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पूजा के बाद बची सामग्री का क्या करें? फूल माला और हल्दी-कुमकुम का आसान उपयोग

धर्म डेस्क, अमर उजाला Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 26 Dec 2025 11:21 AM IST
सार

Puja Samagri Ka Kya Karein: पूजा के बाद बची सामग्री जैसे भोग, फूल और माला का सही तरीके से क्या करें? जानें इससे जुड़े धार्मिक नियम और पर्यावरण के अनुकूल उपाय। पूजा में सात्विक और प्राकृतिक वस्तुओं के उपयोग का महत्व समझें।

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Puja Samagri Reuse Easy Ways to Reuse Flowers, Haldi & Kumkum After Puja
पूजा सामग्री का क्या करें? - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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Puja Samagri Ka Kya Karein: चाहे घर में छोटी पूजा हो या कोई बड़ा धार्मिक अनुष्ठान, पूजा के बाद कुछ सामग्री का बच जाना आम बात है। भोग, फूल, माला या अन्य चढ़ाई गई चीज़ों का दोबारा पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता, ऐसे में अक्सर यह सवाल उठता है कि इन्हें सही तरीके से कैसे निपटाया जाए। कुछ सामग्री ऐसी होती हैं जिन्हें पूजा घर में सुरक्षित रखा जा सकता है, लेकिन कई वस्तुएं ऐसी होती हैं जिनके लिए उचित और सम्मानजनक तरीका अपनाना जरूरी होता है।

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पूजा से जुड़ी वस्तुओं के निपटान में साफ़-सफाई और धार्मिक नियमों के साथ-साथ पर्यावरण का ध्यान रखना भी बेहद ज़रूरी है। इसलिए पूजा में हमेशा सात्विक और प्राकृतिक चीज़ों का ही उपयोग करें और प्लास्टिक या अन्य नुकसानदायक सामग्री से बचें। आगे जानते हैं कि पूजा के बाद बची सामग्री के संबंध में क्या नियम हैं और उन्हें किस तरह सही तरीके से उपयोग या विसर्जित किया जाना चाहिए।
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घी का दोबारा दीपक में प्रयोग करना शुभ माना जाता है। - फोटो : adobe stock

दीपक में बचा हुआ घी या तेल
यदि पूजा में रखा गया घी पूरा खत्म नहीं हुआ है, तो उसे संभालकर रख सकते हैं और अगली पूजा में दीया जलाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। घी का दोबारा दीपक में प्रयोग करना शुभ माना जाता है। वहीं तेल के मामले में सावधानी रखनी चाहिए। पूजा में इतना ही तेल रखें कि वह दीया जलते-जलते समाप्त हो जाए। पूजा में बचा हुआ तेल किसी अन्य कार्य या भोजन बनाने में इस्तेमाल करना शुभ नहीं माना जाता।

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अक्षत, हल्दी और कुमकुम - फोटो : Adobe stock

अक्षत, हल्दी और कुमकुम
पूजा में अर्पित की गई अक्षत, हल्दी और कुमकुम को दोबारा पूजा में प्रयोग नहीं किया जाता। इन्हें तुलसी के पौधे या पीपल के वृक्ष में अर्पित करना श्रेष्ठ माना गया है। चाहें तो इन्हें स्वच्छ जल में प्रवाहित भी कर सकते हैं। अक्षत को चिड़ियों को डालना भी एक अच्छा और पुण्यकारी उपाय है। ध्यान रखें कि जहां ये सामग्री डाली जाए, वह स्थान साफ हो और वहां किसी का पैर न पड़े।

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भगवान को अर्पित किया गया भोग और प्रसाद सभी में बांट देना चाहिए। - फोटो : adobe stock

पूजा में रखे गए फल और प्रसाद
भगवान को अर्पित किया गया भोग और प्रसाद सभी में बांट देना चाहिए। यदि फिर भी कुछ बच जाए, तो उसे गाय या आसपास के पशु-पक्षियों को खिला दें। पूजा की खाद्य सामग्री को कूड़े में फेंकना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसका सम्मानपूर्वक उपयोग करें।

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पूजा में उपयोग किए गए वस्त्र

पूजा में उपयोग किए गए वस्त्र
पूजा में चढ़ाए गए या उपयोग किए गए वस्त्र दोबारा पूजा में लगाए जा सकते हैं। यदि वे पहनने योग्य हों, तो उन्हें जरूरतमंद लोगों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

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पूजा के फूल और माला को कभी भी कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए।

पूजा में उपयोग किए गए फूल और माला
पूजा के फूल और माला को कभी भी कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए। इन्हें गमले की मिट्टी में दबा सकते हैं या किसी पवित्र पेड़ की जड़ में डाल सकते हैं। इससे ये प्राकृतिक रूप से मिट्टी में मिल जाते हैं और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता।

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पूजा में उपयोग की गई बाती या रुई - फोटो : Instagram

पूजा में उपयोग की गई बाती या रुई
पूजा में जली या उपयोग की गई बाती को तुलसी के पौधे के पास रख देना या किसी पवित्र स्थान की मिट्टी में दबा देना उचित माना जाता है। इसे इधर-उधर फेंकने से बचें।



डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों आदि पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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