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Kullu Flood Update: ब्यास में समाया 1.20 करोड़ का घर, रिश्तेदारों के यहां कट रहे दिन
रोशन ठाकुर, संवाद न्यूज एजेंसी, कुल्लू
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 14 Jul 2023 11:05 AM IST
सार
करोड़ों रुपये के मकान में रहने वाले पलक झपकते ही सड़क पर आ गए हैं। ब्यास और पार्वती नदी में आई बाढ़ ने भुंतर के बड़ा भूईन में खूब कहर बरपाया।
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1.20 करोड़ रुपये का मकान।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
ब्यास नदी में आई बाढ़ सैकड़ों लोगों को गहरे जख्म दे गई। करोड़ों रुपये के मकान में रहने वाले पलक झपकते ही सड़क पर आ गए हैं। ब्यास और पार्वती नदी में आई बाढ़ ने भुंतर के बड़ा भूईन में खूब कहर बरपाया। करीब 1.20 करोड़ रुपये से बने चार मंजिला मकान में रहने वाली सरिता शर्मा के अब दिन और रातें रिश्तेदारों के यहां कट रही हैं। पड़ोसी बलदेव राज वर्मा का भी यही हाल है। उनके एक करोड़ के घर का नामोनिशान नहीं है। सरिता शर्मा ने बताया कि कभी नहीं सोचा था कि उनके जीवन भर की कमाई इस तरह पानी में मिल जाएगी।
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इस आपदा से उबरने में अभी उन्हें समय लगेगा। एक-एक ईंट कर जोड़ा मकान पल भर में ही ताश के पत्तों की तरह ढेर हो गया। सरिता शर्मा ने बजौरा स्थित अपने भाई के मकान में शरण ले रखी है जबकि दो माह के बच्चे के साथ बहू को मायके भेजा है। बेटा निजी कंपनी में नौकरी करता है। वह पहने हुए एक जोड़ी सूट के अलावा घर से कुछ भी नहीं निकाल पाईं। वहीं, पड़ोसी बलदेव राज के पुत्र हेम राज ने बताया कि घर का हर कीमती सामान एक पल में पानी हो गया। गहने, कपड़े और अन्य सामान के अलावा बच्चे की किताबें भी सब उफनती नदी में बह गईं। गौर हो कि दोनों का मकान पूरी तरह ध्वस्त होकर ब्यास में बह गया है।
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मकान तो दूर यहां से जमीन का नामोनिशान भी मिट गया। अन्य लोगों के मकान भी इस बाढ़ की भेंट चढ़ गए। बता दें कि बड़ा भुईंन में ब्यास और पार्वती नदी ने दस जुलाई को ऐसा कहर बरपाया कि नदी किनारे सात रिहायशी मकान व होटलों के अलावा एक पेट्रोल पंप, दो ढाबे, एक जेसीबी बह गई। जिस जगह नुकसान हुआ है, वहां करीब 200 मीटर एनएच का नामोनिशान ही नहीं है। यहीं से होकर जिया तक भुंतर-मणिकर्ण सड़क के हिस्से को भी ब्यास नदी अपने साथ बहाकर ले गई है।
पैसे खत्म, मनाली के गुरुद््वारा में ली शरण
लद्दाख और काज़ा के लिए जा रहे प्रवासी आधे रास्ते से मनाली लौट आए हैं। भारी बारिश के बीच प्रवासी कामगार तेलिंग नाला में आई बाढ़ के कारण रास्ते मे फंस गए। तीन दिन वहां रहे। रहने और खाना खाने में ही सब पैसे खत्म हो गए। लिहाजा अब मनाली में गुरुद्वारा में शरण ली। यहां करीब 10 लोग रुके हुए हैं। नेपाल के महेंद्र, केशव और रवि ने बताया कि वह लद्दाख जा रहे थे। उन्होंने घर से पैसे मंगवाए हैं। उत्तर प्रदेश के विकास ने बताया कि वह काम की तलाश में आया था। लेकिन काम नही मिला। इसलिए गुरुद्वारा में रुके। संवाद