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दिवाली पर दुकान-ऑफिस के लिए कब करें पूजा? जानिए गृहस्थों व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
धर्म डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Mon, 20 Oct 2025 05:12 PM IST
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सार
Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat Time and Vidhi at Homes, Shops and Offices: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा अमावस्या व्यापिनी प्रदोष काल में होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है जो करीब 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। इस तरह से लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है।

Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat
- फोटो : adobe
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विस्तार
Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat Time and Vidhi at Homes, Shops and Offices: धनतेरस के साथ ही पांच दिनों तक चलने वाले दीपोत्सव की शुरूआत हो जाती है। दीपावली का त्योहार हिंदुओं का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इसे प्रकाश पर्व के रूप में हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली का त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के पूरा होने और रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटने की खुशी के रूप में मनाया जाता है। वहीं एक दूसरी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुईं थीं।
पंचदिवसीय दीपोत्सव पर्व के दौरान अलग-अलग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान के साथ पूजा करने का खास महत्व होता है। दिवाली पर मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान कुबेर की पूजा होती है। इसके अलावा इन पांच दिनों में भगवान धन्वतंरि, भगवान हनुमान, भगवान यमराज, देवी काली, सरस्वती, भगवान कृष्ण और राजा बलि की पूजा होती है। दिवाली का त्योहार तीसरे दिन मनाया जाता है जो पांच दिनों के उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा और मुहूर्त
ऐसी मान्यता है कि धन, सुख और वैभव की देवी माता लक्ष्मी कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पृथ्वी पर आती हैं और हर एक घर में भ्रमण करती हैं। जिन घरों में माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा होती है और साफ-सफाई और सजावट होती हैं मां लक्ष्मी वहां पर अपने अंश रूप में विराजमान हो जाती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा अमावस्या व्यापिनी प्रदोष काल में होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है जो करीब 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। इस तरह से लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है। प्रदोष काल और स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजा करने मां लक्ष्मी घर में वास करने लगती हैं।
इस बार अमावस्या तिथि 20 अक्तूबर को शाम 03 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 21 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में 20 अक्तूबर को ही अमावस्या तिथि और प्रदोष काल रात्रि में रहेगी। लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल और निशीथ काल बहुत ही शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पूजा के लिए पहला मुहूर्त दोपहर में ही रहेगा।
लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहर्त
दुकान-ऑफिस, गृहस्थों और व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
ऑफिस के लिए (लाभ)- दोपहर 3:30 मिनट से शाम 5:00 बजे तक
छात्रों के लिए (अमृत)- शाम 5:00 मिनट से लेकर 6:30 मिनट तक
प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक
वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक
गृहस्थ, किसान, व्यापारी और विद्यार्थी के लिए- शाम 7: 32 मिनट से लेकर रात 9: 28 मिनट तक
नए व्यापारियों के लिए (चंचल)- शाम 5:55 मिनट से लेकर 7:25 मिनट तक।
परंपरागत व्यापारियों के लिए (शुभ)- रात 3:25 मिनट से लेकर 4:55 मिनट तक।
साधको के लिए (लाभ)- रात 12: 25 से 01:55 मिनट तक।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 07:08 से 08:18 तक।
ब्रह्रा मुहूर्त ( 21 अक्टूबर 2025 सभी के लिए)- सुबह 3:55 से 5:25 तक।
दीपावली 2025- निशिता काल पूजा मुहूर्त
निशिता काल- रात्रि 11:41 से 12:31 तक
सिंह लग्न काल- सुबह 01:38 से 03:56 तक
दुकान, ऑफिस और प्रतिष्ठानों में कैसे करें लक्ष्मी पूजा
- दिवाली की सुबह ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह के साफ-सफाई करें, फिर पूजा स्थल समेत कार्यस्थल पर फूलों, रंगोली और लाइटों से सजावट करें।
- दुकान और ऑफिस में पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी, भववान गणेश और कुबेर देवता की मूर्ति को स्थापित करते हुए विधि-विधान के साथ पूजा करें।
- इसके बाद अष्टगंध, फूल, अक्षत, फल, खील, बताशे, मिठाई का भोग लगाएं और फिर बही खातों की पूजा करें।
