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Diwali 2025 Live: देशभर में दिवाली आज, पूजा के लिए 1 घंटे 11 मिनट का मुहूर्त, जानें लक्ष्मी पूजन विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: मेघा कुमारी Updated Mon, 20 Oct 2025 02:44 PM IST
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खास बातें

Diwali 2025 Puja Muhurat, Pujan Vidhi ,Samagri Aarti Mantra In Hindi: रौशनी, उमंग और उत्साह का पावन पर्व दिवाली आज यानी 20 अक्तूबर को देशभर में मनाया जा रहा है। यह हिंदू पंचांग के कार्तिक मास की अमावस्या तिथि है। मान्यता है कि इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, बरकत, धन-सौभाग्य व निरंतर प्रगति के योग बनते हैं। आइए इसके महत्व को जानते हैं

Diwali 2025 Date Live Lakshmi Ganesh Puja Shubh Muhurat Time Vidhi Samagri Aarti Mantra and Wishes in Hindi
दिवाली 2025 - फोटो : अमर उजाला
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लाइव अपडेट

02:44 PM, 20-Oct-2025

लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त: Diwali 2025 Lakshmi Puja Timing In Uttarakhand


उत्तराखंड                    शुभ मुहूर्त
देहरादून 07:01 से 08:14 मिनट तक
नैनीताल 07:02 से 08:14 मिनट तक
अल्मोड़ा 06:56 से 08:08 मिनट तक
ऋषिकेश 07:01 से 08:13 मिनट तक
हरिद्वार   07:02  से 08:14 मिनट तक
02:29 PM, 20-Oct-2025

लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त: Diwali 2025 Lakshmi Puja Timing In Uttar Pradesh

उत्तर प्रदेश     शुभ मुहूर्त
लखनऊ 06:56 से 08:04 मिनट तक   
नोएडा   07:07 से 08:18 मिनट तक
मेरठ   07:05 से 08:16  मिनट तक
कानपुर 06:59 से 08:07 मिनट तक
बनारस  05:25 से 05:54 मिनट तक
प्रयागराज  06:55 से 08:01 मिनट तक
मथुरा 07:08 से 08:17 मिनट तक
आगरा 07:07 से 08:16 मिनट तक
02:13 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025 Laxmi Puja Timings In Delhi: लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त- दिल्ली                            

 
दिल्ली  07:08 से 08:18 तक
02:03 PM, 20-Oct-2025

दिवाली पर प्रदोष काल पूजा का महत्व

दिवाली की रात प्रदोष काल का विशेष महत्व है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इसी समय देवी महालक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी लोक का भ्रमण करती हैं। यह वह पावन क्षण होता है जब मां लक्ष्मी भक्तों के घरों में प्रवेश करती हैं और उन्हें धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए यह समय लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
 
धार्मिक ग्रंथों में भी स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन और दीपदान प्रदोष काल में ही करना चाहिए, क्योंकि इसी समय देवी की कृपा सबसे अधिक सक्रिय होती है। इस वर्ष अमावस्या तिथि 20 अक्तूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक रहेगी।
 
चूंकि 20 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल और निशीथ काल, दोनों में उपस्थित है, इसलिए लक्ष्मी पूजन के लिए यही दिन सर्वोत्तम है। इस दिन सही मुहूर्त में विधिपूर्वक पूजन करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में स्थायी रूप से सुख-समृद्धि का वास होता है।
01:41 PM, 20-Oct-2025

दुकान, ऑफिस और प्रतिष्ठानों में कैसे करें लक्ष्मी पूजा 

  • दिवाली की सुबह ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह के साफ-सफाई करें, फिर पूजा स्थल समेत कार्यस्थल पर फूलों, रंगोली और लाइटों से सजावट करें। 
  • दुकान और ऑफिस में पूजा स्थल पर माता लक्ष्मी, भववान गणेश और कुबेर देवता की मूर्ति को स्थापित करते हुए विधि-विधान के साथ पूजा करें।
  • इसके बाद अष्टगंध, फूल, अक्षत, फल, खील, बताशे, मिठाई का भोग लगाएं और फिर बही खातों की पूजा करें। 
  • वहीं बही खातों पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ का निशान बनाकर अक्षत और पुष्प अर्पित करते हुए धन की देवी माता लक्ष्मी से व्यापार में तरक्की और समृद्धइ की कामना करते हुए आरती करें। 
01:25 PM, 20-Oct-2025

दुकान-ऑफिस, गृहस्थों और व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन मुहूर्त ( Diwali Puja Time 2025)

  • ऑफिस के लिए (लाभ)- दोपहर 3:30 मिनट से शाम 5:00 बजे तक
  • छात्रों के लिए (अमृत)- शाम 5:00 मिनट से लेकर 6:30 मिनट तक
  • प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक
  • वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक
  • गृहस्थ, किसान, व्यापारी और विद्यार्थी के लिए- शाम 7: 32 मिनट से लेकर रात 9: 28 मिनट तक
  • नए व्यापारियों के लिए (चंचल)- शाम 5:55 मिनट से लेकर 7:25 मिनट तक।
  • परंपरागत व्यापारियों के लिए (शुभ)- रात 3:25 मिनट से लेकर 4:55 मिनट तक।
  • साधकों के लिए (लाभ)- रात 12: 25 से 01:55 मिनट तक।
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01:01 PM, 20-Oct-2025

