शेष तीन अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों और 34 सिविल न्यायाधीशों के पदों के सृजन के लिए तुरंत उचित कदम उठाने को कहा है। खंडपीठ ने कहा है कि हाईकोर्ट में नए नियुक्त न्यायाधीशों के लिए दो वाहनों की आवश्यक स्वीकृति प्राप्त की जाए और यह राशि अगली सुनवाई की तारीख तक उपलब्ध कराई जाए। खंडपीठ ने लॉ इंटर्न का वजीफा 25 हजार से बढ़ाकर 40 हजार करने के लिए उचित अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं।
ठेका आधार पर नियुक्ति पर सरकार को फटकार
न्याय प्रणाली में ठेका आधार पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्थायी लोक अदालत चलाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने को भी निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान सचिव को सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लंबित बकाया को लेकर प्रधान सचिव वित्त को 10 करोड़ रुपये का चेक लेकर कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे।