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Diwali 2025 Live: दिवाली पर मां लक्ष्मी सदा विराजें आपके द्वार, जानें लक्ष्मी पूजन मुहूर्त और पूजा विधि

धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: मेघा कुमारी Updated Mon, 20 Oct 2025 05:27 PM IST
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खास बातें

Diwali 2025 Puja Muhurat, Pujan Vidhi ,Samagri Aarti Mantra In Hindi: रौशनी, उमंग और उत्साह का पावन पर्व दिवाली आज यानी 20 अक्तूबर को देशभर में मनाया जा रहा है। यह हिंदू पंचांग के कार्तिक मास की अमावस्या तिथि है। मान्यता है कि इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, बरकत, धन-सौभाग्य व निरंतर प्रगति के योग बनते हैं। आइए इसके महत्व को जानते हैं

Diwali 2025 Date Live Lakshmi Ganesh Puja Shubh Muhurat Time Vidhi Samagri Aarti Mantra and Wishes in Hindi
दिवाली 2025 - फोटो : अमर उजाला
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लाइव अपडेट

05:26 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025: घर के चारों कोनों पर दीपक जलाने का महत्व

दीपावली की रात घर के चारों दिशाओं पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के कोनों पर एक-एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए। इससे घर की सीमा सुरक्षित रहती है, नकारात्मक ऊर्जाएं भीतर प्रवेश नहीं करतीं और सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
 
05:18 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025: मुख्य द्वार के बाहर दीपक जलाने का महत्व

अब से थोड़ी देर बाद शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा होगी, फिर इसके बाद घर में मिट्टी के दीपक जलाकर रौशनी की जाएगी। दीपावली की रात सबसे पहले दीपक घर के मुख्य द्वार के बाहर जलाएं। यह देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है। द्वार के दोनों ओर घी या तिल के तेल के दीपक रखें और उसके पास हल्दी-कुंकुम से ‘श्री’ या ‘स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। यह दरिद्रता को दूर कर समृद्धि का द्वार खोलता है।
 
04:59 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025 Laxmi Pujan Vidhi: लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण विधि

  • लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई का खास महत्व है, इसलिए सभी जगह गंगाजल का छिड़काव करें।
  • घर के मुख्य दरवाजे पर रंगोली और तोरण द्वार बनाएं। 
  • अब लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वप्रथम एक साफ चौकी पर लाल रंग का नया वस्त्र बिछाएं।
  • अब चौकी पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति स्थापित करें और सजावट का सामान से चौकी सजाएं।
  • माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्ति को वस्त्र पहनाएं और इस दौरान देवी को चुनरी अवश्य अर्पित करें।
  • अब साफ कलश में जल भरें और चौकी के पास रखें दें।
  • प्रथम पूज्य देवता का नाम लेते हुए भगवानों को तिलक लगाएं ।
  • लक्ष्मी-गणेश को फूल माला पहनाएं और ताजे फूल देवी को अर्पित करें। इस दौरान कमल का फूल चढ़ाना न भूलें।
  • अब अक्षत, चांदी का सिक्का, फल और सभी मिठाई संग भोग अर्पित करें।
  • यदि आपने किसी वस्तु या सोना-चांदी की खरीदारी की है, तो देवी लक्ष्मी के पास उसे रख दें।
  • शुद्ध देसी घी से दीपक जलाएं और इसके साथ ही घर के कोने में रखने के लिए कम से कम 21 दिए भी इसके साथ जलाएं।
  • अब भगवान गणेश जी आरती करें और गणेश चालीसा का पाठ भी करें 
  • देवी लक्ष्मी की आरती और मंत्रों का जाप करें।
  • अब घर के सभी कोनों में दीपक रखें और तिजोरी में माता की पूजा में उपयोग किए फूल को रख दें।
  • अंत में सुख-समृद्धि की कामना करते हुए पूजा में हुई भूल की क्षमा मांगे।
04:42 PM, 20-Oct-2025

