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BWF Super 100: श्रेयांशी वालीशेट्टी ने पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब जीता, हरिहरन-अर्जुन युगल में जीते
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Sun, 05 Oct 2025 10:15 PM IST
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सार
पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाली तेलंगाना की 18 वर्षीय खिलाड़ी श्रेयांशी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद शानदार संयम दिखाया और 49 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में 15-21, 22-20, 21-7 से जीत हासिल की।

बैडमिंटन (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : adobestock
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विस्तार
भारत की युवा शटलर श्रेयांशी वालीशेट्टी ने रविवार को तीन गेम तक चले रोमांचक फाइनल में हमवतन तस्नीम मीर को हराकर अल ऐन मास्टर्स में महिला एकल वर्ग का अपना पहला बीडब्ल्यूएफ सुपर 100 खिताब जीता। पुलेला गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाली तेलंगाना की 18 वर्षीय खिलाड़ी श्रेयांशी ने एक गेम से पिछड़ने के बाद शानदार संयम दिखाया और 49 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में 15-21, 22-20, 21-7 से जीत हासिल की।
श्रेयांशी बोलीं- मैं नर्वस नहीं थी
हरिहरन अम्साकरुनन और एम आर अर्जुन की जोड़ी ने 35 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में इंडोनेशिया के रेमंड इंद्र और निकोलस जोआक्विन को 21-17, 21-18 से हराकर खिताब अपने नाम किया। श्रेयांशी ने यूएई बैडमिंटन महासंघ से कहा, आज का दिन मुश्किल था। मैंने धीमी शुरुआत की। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थी क्योंकि मैं इस साल फाइनल में कई मैच हार गई। मैं नर्वस नहीं थी, लेकिन मैच से पहले बहुत ज्यादा उत्साहित होने से गलतियां कर बैठती हूं। लेकिन मैंने आज मैच में शांत रहने की कोशिश की। 2013 से मैं गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। हम पीवी सिंधू सहित सीनियर खिलाड़ियों को अकादमी में ट्रेनिंग लेते हुए देखते हैं। मुझे सीनियर अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए एक साल हो गया है। अब मेरा लक्ष्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना है।
शुरुआती गेम में श्रेयांशी ने चार अंक की बढ़त गंवा दी, जबकि तस्नीम ने 14-9 की बढ़त हासिल करने के बाद पहला गेम अपने नाम कर लिया। दूसरा गेम कांटे की टक्कर में बदल गया। श्रेयांशी ने 1-4 से वापसी करते हुए 17-14 की बढ़त बना ली। तस्नीम ने मुकाबले में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन श्रेयांशी ने अपना धैर्य बनाए रखा और मुकाबले को निर्णायक गेम तक ले गईं। इसी लय को जारी रखते हुए श्रेयांशी ने तीसरे गेम में बढ़त बना ली। तस्नीम ने कुछ देर के लिए 6-5 की बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद वह पिछड़ गईं और श्रेयांशी ने 15 अंक की बढ़त बनाकर शानदार अंदाज में खिताब अपने नाम कर लिया।

श्रेयांशी बोलीं- मैं नर्वस नहीं थी
हरिहरन अम्साकरुनन और एम आर अर्जुन की जोड़ी ने 35 मिनट तक चले पुरुष युगल फाइनल में इंडोनेशिया के रेमंड इंद्र और निकोलस जोआक्विन को 21-17, 21-18 से हराकर खिताब अपने नाम किया। श्रेयांशी ने यूएई बैडमिंटन महासंघ से कहा, आज का दिन मुश्किल था। मैंने धीमी शुरुआत की। मैं बस अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती थी क्योंकि मैं इस साल फाइनल में कई मैच हार गई। मैं नर्वस नहीं थी, लेकिन मैच से पहले बहुत ज्यादा उत्साहित होने से गलतियां कर बैठती हूं। लेकिन मैंने आज मैच में शांत रहने की कोशिश की। 2013 से मैं गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हूं। हम पीवी सिंधू सहित सीनियर खिलाड़ियों को अकादमी में ट्रेनिंग लेते हुए देखते हैं। मुझे सीनियर अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए एक साल हो गया है। अब मेरा लक्ष्य अपनी रैंकिंग में सुधार करना है।
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शुरुआती गेम में श्रेयांशी ने चार अंक की बढ़त गंवा दी, जबकि तस्नीम ने 14-9 की बढ़त हासिल करने के बाद पहला गेम अपने नाम कर लिया। दूसरा गेम कांटे की टक्कर में बदल गया। श्रेयांशी ने 1-4 से वापसी करते हुए 17-14 की बढ़त बना ली। तस्नीम ने मुकाबले में बने रहने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन श्रेयांशी ने अपना धैर्य बनाए रखा और मुकाबले को निर्णायक गेम तक ले गईं। इसी लय को जारी रखते हुए श्रेयांशी ने तीसरे गेम में बढ़त बना ली। तस्नीम ने कुछ देर के लिए 6-5 की बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद वह पिछड़ गईं और श्रेयांशी ने 15 अंक की बढ़त बनाकर शानदार अंदाज में खिताब अपने नाम कर लिया।