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Girls U15 British Open: 14 साल की अनहत ने जीता ब्रिटिश जूनियर ओपन, यह कारनामा करने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय

स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, बर्मिंघम Published by: शक्तिराज सिंह Updated Mon, 09 Jan 2023 04:02 PM IST
सार

अनहत ने दूसरी बार ब्रिटिश जूनियर का खिताब जीता है। उनसे पहले जोशना चिनप्पा ऐसा कर चुकी हैं। 14 साल की अनहत इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए खेल चुकी हैं। 
 

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India's Anahat Singh wins British Junior Open twice after Joshna Chinappa beats Sohaila Hazem in Final
अनहत सिंह - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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भारत की अनहत सिंह ने साल 2023 की शानदार शुरुआत की है। उन्होंने ब्रिटिश जूनियर ओपन में गर्ल्स अंडर-15 स्क्वैश खिताब जीता है। इससे पहले उन्होंने भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया था। इतनी कम उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेकर उन्होंने देश का सिर गर्व से ऊंचा किया था। अब उन्होंने बर्मिंघम में सीजन के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में से एक का खिताब अपने नाम किया है।
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दिल्ली की अनहत सिंह ने फाइनल में मिस्र की सोहेला हाजेम को 3-1 से हराया। ब्रिटिश जूनियर ओपन हर साल जनवरी में यू.के. में आयोजित किया जाता है, जहां दुनिया भर के सभी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी प्रतिष्ठित खिताब जीतने के लिए खेलते हैं। अनाहत ने सोहेला हाजेम को 3-1 (11-8, 8-11, 11-7, 11-5) से हराया है।
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इस के साथ ही अनहत ब्रिटिश जूनियर ओपन में सबसे सफल भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। यह दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्क्वैश टूर्नामेंट में उनका तीसरा फाइनल था। अनहत, जिन्होंने अगस्त 2022 में उसी स्थान पर राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, ब्रिटिश जूनियर ओपन में तीन बार शामिल हुई हैं और तीनों बार फाइनल में पहुंची हैं। दो बार उन्होंने खिताब अपने नाम किया, जबकि एक बार उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। 

अनहत से पहले जोशना चिनप्पा ने यह खिताब दो बार जीता था। अनहत के अलावा कोई भी भारतीय खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में दो स्वर्ण और एक रजत पदक नहीं जीत पाया है। 

चैंपियन बनने के बाद अनहत ने कहा मैं दूसरी बार यह खिताब जीतकर बहुत उत्साहित हूं। मैंने फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं खेला। मैं काफी समय से अच्छा खेल रही थी। मैंने उनका खेल देखा था और उसे समझने की कोशिश की थी, लेकिन मैं सही तरीके से उन्हें नहीं समझ पाई। मैं इससे बेहतर कर सकती थी। उन्होंने शानदार खेल दिखाया और मैच मुश्किल था। कॉमनवेल्थ गेम्स इस टूर्नामेंट से काफी अलग था। मैं अक्सर बर्मिंघम आती रहती हूं। यह मेरे लिए दूसरे घर की तरह है। ब्रिटिश ओपन ऐसी चीज है, जिसे सभी जीतना चाहते हैं। यह दुनिया के सबसे बड़े टूर्नामेंट से एक हैं। मैं दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलती रहती हूं, लेकिन ब्रिटिश ओपन कुछ ऐसा है, जो बाकी टूर्नामेंट से ज्यादा खास है। इसमें पूरी दुनिया से सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शामिल होते हैं। यहां खेलना बेहतरीन अनुभव रहता है। पढ़ाई के साथ खेल पर ध्यान देना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन मैं आगे भी खेलना चाहती हूं और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतना चाहती हूं। उम्मीद है कि इस साल जूनियर लेवल पर और मेडल जीत सकूंगी।
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