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Himachal Weather: भूस्खलन से तीन मकान क्षतिग्रस्त, राज्य में 266 सड़कें बाधित, भारी बारिश का अलर्ट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Mon, 04 Aug 2025 05:41 PM IST
सार

कुल्लू जिले के निरमंड खंड के तहत कुशवा पंचायत 15/20 के नोनू गांव में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। 

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Himachal Weather: Cloudburst causes devastation in Nonu village Kushwa Nirmand,
निरमंड के नोनू गांव में फटा बादल। - फोटो : संवाद
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हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड खंड के तहत कुशवा पंचायत के 15/20 क्षेत्र के नोनू गांव में रविवार रात को भूस्खलन से तबाही हुई है। भूस्खलन की चपेट में आने से तीन घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सूचना मिलते ही प्रशासन और राजस्व की टीम मौके के लिए रवाना हुई। तीन मकानों में चरणदास, सुरजीत और राजीव कुमार रह रहे थे। स्थानीय निवासी चरण दास का पूरा बगीचा भूस्खलन की चपेट में आ गया है। उनका शेड और शौचालय भी मलबे में समा गया है। मकान भी खतरे की जद में है। सुरजीत का मकान कभी भी ढह सकता है और राजीव कुमार के मकान के पास भूस्खलन होने से उनका घर खतरे की जद में है। बागवान राजीव कुमार के 3,540 फलदार सेब के पौधे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से कुशवा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क कई जगह से बाधित हो गई है। इससे गांव का अन्य क्षेत्रों से संपर्क पूरी तरह कट गया है। 

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मनाली में शिक्षण संस्थान बंद, राज्य में 266 सड़कें बाधित
उधर, भारी बारिश के अलर्ट के कारण मनाली उपमंडल के सभी शिक्षण संस्थानों को सोमवार को बंद रखा गया। क्षेत्र में लगातार जारी बारिश के चलते लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है। राज्य में सोमवार शाम तक एक नेशनल हाईवे सहित 266 सड़कें बाधित रहीं। 41 बिजली ट्रांसफार्मर व 282 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 155 सड़कें व 86 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। चंबा में 49 व कांगड़ा जिले में 120 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं। 

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हाईवे के साथ 9 मील में बसे 13 परिवारों ने डर के साए में गुजारी रात
भारी बारिश ने पड़ोह क्षेत्र के हाईवे के साथ बसे लोअर 9 मील में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। उफान पर आए जागर नाले में कारण 10:00 बजे चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया। नाले से बडे़-बड़े पत्थर हाईवे पर आ गए जिससे हाईवे के नीचे बना पानी का कलवर्ट बंद हो गया। पानी का बहाव मुड़कर लोअर 9 मील की ओर हो गया। इससे लोअर 9 मील में 13 परिवारों ने पूरी रात डर के साए में काटी। हालांकि, एनएच को रात करीब 11:00 बजे के आसपास अस्थायी रूप से बहाल किया गया, जिसके बाद कुछ हद तक लोगों ने राहत की सांस ली।  9 मील निवासी सूरत राम ने बताया कि 2023 से ही इस नाले की ये स्थिति बनी हुई है। उन्होंने डीसी मंडी से अपील की है कि जागर नाले में मौजूद बड़े पत्थर को जल्द से जल्द तोड़ा जाए ताकि नाले का बहाव अवरुद्ध न हो। इसके साथ ही लोगों ने नाले पर बनी सड़क की पुलिया को पूरी तरह से साफ करने का अनुरोध किया है।  स्थानीय सूरत राम व अन्य गांववासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस संवेदनशील क्षेत्र में स्थायी समाधान किया जाए।

भरमौर-पठानकोट हाईवे पर परिहार के समीप दरकी पहाड़ी
भरमौर-पठानकोट हाईवे परिहार के समीप पहाड़ी दरकने से यातायात के लिए बंद पड़ गया। हाईवे पर भूस्खलन से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस कारण चंबा से पठानकोट, शिमला, कांगड़ा जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।  वहीं बाहरी जिलों, राज्यों से आने वाली बसों के पहिये भी थम गए। सूचना मिलने के बाद बनीखेत और चंबा की ओर से हाईवे प्रबंधन की मशीनरी मौके के लिए रवाना हुई। हाईवे प्रबंधन चंबा मंडल के अधिशासी अभियंता मीत कुमार ने बताया कि हाईवे बहाल कर दिया है।

