Himachal Rain: बिलासपुर में फटा बादल, पांच गाड़ियां क्षतिग्रस्त, भूस्खलन से राज्य में 561 सड़कें बंद
बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गांव गुतराहन में शनिवार सुबह बादल फटने से तबाही हुई है। कई वाहन मलबे में दब गए हैं।

विस्तार
हिमाचल प्रदेश में माैसम का कहर लगातार जारी है। बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गांव गुतराहन में शनिवार सुबह बादल फटने से दो वाहन मलबे में दब गए और पांच क्षतिग्रस्त हुए हैं। क्षतिग्रस्त वाहनों को निकाल लिया है। मलबा आने से नम्होल-डाबर सड़क बंद हो गई। वहीं ग्रामीण कश्मीर सिंह के खेतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। पानी का बहाव सड़क की ओर मुड़ गया, अन्यथा गुतराहन गांव में बड़ी तबाही हो सकती थी। वहीं दो दिन से हो रही लगातार बारिश के कारण घुमारवीं में सीर खड्ड का जलस्तर बढ़ गया है। इस बरसात में यह सबसे ज्यादा है।

भरमौर-पठानकोट हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन
राज्य में शनिवार शाम तक भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे सहित 561 सड़कें बंद रहीं। 237 बिजली ट्रांसफार्मर व 317 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में 170, मंडी 159, शिमला 58, कांगड़ा 45, चंबा 38 व सिरमाैर में 21 सड़कें बंद हैं। उधर,भरमौर-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहड़, मैहला के समीप बीती रात भारी बारिश के साथ भूस्खलन हुआ है। इससे हाईवे पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। रफ्तार थमने से वाहन चालकों और यात्रियों को वाहनों में बैठकर हाईवे पर आवागमन बहाल होने का इंतजार करना पड़ा। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाईवे पर पेड़ गिरने, मलबा आने से वाहनों की रफ्तार थमी।
कई भागों में इतने दिन बरसेंगे बादल
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई भागों में 19 सितंबर तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। 13 व 14 सितंबर के लिए कुछ स्थानों पर भारी बारिश, अंधड़ चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट के बीच शनिवार सुबह से कई भागों में झमाझम बारिश हो रही है। शिमला में धूप खिलने के साथ हल्के बादल छाए हुए हैं। बीती रात को पालमपुर में 86.0, मुरारी देवी 69.2, कांगड़ा 58.2, जोगिंद्रनगर 45.0, अघार 16.8, नयना देवी 16.6, धर्मशाला 14.8, मंडी 13.6, बरठीं 7.6 व काहू में 7.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
मानसून में अब तक 394लोगों की माैत
इस मानसून सीजन के दौरान अभी तक कुल 4,467 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 20 जून से 13 सितंबर तक 394 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 455 लोग घायल हुए हैं। 41 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 173 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। राज्य में 544 पक्के, 859 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1894 पक्के और 4058 कच्चे मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है। 5,993 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई। वहीं 2086 मवेशियों की माैत हो गई।
भूस्खलन से नड्डल गांव में बिजली ट्रांसफार्मर लाइनों सहित ध्वस्त
चंबा की लाहडू पंचायत के नड्डल गांव में उठाऊ पेयजल योजना के लिए स्थापित बिजली ट्रांसफार्मर, पोल और लाइनों समेत ही भूस्खलन से ध्वस्त हो गया। बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार सुबह के समय भूस्खलन के कारण इस प्रकार का मामला प्रकाश में आया। ऐसे में आगामी दिनों में पंचायत के कई गांवों में ग्रामीणों को पानी के लिए परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। क्षेत्र में भारी बारिश के बाद अब भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। इसी के चलते शनिवार सुबह नड्डल गांव में भारी भूस्खलन की जद में आने से ट्रांसफार्मर, बिजली लाइन, पोल धड़ाम हो गए हैं।
छैला-पराला-सैंज सड़क पर भारी भूस्खलन,देखिए लाइव वीडियो
ठियोग उपमंडल के अंतर्गत छैला-पराला-सैंज सड़क पर फिर भारी भूस्खलन हुआ है। शनिवार दोपहर करीब 3:00 बजे पराला नाले के पास पहाड़ी का बड़ा हिस्सा भरभराकर सड़क पर गिर पड़ा। देखते ही देखते मलबा और पत्थरों का ढेर सड़क पर जमा हो गया, जिससे यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। विभाग की मशीनरी मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने में जुट गई और कई घंटों की मशक्कत के बाद मार्ग आंशिक रूप से बहाल हो सका। प्रशासन ने लोगों को वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। इस सड़क का जोखिम लगातार बना हुआ है, क्योंकि अकसर यहां भूस्खलन के कारण यातायात बाधित रहता है। स्थानीय लोगों और वाहन चालकों का कहना है कि हर बार बारिश के बाद यह सड़क बंद हो जाती है, जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है, बल्कि सब्जी, फल और अन्य आवश्यक सामान को बाजार तक पहुंचाने में भारी दिक्कत आती है। पिछले सप्ताह भी इसी सड़क पर भूस्खलन के चलते लगभग 15 घंटे तक यातायात प्रभावित रहा था।
रौह व सापड़ी गांव में भूस्खलन से आठ घर क्षतिग्रस्त, 30 परिवार प्रभावित
सरसकान पंचायत के रौह व सापड़ी गांव में शनिवार रात भारी भूस्खलन ने तबाही मचाई। करीब आठ घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई घर खतरे की जद में आ गए। करीब 30 परिवार प्रभावित हुए हैं। प्रभावित परिवारों ने पूरी रात दूसरे घरों में शरण लेकर बिताई। अचानक हुई इस घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अचानक जमीन खिसक गई और देखते ही देखते उसने विकराल रूप धारण कर लिया। भूस्खलन से गांव के बीचों-बीच दरारें पड़ गईं। मिट्टी व मलबा कई घरों तक जा पहुंचा। कुछ घरों की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। लोगों ने समय रहते बाहर निकलकर जान बचाई अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने हालात का बारीकी से निरीक्षण किया। भाजपा नेता रजत ठाकुर और विधायक चंद्रशेखर की पत्नी कविता शेखर ने भी प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें ढाढ़स बंधाया।
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