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CWG 2030: मेजबानी में चार चांद लगाएगा गांधीनगर का गिफ्ट सिटी, अगले तीन साल में एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
अजीत खरे, अमर उजाला
Published by: स्वप्निल शशांक
Updated Sat, 29 Nov 2025 08:37 AM IST
सार
यहां साबरमती नदी के किनारे रिवरफ्रंट बन रहा है। सेंट्रल पार्क,और लीलावती अस्पताल जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। शहर की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर विभिन्न भवनों व सड्कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए चौबीसो घंटे निगरानी रखता है।
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गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
साबरमती नदी के किनारे आकार ले रहा गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (गिफ्ट) सिटी राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी में चार चांद लगाएगा। ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के तौर पर गांधीनगर में बन रहे इस गिफ्ट सिटी का इंफ्रास्ट्रक्चर कमाल का है। 2030 में जब अहमदाबाद यह अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन करेगा तो उसके बगल में बन रहा गिफ्ट सिटी विदेशी खिलाड़ियों, पर्यटकों,व कारोबारियों को अलग तरह से लुभाएगा। माना जा रहा है उस वक्त यह नया शहर मैराथन,वालीवाल समेत कई खेल स्पर्धाओं की मेजबानी भी करेगा।
यहां हांगकांग, सिंगापुर व दुबई जैसी कारोबार व रहन सहन की विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यही कारण है कि अगले तीन वर्षों में यहां एक लाख युवाओं को रोजगार मिलने लगेगा। अब तक यहां 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। गिफ्ट सिटी में ही इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेस सेंटरर्स अथारिटी (आईएफएसीए)बनाई गई है। इसके कार्यकारी निदेशक (विकास) दीपेश शाह बताते हैं, राष्ट्रमंडल खेलों के भव्य आयोजन में गिफ्ट सिटी की अहम भूमिका होगी, साथ ही गिफ्ट सिटी को इस इंवेट से खासा बढ़ावा मिलेगा।
अब गिफ्ट सिटी में साबरमती रिवर फ्रंट
यहां साबरमती नदी के किनारे रिवरफ्रंट बन रहा है। सेंट्रल पार्क,और लीलावती अस्पताल जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। शहर की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर विभिन्न भवनों व सड्कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए चौबीसो घंटे निगरानी रखता है। कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम बिजली, पानी, कूलिंग, परिवहन, कचरा प्रबंधन टीमों को गड़बड़ी होने पर यहां से एलर्ट करता है। यह प्रणाली यहां रहनने वालों को बिना किसी व्यवधान का एहसास कराए सेवा बनाए रखने में सक्षम बनाती है।
गिफ्ट सिटी का निर्माण
गिफ्ट सिटी का निर्माण 2011 में शुरू हुआ। जब जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो यह परियोजना भारत की पहली स्मार्ट सिटी बन गई। यहां विदेशी और घरेलू निवेश आकर्षित करने के लिए, 2015 में शहर के इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेस सेंटरर्स अथारिटी को मल्टी-सर्विस स्पेशल इकनामिक जोन घोषित किया गया । 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज —इंडिया आईएनएक्स (बीएसई की सहायक इकाई) का उद्घाटन किया। 2022 में प्रधानमंत्री ने यहां देश का पहला इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का शुभारंभ किया।
2007 में मोदी ने दिया था फाइनेंस टेक-सिटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2007 में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी विकसित करने का विजन दिया था। उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उनका सपना अब हकीकत में तब्दील हो रहा है। अब यह देश का अंतरराष्ट्रीय वित्त और प्रौद्योगिकी केंद्र है। यहां वाक टू वर्क कल्चर की दिशा में काम हो रहा है। यह देश का पहला एकीकृत ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी है।
पहला डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम
देश का पहला डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम अभी साढ़े पांच किमी के यूटिलिटी टनल में बनाया गया है। ठंडा पानी यहां पाइपों के माध्यम से शहर भर के भवनों में पहुँचाया जाता है, जिससे ऊर्जा और रख-रखाव की लागत घटती है। बुनियादी सेवाएँ इस सुरंग में स्थित होने के कारण, मरम्मत या सुधार के लिए सड़कों की खुदाई कभी नहीं करनी पड़ती। टनल में बिजली वितरण केबल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्वचालित कचरा संग्रहण पाइपलाइन व मल्टी-यूटिलिटी जल पाइप लगाए गए हैं।
