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चीन ने वीजा देकर भी विमान से उतारा
अमर उजाला, दिल्ली
Updated Sat, 12 Oct 2013 11:58 AM IST
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पिछले दिनों लद्दाख में चीनी घुसपैठ का मामला अभी थमा भी नहीं था कि ड्रैगन ने एक बार फिर नत्थी वीजा जारी कर रिश्तों में खटास बढ़ाने का काम किया है।
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पहले तो चीनी दूतावास के अधिकारियों ने अरुणाचल प्रदेश के दो युवा तीरंदाजों को नत्थी वीजा जारी किया। उसके बाद विवाद को और तूल देते हुए चीन की सदर्न एयरलाइंस के अधिकारियों ने दोनों तीरंदाजों को चीन जाने के लिए विमान में ही सवार नहीं होने दिया।
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चीन के वूक्सी में 13 से 21 अक्टूबर तक होने वाली विश्व युवा तीरंदाजी प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे खिलाड़ियों को बृहस्पतिवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक दिया गया।
24 तीरंदाजों और छह कोचों का भारतीय दल इस प्रतियोगिता के लिए रवाना होना था।
चीनी दूतावास से अरुणाचल प्रदेश के दो तीरंदाजों मासेलो मिहू और सोरांग यूमी के स्टेपल वीजा दिया गया। जबकि बाकी लोगों को सामान्य वीजा दिया गया।
स्टेपल वीजा से रोका
इसके बाद दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर चीनी अधिकारियों ने मिहू और यूमी को यह कहते हुए रोक दिया कि उनके पास स्टेपल वीजा है। यदि उन्हें रवाना भी होने दिया गया तो उन्हें चीन से लौटा दिया जाएगा।
इस बीच, भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष विजय मल्होत्रा ने इस घटनाक्रम पर नाराजगी जताई है। मल्होत्रा ने कहा कि वह इस मामले को उच्च स्तर पर उठाएंगे।
पहले भी रोके गए खिलाड़ी
ऐसा नहीं है कि यह मामला पहली बार हुआ है। इससे पहले 2010 में बीजिंग में हुए विश्व कप तीरंदाजी में निशानेबाज पेंबा तमांग को भी ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था।