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का खास उपाय (Lakshmi Mata Ko Prasann Karne Ke Upay)

  • सनातन धर्म में जलता हुआ दीपक अग्नि देव का प्रतीक है। जिस प्रकार किसी भी देवता को आदरपूर्वक ऊँचे स्थान पर स्थापित किया जाता है, उसी तरह दीए को भी सम्मानपूर्वक रखना चाहिए। दीए के नीचे चावल, हल्दी या अनाज जैसी शुभ वस्तुएं रखना मंगलकारी माना गया है। 
  • हिंदू रीति-रिवाजों में अक्षत (चावल) को पूर्णता, शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। हर पूजा में इसका उपयोग आवश्यक होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से चावल का संबंध शुक्र ग्रह से बताया गया है, जो धन और ऐश्वर्य के कारक हैं। दीपक के नीचे थोड़ी सी अक्षत रखने से शुक्र का सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है, जिससे आर्थिक प्रगति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
  • हल्दी को अत्यंत पवित्र माना गया है और इसमें स्वयं मां लक्ष्मी का वास बताया गया है। यह सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रतीक है। विशेष रूप से साबुत हल्दी की गांठ शुभ मानी जाती है। दीपक जलाने से पहले यदि चावल के ऊपर थोड़ी हल्दी रखी जाए, तो यह घर से नकारात्मकता दूर करके समृद्धि को आकर्षित करती है।
 

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12:44 PM, 20-Oct-2025

कुबेर जी का प्रिय भोग ( Kuber Maharaj Favourite Bhog)

भगवान कुबेर को चावल की खीर और घी से बनी लपसी बहुत प्रिय हैं। खीर से जीवन में मिठास आती है, जबकि लपसी को घर के भंडार को भरपूर रखने वाला व्यंजन माना जाता है। पूजा के अंत में नैवेद्य अर्पित करना बहुत जरूरी होता है। यह सात्विक और मीठा भोजन भगवान को समर्पित करने की एक विशेष परंपरा है। नैवेद्य भक्त की श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक होता है और इससे भगवान कुबेर की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
12:17 PM, 20-Oct-2025

भगवान कुबेर को दिवाली पर अर्पित करें ये विशेष वस्तुएं ( Things You Should Offering To Kubera Maharaj on Diwali) 

 
  • धनिया को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। पूजा में सूखा धनिया या धनिया पंजीरी अर्पित करने से आर्थिक संकट कम होते हैं और घर में स्थिर धन आगमन बना रहता है।
  • कमलगट्टा लक्ष्मी माता और भगवान कुबेर दोनों को प्रिय है। इसे पूजा में शामिल करने से घर में धन की स्थिरता आती है और समृद्धि बनी रहती है।
  • भगवान कुबेर को सुगंध बेहद प्रिय है। पूजा में इत्र अर्पित करने से वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनता है। साथ ही यह ऐश्वर्य और आनंद का प्रतीक भी है।
  • सुपारी को शक्ति और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है, जबकि लौंग पवित्रता और सुरक्षा का। इन दोनों वस्तुओं को अर्पित करने से घर में शुभता बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • गेंदे के फूल भगवान कुबेर को अत्यंत प्रिय हैं। रोज़ाना या विशेष रूप से दिवाली पर इन्हें अर्पित करने से घर में सुख-शांति और धन-संपत्ति का वास होता है।
  • इलायची शुभता और सौभाग्य का प्रतीक है। इसकी मिठास और खुशबू घर में सुख-समृद्धि लाने में सहायक होती है। वहीं दूर्वा घास (हरी घास) वातावरण को पवित्र बनाती है और नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मकता बढ़ाती है।
 

Diwali 2025 Lakshmi Ganesh Aarti: दिवाली पर करें मां लक्ष्मी और गणपति की आरती, मिलेगा धन और बुद्धि का आशीर्वाद

12:00 PM, 20-Oct-2025
प्रदोष काल
20 अक्तूबर 2025 को दीपावली के दिन धर्मशास्त्रोक्त प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इसमें स्थिर लग्न वृष का समावेश 06 बजकर 59 मिनट से लेकर 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।

चौघड़िया मुहूर्त
चर चौघड़िया घं.05  मि.36 से घं.07  मि.10 तक, तत्पश्चात् लाभ चौघड़िया की वेला घं.10 मि.19 से घं.11 मि.53 तक रहेगी। तथा शुभ,अमृत, चर चौघड़िया की संयुक्त वेला रात्रि घं.01 मि.28 से घं.06 मि.11 तक रहेगी। 

20 अक्तूबर को अमावस्या, प्रदोष काल, वृष लग्न और चर चौघड़िया का पूर्ण शुभ संयोग रहेगा।

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