{"_id":"694cdb03c7aee278ac0db54a","slug":"a-fraud-of-rs-1-48-crore-was-committed-in-the-name-of-a-food-court-at-a-water-sports-complex-in-gorakhpur-2025-12-25","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: फूडकोर्ट चालू करने के नाम 1.48 करोड़ की ठगी, आरोपी गिरफ्तार- ऐसे की थी ठगी","category":{"title":"Other Sports","title_hn":"अन्य खेल","slug":"other-sports"}}
वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: फूडकोर्ट चालू करने के नाम 1.48 करोड़ की ठगी, आरोपी गिरफ्तार- ऐसे की थी ठगी
अमर उजाला नेटवर्क, गोरखपुर
Published by: रोहित सिंह
Updated Thu, 25 Dec 2025 12:04 PM IST
सार
मेसर्स वीवीएम 21 हॉस्पिटैलिटी ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विभांशु मिश्रा के साथ 13 अक्तूबर 2024 को लेटर ऑफ इंडेंट और फूडकोर्ट लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। एग्रीमेंट के अनुसार विभांशु को विभिन्न ब्रांड्स लाकर फूडकोर्ट चालू करना था।
विज्ञापन
सांकेतिक
- फोटो : सांकेतिक
विज्ञापन
विस्तार
शहर के वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में फूडकोर्ट खोलने के नाम पर 1.48 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को रामगढ़ताल पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान झारखंड के परशूडीह, टाटानगर निवासी विभांशु वैभव मिश्रा के रूप में हुई है, जो वर्तमान में नोएडा के सेक्टर-16 में रह रहा था।
Trending Videos
आरोप है कि उसने कूटरचित खाद्य ब्रांडों के एग्रीमेंट दिखाकर मेसर्स अदीप लीजर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर से राशि हड़प ली। मेसर्स अदीप लीजर के प्रबंधक शुभम बथवाल ने बताया कि उन्होंने वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का लीज मेसर्स ई बायोस्कोप इंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से लिया था। परिसर में नौका विहार, रेल विहार और अन्य सुविधाओं का विकास करना था।
विज्ञापन
विज्ञापन
इसी क्रम में मेसर्स वीवीएम 21 हॉस्पिटैलिटी ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विभांशु मिश्रा के साथ 13 अक्तूबर 2024 को लेटर ऑफ इंडेंट और फूडकोर्ट लीज एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए। एग्रीमेंट के अनुसार विभांशु को विभिन्न ब्रांड्स लाकर फूडकोर्ट चालू करना था। इसके एवज में आरटीजीएस के माध्यम से उसे 1.48 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
आरोपी ने कुछ ब्रांड्स के नाम और लेटर ऑफ इंडेंट दिखाए, जिनमें नजीर फूड्स, बास्किन-रॉबिंस, हाउस ऑफ कैंडी, रोल्स सिंह, द बेल्जियन वाफल कंपनी, फ्लेवर्स ऑफ लखनऊ, चाय का, द वाफल कंपनी और एनएस फूड्स शामिल थे। जब संबंधित ब्रांड्स से संपर्क किया गया, तो पता चला कि कोई भी ब्रांड आरोपी के साथ समझौता नहीं कर रहा था। चाय का के मालिक शाहिल जुनेजा ने भी पुष्टि की कि उनके साइन का जाली दस्तावेजों में इस्तेमाल किया गया।
काम में लगातार विलंब और आश्वासन न मिलने पर ग्रुप डायरेक्टर अमित बथवाल ने 13 अगस्त 2025 को आरोपी से मुलाकात की। इस दौरान आरोपी ने 44.04 लाख रुपये का चेक दिया लेकिन चेक खाते में नहीं लगा। उसने शुभम से व्यक्तिगत रूप से 10 लाख रुपये और लिए और मोबाइल फोन बंद कर दिया।
इसके बाद एसपी सिटी अभिनव त्यागी के आदेश पर रामगढ़ताल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। सीओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।