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Shimla News: वाहन दुर्घटना में बेटे की मृत्यु पर मां को पंद्रह लाख देने के आदेश

Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
Updated Thu, 25 Sep 2025 11:58 PM IST
सार

शिमला में न्यायमूर्ति इंदर सिंह मेहता ने एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया। 2020 की सड़क दुर्घटना में मृतक की मां को 15 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया गया। बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी गई।

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Order to pay Rs 15 lakh to mother on death of son in a vehicle accident
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न्यायमूर्ति इंदर सिंह मेहता ने एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ सुनाया फैसला
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नवंबर 2020 में उपमंडल चौपाल का मामला
सड़क दुर्घटना में हो गई थी वाहन मालिक की मौत
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति इंदर सिंह मेहता ने एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी (बीमाकर्ता) को व्यक्तिगत दुर्घटना कवर देने के लिए उत्तरदायी ठहराया है।
आयोग ने फैसले की सुनवाई में मृतक की मां शांति देवी को शिकायत की तिथि से वसूली तक नौ प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज सहित 15 लाख रुपये का भुगतान करने के आदेश दिए हैं। साथ ही, मानसिक उत्पीड़न और मुकदमेबाजी खर्च के रूप में 70 हजार रुपये देने होंगे। बीमा कंपनी ने शिमला आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। यह मामला साल 2020 में जिले के उपमंडल चौपाल का है। तहसील ठियोग निवासी शिकायतकर्ता शांति देवी के बेटे सुरेश कुमार (वाहन मालिक) ने बीमा कंपनी से वाहन का ओडी (ओन डैमेज), पीए (पर्सनल एक्सीडेंट) और तीसरे पक्ष के दावे के लिए 4,03,226 रुपये की राशि का बीमा करवाया था। पॉलिसी के अनुसार चालक को भी कवर किया गया था। एक नवंबर 2020 को चौपाल के पास उपरोक्त वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सुरेश कुमार की मृत्यु हो गई। पुलिस और बीमा कंपनी को घटना की सूचना दी गई। इसके बाद मृतक की मां ने उचित मुआवजे के लिए विपक्षी पक्ष के समक्ष दावा पेश किया। लेकिन विपक्षी पक्ष ने दावे को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि शिकायतकर्ता ने कंपनी के समक्ष पीए कवर के संबंध में दावा कभी दर्ज नहीं किया।
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दुर्घटना के समय बीमित व्यक्ति चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। इससे परेशान होकर शिकायतकर्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दायर की थी। उधर राज्य उपभोक्ता आयोग ने शिमला आयोग के 16 जनवरी 2025 के फैसले के विरुद्ध अपील को खारिज करते हुए फैसले को बरकरार रखा है। स्पष्ट किया है कि वाहन मालिक का 15 लाख रुपये का बीमा किया था और व्यक्तिगत सुरक्षा कवर के लिए 900 रुपये का प्रीमियम दिया जा रहा था। इसलिए मृतक सुरेश कुमार का कानूनी उत्तराधिकारी होने के नाते शिकायतकर्ता व्यक्तिगत सुरक्षा दावे का हकदार है।
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