- वहीं बही खातों पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ का निशान बनाकर अक्षत और पुष्प अर्पित करते हुए धन की देवी माता लक्ष्मी से व्यापार में तरक्की और समृद्धइ की कामना करते हुए आरती करें।

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पंचदिवसीय दीपोत्सव पर्व के दौरान अलग-अलग देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधि-विधान के साथ पूजा करने का खास महत्व होता है। दिवाली पर मुख्य रूप से देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, भगवान कुबेर की पूजा होती है। इसके अलावा इन पांच दिनों में भगवान धन्वतंरि, भगवान हनुमान, भगवान यमराज, देवी काली, सरस्वती, भगवान कृष्ण और राजा बलि की पूजा होती है। दिवाली का त्योहार तीसरे दिन मनाया जाता है जो पांच दिनों के उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
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दिवाली पर लक्ष्मी पूजा और मुहूर्त
ऐसी मान्यता है कि धन, सुख और वैभव की देवी माता लक्ष्मी कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पृथ्वी पर आती हैं और हर एक घर में भ्रमण करती हैं। जिन घरों में माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा होती है और साफ-सफाई और सजावट होती हैं मां लक्ष्मी वहां पर अपने अंश रूप में विराजमान हो जाती हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा अमावस्या व्यापिनी प्रदोष काल में होता है। प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद शुरू होता है जो करीब 2 घंटे 24 मिनट तक रहता है। इस तरह से लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त प्रदोष काल और स्थिर लग्न में होता है। प्रदोष काल और स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजा करने मां लक्ष्मी घर में वास करने लगती हैं।
Diwali 2025 Laxmi Puja Time: शुभ दीपावली कल, जानिए आपके शहर में कब है लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त
दिवाली पर जहां लोग अपने घरों को विशेष रूप से रोशनी और फूलों से सजाते हैं। फिर शाम को मुहूर्त में माता लक्ष्मी के साथ, भगवान गणेश, कुबेर, माता सरस्वती और कालिका की पूजा होती है। इससे अलावा दिवाली पर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए लोग घरों के अलावा, दुकानों, फैक्ट्री, ऑफिस और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए दिवाली पूजा के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और सिद्ध प्राप्ति के लिए रात के प्रहर में पूजा करने का विधान होता है। आइए जानते है इस दिवाली पर घर, ऑफिस, दुकान, फैक्ट्री और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त कब है।Diwali 2025: प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन क्यों होता है विशेष फलदायी? जानें पूजा का सही मुहूर्त
अमावस्या तिथि और लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2025इस बार अमावस्या तिथि 20 अक्तूबर को शाम 03 बजकर 44 मिनट से शुरू हो जाएगी, जिसका समापन 21 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में 20 अक्तूबर को ही अमावस्या तिथि और प्रदोष काल रात्रि में रहेगी। लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल और निशीथ काल बहुत ही शुभ माना जाता है। लक्ष्मी पूजा के लिए पहला मुहूर्त दोपहर में ही रहेगा।
लक्ष्मी पूजा के शुभ मुहर्त
दुकान-ऑफिस, गृहस्थों और व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
ऑफिस के लिए (लाभ)- दोपहर 3:30 मिनट से शाम 5:00 बजे तक
छात्रों के लिए (अमृत)- शाम 5:00 मिनट से लेकर 6:30 मिनट तक
प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक
वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक
गृहस्थ, किसान, व्यापारी और विद्यार्थी के लिए- शाम 7: 32 मिनट से लेकर रात 9: 28 मिनट तक
नए व्यापारियों के लिए (चंचल)- शाम 5:55 मिनट से लेकर 7:25 मिनट तक।
परंपरागत व्यापारियों के लिए (शुभ)- रात 3:25 मिनट से लेकर 4:55 मिनट तक।
साधको के लिए (लाभ)- रात 12: 25 से 01:55 मिनट तक।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 07:08 से 08:18 तक।
ब्रह्रा मुहूर्त ( 21 अक्टूबर 2025 सभी के लिए)- सुबह 3:55 से 5:25 तक।
दीपावली 2025- निशिता काल पूजा मुहूर्त
निशिता काल- रात्रि 11:41 से 12:31 तक
सिंह लग्न काल- सुबह 01:38 से 03:56 तक
दुकान, ऑफिस और प्रतिष्ठानों में कैसे करें लक्ष्मी पूजा
- दिवाली की सुबह ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह के साफ-सफाई करें, फिर पूजा स्थल समेत कार्यस्थल पर फूलों, रंगोली और लाइटों से सजावट करें।
- दुकान और ऑफिस में पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी, भववान गणेश और कुबेर देवता की मूर्ति को स्थापित करते हुए विधि-विधान के साथ पूजा करें।
- इसके बाद अष्टगंध, फूल, अक्षत, फल, खील, बताशे, मिठाई का भोग लगाएं और फिर बही खातों की पूजा करें।
- वहीं बही खातों पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ का निशान बनाकर अक्षत और पुष्प अर्पित करते हुए धन की देवी माता लक्ष्मी से व्यापार में तरक्की और समृद्धइ की कामना करते हुए आरती करें।
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