दो दिन कई भागों के लिए ऑरेंज अलर्ट, इतने दिन बरसेंगे बादल
हिमाचल प्रदेश में 4 से 8 अगस्त के दौरान बारिश की अधिक गतिविधि होने की संभावना है, जिसकी अधिकतम तीव्रता 4 अगस्त को होगी। बीते 24 घंटों के दाैरान कसौली में 82.0, नयना देवी 62.6, जोगिंद्रनगर 60.0, ब्राह्मणी 49.2, मनाली 45.0, गुलेर 29.0, पंडोह 27.0, करसोग 26.2, सराहन 25.5, बीबीएमबी 24.0 व शिमला में 22.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 4 और 5 अगस्त को अधिकांश स्थानों पर और 6 से 10 अगस्त तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। वहीं अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।  4-5 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर जिले में  भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। 6 से 8 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी हुआ है। 

मानसून में अब तक 1,990 कच्चे-पक्के घर क्षतिग्रस्त
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 4 अगस्त तक 192 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 301 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस दाैरान 81 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है।  बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,990 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,524 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,546 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,75,363.84 लाख रुपये पहुंच गया है।

चंडीगढ़-मनाली एनएच नौ मील में भूस्खलन से ढाई घंटे रहा बंद
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर मंडी-पंडोह मार्ग के 9 मील क्षेत्र में सोमवार सुबह फिर पहाड़ी से भारी मलबा और पत्थर गिर गए।  भूस्खलन तड़के करीब 4:00 बजे हुआ, जिससे सड़क पूरी तरह अवरुद्ध हो गई। हाईवे को करीब ढाई घंटे बाद सुबह 6:30 बजे यातायात के लिए खोला गया। इसके बाद हाईवे फिर लगभग 9:00 बजे बंद हुआ और लगभग एक घंटे के बाद खुला। इस दौरान कुल्लू अस्पताल से चंडीगढ़ पीजीआई जा रही एक एंबुलेंस भी फंस गई। वहीं मलबे में एक वाहन भी फंस गया था। गाड़ी में सवार यात्री समय रहते बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए। रातभर हुई तेज बारिश के चलते जागर नाले का पानी भी सड़क पर आ गया था, जिससे हाईवे रात को बाधित रहा।  यह क्षेत्र अब हाईवे का सबसे संवेदनशील हिस्सा बन चुका है। आए दिन मलबा गिरने की घटनाएं यहां आम हो गई हैं। लगातार हो रही घटनाओं से स्थानीय लोगों और इस मार्ग पर यात्रा करने वालों में दहशत का माहौल है। लोगों ने प्रशासन और एनएचएआई से इस स्थान पर स्थायी समाधान की मांग की है ताकि बार-बार जान का जोखिम न उठाना पड़े। 

आपदा प्रभावित क्षेत्रों में 5,440 जलापूर्ति योजनाएं अस्थायी रूप से बहाल
प्राकृतिक आपदा के चलते प्रदेश में ठप हुईं जलापूर्ति योजनाओं में से 5,440 को जल शक्ति विभाग ने अस्थायी रूप से बहाल कर दिया है। कुल प्रभावित योजनाओं में से करीब 95 प्रतिशत बहाल हो गई हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस कार्य के लिए विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की है। आपदा के कारण जल शक्ति विभाग को करीब 580.30 करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदेश में कुल 10,067 जलापूर्ति योजनाएं संचालित हैं, जिनमें 3,210 लिफ्ट, 335 ट्यूबवेल और 6,522 ग्रेविटी आधारित योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं में से भारी वर्षा के चलते 5805 योजनाएं प्रभावित हुईं, परंतु विभाग ने युद्ध स्तर पर काम कर इनमें से 5,440 योजनाओं को चालू कर दिया है। जलापूर्ति योजनाओं के प्रभावित होने से विभाग को लगभग 434.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अलावा 1293 सिंचाई योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं, जिसकी अनुमानित क्षति 101.67 करोड़ रुपये है। राज्य में स्थापित 43 बाढ़ सुरक्षा कार्यों को 19.77 करोड़ रुपये, 83 सीवरेज योजनाओं को 23.55 करोड़ रुपये तथा 319 हैंडपंपों को 81.52 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर प्रदेश में 7543 योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनकी कुल अनुमानित क्षति 580.30 करोड़ रुपये आंकी गई है।

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