Laxmi Puja Muhurat Ka Time: दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat - फोटो : adobe
हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली की रात को प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 20 अक्तूबबर को  दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 21 अक्तूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर होगा।  धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रदोष काल सबसे उत्तम माना गया है।

अमावस्या तिथि प्रारम्भ - 20 अक्तूबर को शाम 03:44
अमावस्या तिथि समाप्त - 21 अक्टूबर को शाम 05:54

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त (प्रदोष काल)

शाम 07:08 से 08:18 तक

अवधि- 1 घंटे 11 मिनट

प्रदोष काल- 05:46 से 08:18 तक

वृषभ काल- 07:08 से 09 :03 तक
04:29 PM, 20-Oct-2025

दिवाली पर मां लक्ष्मी का षोडशोपचार पूजा का महत्व

दिवाली पर प्रदोष काल और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा करने का खास महत्व होता है। गृहस्थों के लिए स्थिर लग्न जब व्यापारियों के लिए चर लग्न में पूजा करने सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इससे अलावा षोडशोपचार पूजन का भी महत्व होता है जिसमें मां लक्ष्मी का 16  तरह के पूजन किया जाता है। ये इस प्रकार है। 
1- ध्यान-प्रार्थना
2- आसन
3- पाद्य
4- अर्घ्य
5- आचमन
6- स्नान
7- वस्त्र
8- यज्ञोपवीत
9- गंक्षाक्षत
10- पुष्प
11- धूप
12- दीप
13- नैवेद्य
14- ताम्बूल
15- मंज्ञ
16- नमस्कार और स्तुति
04:18 PM, 20-Oct-2025

Maa Lakshmi Ji ki Aarti Lyrics in Hindi :लक्ष्मी पूजन में जरूर पढ़ें ये आरती

लक्ष्मीजी की आरती (Lakshmi Ji ki Aarti)
 
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ॐ जय...
 
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ॐ जय...
 
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ॐ जय...

जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ॐ जय...

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ॐ जय...
 
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ॐ जय...
 
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ॐ जय...
 
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04:01 PM, 20-Oct-2025

Diwali Puja Time For Office: ऑफिस में आज लक्ष्मी पूजा का समय 

दिवाली पर जहां गृहस्थ लोग शाम के समय घर पर लक्ष्मी पूजा करते हैं वहीं जिन लोगों का अपना ऑफिस होता है या फिर कर्मचारी होते हैं उनके लिए लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त दोपहर में अच्छा माना जाता है। आज  ऑफिस के लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 30 मिनट लेकर शाम 5 बजे तक का। इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन से करियर में तरक्की और सफलता के नए अवसर मिलते हैं। 
03:45 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025 Laxmi Puja Muhurat: जानें महानिशीथ काल में लक्ष्मी पूजा का महत्व

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी घर-घर भ्रमण पर रहती हैं और जिन घरों में साफ-सफाई और विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना होती हैं वहां पर मां लक्ष्मी अंश रूप में वास करने लगती हैं। प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। लेकिन महानिशीथ काल में भी पूजा का विशेष महत्व होता है। आधी रात के समय आने वाले मुहूर्त को महानिशीथ काल का समय कहा जाता है। इसमें माता काली के पूजन का विशेष महत्व होता है। यह तांत्रिक पूजा के लिए शुभ समय होता है। 
 
03:30 PM, 20-Oct-2025

Today Laxmi Puja Muhurat: क्या है प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का महत्व 

कार्तिक माह की अमावस्या तिथि और प्रदोष काल में महालक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त प्रदोष काल कहलाता है। जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे अच्छा और उत्तम मुहूर्त होता है। इसके साथ स्थिर लग्न में पूजा करने का विशेष महत्व होता है। वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ लग्न स्थिर लग्न होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में अगर दिवाली पर पूजा की जाए तो माता लक्ष्मी अंश रूप में घर में वास करने लगती हैं। 
03:13 PM, 20-Oct-2025

Diwali 2025 Laxmi Pujan Time: इतने बजे से शुरू होगा लक्ष्मी पूजन मुहूर्त

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल सबसे सर्वश्रेष्ठ समय होता है। आज शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। 
 
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