महम्मदा मामले में मुश्किल में फंस गई हिमाचल सरकार
महम्मदा मामले में हिमाचल सरकार मुश्किल में फंस गई है। सरकार तय ही नहीं कर पाई है कि महम्मदा उर्फ ममता का असली ठिकाना क्या है? न तो सरकार पूरे मन से कह पा रही है कि वह पाकिस्तानी है और न ही उसके भारत के असल पते की खोज कर पाई है। अभी तक पुलिस जांच बेनतीजा है। न ही पाकिस्तान के उच्चायोग ने उससे पूछताछ की है।
उधर, महम्मदा के दावे को सामने लाने वाले उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि महम्मदा पाकिस्तानी नहीं है तो उसे कैसे पता कि पाकिस्तान में गुजरात जिला है। वह ही मामले को मीडिया के सामने लाए। उनके मुताबिक 24 अक्तूबर को मशोबरा नारी सेवा सदन गए तो वहां इस महिला का नाम पूछा। अन्य महिलाओं ने कहा कि वह ममता है।
इस महिला ने कहा कि वह ममता नहीं, महम्मदा है। पूछा कि वह कहां की रहने वाली है तो बताया कि गुजरात से है। जब पूछा कि भाषा गुजरात की नहीं लगती है तो महिला ने कहा कि वह जिला गुजरात की है। पूछा कि जिला गुजरात तो पाकिस्तान में है तो कहा कि वह पाकिस्तान की ही है। यह भी बताया कि उसका निकाह पाकिस्तान में हुआ था। उसका शौहर बिहार पुलिस में है। इससे संदेह हुआ।
प्रशासन और पुलिस कर रहे जांच
इसके बाद 26 अक्तूबर को निदेशक जेआर कटवाल से भेंट की और मामले की तहकीकात को कहा। कटवाल को दिए पत्र में स्पष्ट किया कि इसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। फिर भी मानवाधिकारों के लिहाज से मामले को देखा जाना चाहिए। उन्हें यह मामला मानवाधिकार से जुड़ा लगा, पर निदेशालय ने जांच से इंकार किया। इसके बाद वे मीडिया में गए।
27 अक्तूबर को पत्रकार वार्ता की। 29 अक्तूबर को पाकिस्तान उच्च आयोग के लीगल एडवाइजर का फोन आया। उन्होंने ब्योरा मांगा। फिर पाकिस्तान उच्च आयोग के विधि सलाहकार 31 अक्तूबर को महम्मदा से पूछताछ को शिमला पहुंचे। उसके बाद विधि सलाहकार के बेटे का एक्सीडेंट होने के बाद उन्हें दिल्ली जाना पड़ा। ऐसे में पाकिस्तान के उच्चायोग की ओर से भी महम्मदा का मामला स्पष्ट नहीं किया जा सका। गौरतलब है कि उमंग फाउंडेशन इस मामले को सामने लाई थी।
उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा ने कहा कि नारी सेवा सदन में रह रही ममता उर्फ महम्मदा के घर वापसी से संबंधित मामले को लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग को शीघ्र उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी को नारी सेवा सदन में रह रही दूसरी महिलाओं से संबंधित पूर्ण ब्योरा भी तैयार करने को कहा ताकि जिस जिला से वह संबंध रखती हैं, उस जिला के दंडाधिकारी के ध्यान में यह मामले लाए जा सकें और उपयुक्त कार्रवाई की जा सके। उधर, एसपी डीडब्ल्यू नेगी ने कहा कि पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।