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हिमाचल: डीसीजीआई की सख्ती पर निर्माताओं की दो टूक, बंद कर देंगे 300 फार्मा इकाइयां

संवाद न्यूज एजेंसी, बद्दी (सोलन)। Published by: Krishan Singh Updated Thu, 13 Nov 2025 11:27 AM IST
सार

 ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की सख्त नीतियों को लेकर असंतोष पनप रहा है। खामियां पाए जाने पर दवा उत्पादन रोकने को लेकर दवा निर्माता अब इसके विरोध में उतर आए हैं।

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Himachal: Manufacturers bluntly respond to DCGI's strictness, will close 300 pharma units
उद्योग(सांकेतिक) - फोटो : संवाद
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विस्तार
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 देश के दवा उद्योग में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की सख्त नीतियों को लेकर असंतोष पनप रहा है। खामियां पाए जाने पर दवा उत्पादन रोकने को लेकर दवा निर्माता अब इसके विरोध में उतर आए हैं। हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों बद्दी, सोलन और सिरमौर में फार्मा उद्योग से जुड़े संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि नीति में राहत नहीं दी गई तो करीब 300 दवा इकाइयां बंद हो सकती हैं। इससे हजारों श्रमिकों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। लघु उद्योग संघ के राज्य अध्यक्ष अशोक राणा ने कहा कि सीडीएससीओ का संचालन अब नौकरशाही और निरंकुश ढंग से किया जा रहा है।

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नियामक संस्था उद्योग से बिना संवाद किए निर्णय ले रही है और छोटे उद्यमियों को नीति-निर्माण से बाहर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की इकाइयों को जोखिम आधारित निरीक्षणों में अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चिरंजीवी ठाकुर ने कहा कि डीसीजीआई की नीतियां जमीनी हकीकत से मेल नहीं खा रहीं। छोटे और मध्यम उद्यम सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च गुणवत्ता की दवाएं बना रहे हैं, लेकिन अत्यधिक निरीक्षण और प्रशासनिक दबाव से उनका अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने कहा कि नियामक संस्था को उद्योग को डराने के बजाय उसका मार्गदर्शन करना चाहिए। संगठनों ने केंद्र सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि यदि लघु और मध्यम फार्मा इकाइयों की आवाज नहीं सुनी गई, तो यह हिमाचल ही नहीं, पूरे देश के दवा उद्योग के लिए अच्छा निर्णय नहीं होगा।

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उपकरणों की खरीद में पारदर्शिता बरतें: शांडिल
हिमाचल प्रदेश के हर स्वास्थ्य संस्थान में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य उपकरण, डायग्नोस्टिक और लैब उपलब्ध हों। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने बुधवार को सचिवालय में उच्च स्तरीय खरीद समिति (एचपीपीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने उपकरणों और आपूर्तियों की निविदा और खरीद की प्रक्रिया को तेजी लाने और पारदर्शी बनाने रखने को कहा। हिमाचल के हर स्वास्थ्य केंद्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचनी चाहिए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में स्वास्थ्य ढांचे के आधुनिकीकरण और मजबूती और राज्यभर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। 

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