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अरुणाचल प्रदेशः 42वीं सब-जूनियर नेशनल तीरंदाजी चैंपियनशिप का शुभारंभ, मुख्यमंत्री खांडू ने किया उद्घाटन
एन. अर्जुन, इटानगर
Published by: Mayank Tripathi
Updated Mon, 24 Nov 2025 05:10 PM IST
सार
युवा तीरंदाजों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चैम्पियनशिप देशभर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाने का बेहतरीन मंच देगी।
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42वीं सब-जूनियर नेशनल तीरंदाजी चैम्पियनशिप का शुभारंभ
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले के युपिया स्थित गोल्डन जुबिली आउटडोर स्टेडियम में रविवार को 42वीं एनटीपीसी सब-जूनियर नेशनल तीरंदाजी चैंपियनशिप का आगाज हुआ। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दीप प्रज्ज्वलित कर प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया। युवा तीरंदाजों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चैंपियनशिप देशभर के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपना कौशल दिखाने का बेहतरीन मंच देगी। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के युवाओं के लिए यह सीखने और आगे बढ़ने का महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि तीरंदाजी जनजातीय समाज की परंपराओं में सदियों से रची-बसी है।
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उल्लेखनीय है कि इसमें 46 टीमें—28 राज्यों, 8 केंद्रशासित प्रदेशों और 10 संबद्ध टीमों—की भागीदारी के साथ करीब 1,500 खिलाड़ी और अधिकारी सप्ताहभर चलने वाली इस चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता में रिकर्व,कंपाउंड और इंडियन राउंड जैसी तीन मुख्य श्रेणियों में लड़के और लड़कियां हिस्सा ले रहे हैं। अरुणाचल आर्चरी एसोसिएशन द्वारा भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के तत्वावधान में आयोजित यह चैंपियनशिप 30 नवंबर तक चलेगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि प्रतियोगिता से राज्य की पारंपरिक तीरंदाजी कला को नई पहचान मिलेगी और उभरते खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि तवांग में हाल ही में राज्य स्तरीय तीरंदाजी प्रतियोगिता आयोजित की गई है, ताकि खेल को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा, हम युवा खिलाड़ियों को कंपाउंड और रिकर्व तीरंदाजी में पेशेवर प्रशिक्षण दे रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी पहचान बनाएंगे। युवाओं को खेलों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की नौकरी आरक्षण नीति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सभी विभागों में खिलाड़ियों के लिए 5 प्रतिशत और पुलिस व खेल विभाग में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उन्होंने खिलाड़ियों से निर्धारित नियमों के अनुसार आवेदन करने की अपील की।
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राज्य में तीरंदाजी ढांचे से जुड़ी चिंताओं पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि खेल अधोसंरचना को तेजी से उन्नत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश जल्द ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा और युपिया में अत्याधुनिक तीरंदाजी रेंज स्थापित की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के फुटबॉल स्टेडियमों के उन्नयन पर भी काम चल रहा है। इससे पहले अरुणाचल आर्चरी एसोसिएशन (एएए) के अध्यक्ष और आयोजन समिति के चेयरमैन तदार निग्लार ने बेहतर तीरंदाजी सुविधाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तीरंदाजी वह पहला खेल है जिसने राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है। निग्लार ने बताया कि 46 टीमें—28 राज्यों, 8 केंद्रशासित प्रदेशों और 10 संबद्ध टीमों—की भागीदारी के साथ करीब 1,500 खिलाड़ी और अधिकारी सप्ताहभर चलने वाली इस चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता में रिकर्व, कंपाउंड और इंडियन राउंड जैसी तीन मुख्य श्रेणियों में लड़के और लड़कियां हिस्सा ले रहे हैं। अरुणाचल आर्चरी एसोसिएशन द्वारा भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के तत्वावधान में आयोजित यह चैंपियनशिप 30 नवंबर तक चलेगी।
उद्घाटन समारोह में एएआई के उपाध्यक्ष सत्यनारायण चेरुकुरी, पर्यवेक्षक केबी गुरूंग, प्रतियोगिता निदेशक रुपेश कर, अर्जुन अवॉर्डी डोला बनर्जी, खेल मंत्री के सलाहकार चाओ ज़िंग्नु नमचोम, खेल निदेशक तदार आपा, अरुणाचल ओलंपिक एसोसिएशन के चेयरमैन इंजीनियर टाबा टेडिर, डिप्टी कमिश्नर विशाखा यादव, एसपी न्येलम नेगा, एएए की उपाध्यक्ष मेरी डोयम और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ अरुणाचल के चेयरमैन नीलम जॉन सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।