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Vandana Katariya: वंदना कटारिया को किस कारण संन्यास लेने पर होना पड़ा था मजबूर? अब वापसी करने की जताई इच्छा
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Sat, 27 Dec 2025 08:30 PM IST
सार
भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान वंदना कटारिया ने इस बात का खुलासा किया है कि किस कारण उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहा था।
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वंदना कटारिया
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी स्ट्राइकर रहीं वंदना कटारिया ने इस साल अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय हॉकी से विदा ली थी। हालांकि, उन्होंने अब अपने संन्यास के फैसले पर चुप्पी तोड़ी है। कटारिया का कहना है कि वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रही थीं जिस कारण उन्होंने संन्यास का फैसला लिया था। वंदना ने साथ ही कहा कि अगर टीम प्रबंधन चाहे तो वह दोबारा वापसी करने के लिए तैयार हैं।
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15 साल के करियर को किया था समाप्त
दो बार की ओलंपियन 33 वर्ष की कटारिया ने 15 साल के करियर को समाप्त करने का फैसला लिया था। उन्होंने भारत के लिए सर्वाधिक 320 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर 158 गोल किए हैं। वंदना ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, जब मुझे लगा कि टीम प्रबंधन को मुझसे कोई अपेक्षा नहीं है तो मैं मानसिक दबाव में आ गई। मैं फिट थी और खेलने में सक्षम भी लेकिन जब मुझे उपेक्षित महसूस होने लगा तो फिर खेलने के कोई मायने नहीं थे।
दो बार की ओलंपियन 33 वर्ष की कटारिया ने 15 साल के करियर को समाप्त करने का फैसला लिया था। उन्होंने भारत के लिए सर्वाधिक 320 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर 158 गोल किए हैं। वंदना ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा, जब मुझे लगा कि टीम प्रबंधन को मुझसे कोई अपेक्षा नहीं है तो मैं मानसिक दबाव में आ गई। मैं फिट थी और खेलने में सक्षम भी लेकिन जब मुझे उपेक्षित महसूस होने लगा तो फिर खेलने के कोई मायने नहीं थे।
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कटारिया बोलीं- मेरा मनोबल गिर गया था
उन्होंने कहा, मेरा मनोबल गिर गया था। हम आत्मविश्वास के साथ अभ्यास करते हैं लेकिन कई बार नतीजे नहीं मिलते। मैं यह नहीं कहती कि युवा खिलाड़ी अच्छे नहीं हैं, वे शानदार हैं। उन्हें रूटीन के बारे में पता है लेकिन मुझे एक मैच खेलकर अगले दो मैचों में बाहर रहना बहुत खराब लग रहा था। अगर किसी खिलाड़ी को जानबूझकर दबाव में रखा जाएगा तो वह क्या करेगा। मैं लंबे समय से संन्यास के बारे में सोच रही थी और मानसिक रूप से भी इससे परेशान हो गई थी।
उन्होंने कहा, मेरा मनोबल गिर गया था। हम आत्मविश्वास के साथ अभ्यास करते हैं लेकिन कई बार नतीजे नहीं मिलते। मैं यह नहीं कहती कि युवा खिलाड़ी अच्छे नहीं हैं, वे शानदार हैं। उन्हें रूटीन के बारे में पता है लेकिन मुझे एक मैच खेलकर अगले दो मैचों में बाहर रहना बहुत खराब लग रहा था। अगर किसी खिलाड़ी को जानबूझकर दबाव में रखा जाएगा तो वह क्या करेगा। मैं लंबे समय से संन्यास के बारे में सोच रही थी और मानसिक रूप से भी इससे परेशान हो गई थी।
महिला हॉकी लीग में श्राची बंगाल टाइगर्स की कप्तानी कर रहीं कटारिया ने कहा, मुझे पता है कि मैं अभी भी खेल सकती हूं और मेरी जरूरत हुई तो मैं तैयार हूं। कोच आते जाते रहते हैं लेकिन टीम को छोड़ना कठिन था जिसके साथ जीवन का अधिकांश हिस्सा बताया है। संन्यास के बाद भी मैने रूटीन नहीं बदला है और किसी भी रूप में हॉकी की सेवा के लिए तैयार हूं।