कुछ और मुद्राओं को कारोबार में छूट का प्रस्ताव : के राजा रमन
विदेशी मुद्राओं में कारोबार के बाबत आईएफएसीए के चेयरमैन व पूर्व आईएएस के राजा रमन बताते हैं कि यहां 15 देशों की मुद्राओं में कारोबार करने की छूट है। अभी कुछ और देशों की मुद्राओं में कारोबार की छूट के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें चीन की मुद्रा भी शामिल है। इस पर निर्णय वित्त मंत्रालय को करना है। उन्होंने कहा कि आईएफएसी में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और एनआरआई को दुनिया में कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा मिलती है। यहां 1034 से ज्यादा पंजीकृत कंपनियां हैं। यहाँ मौजूद 38 बैंक की कुल संपत्ति 100.14 बिलियन डालर है। गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक व सीईओ संजय कौल ने कहा यह नया शहर वैश्विक पूंजी, वैश्विक क्षमता व वैश्विक संभावनाओं का द्वार है। यहां बैंकिंग, फिनटेक, फंड मैनेजमंट व वैश्विक क्षमता केंद्र सेक्टर में कई कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है।
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यहां हांगकांग, सिंगापुर व दुबई जैसी कारोबार व रहन सहन की विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। यही कारण है कि अगले तीन वर्षों में यहां एक लाख युवाओं को रोजगार मिलने लगेगा। अब तक यहां 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। गिफ्ट सिटी में ही इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेस सेंटरर्स अथारिटी (आईएफएसीए)बनाई गई है। इसके कार्यकारी निदेशक (विकास) दीपेश शाह बताते हैं, राष्ट्रमंडल खेलों के भव्य आयोजन में गिफ्ट सिटी की अहम भूमिका होगी, साथ ही गिफ्ट सिटी को इस इंवेट से खासा बढ़ावा मिलेगा।
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अब गिफ्ट सिटी में साबरमती रिवर फ्रंट
यहां साबरमती नदी के किनारे रिवरफ्रंट बन रहा है। सेंट्रल पार्क,और लीलावती अस्पताल जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। शहर की निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर विभिन्न भवनों व सड्कों पर लगे सीसीटीवी कैमरे के जरिए चौबीसो घंटे निगरानी रखता है। कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम बिजली, पानी, कूलिंग, परिवहन, कचरा प्रबंधन टीमों को गड़बड़ी होने पर यहां से एलर्ट करता है। यह प्रणाली यहां रहनने वालों को बिना किसी व्यवधान का एहसास कराए सेवा बनाए रखने में सक्षम बनाती है।
गिफ्ट सिटी का निर्माण
गिफ्ट सिटी का निर्माण 2011 में शुरू हुआ। जब जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो यह परियोजना भारत की पहली स्मार्ट सिटी बन गई। यहां विदेशी और घरेलू निवेश आकर्षित करने के लिए, 2015 में शहर के इंटरनेशनल फाइनेंसियल सर्विसेस सेंटरर्स अथारिटी को मल्टी-सर्विस स्पेशल इकनामिक जोन घोषित किया गया । 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज —इंडिया आईएनएक्स (बीएसई की सहायक इकाई) का उद्घाटन किया। 2022 में प्रधानमंत्री ने यहां देश का पहला इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का शुभारंभ किया।
2007 में मोदी ने दिया था फाइनेंस टेक-सिटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2007 में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी विकसित करने का विजन दिया था। उस वक्त वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उनका सपना अब हकीकत में तब्दील हो रहा है। अब यह देश का अंतरराष्ट्रीय वित्त और प्रौद्योगिकी केंद्र है। यहां वाक टू वर्क कल्चर की दिशा में काम हो रहा है। यह देश का पहला एकीकृत ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी है।
पहला डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम
देश का पहला डिस्ट्रिक्ट कूलिंग सिस्टम अभी साढ़े पांच किमी के यूटिलिटी टनल में बनाया गया है। ठंडा पानी यहां पाइपों के माध्यम से शहर भर के भवनों में पहुँचाया जाता है, जिससे ऊर्जा और रख-रखाव की लागत घटती है। बुनियादी सेवाएँ इस सुरंग में स्थित होने के कारण, मरम्मत या सुधार के लिए सड़कों की खुदाई कभी नहीं करनी पड़ती। टनल में बिजली वितरण केबल, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, स्वचालित कचरा संग्रहण पाइपलाइन व मल्टी-यूटिलिटी जल पाइप लगाए गए हैं।
कुछ और मुद्राओं को कारोबार में छूट का प्रस्ताव : के राजा रमन
विदेशी मुद्राओं में कारोबार के बाबत आईएफएसीए के चेयरमैन व पूर्व आईएएस के राजा रमन बताते हैं कि यहां 15 देशों की मुद्राओं में कारोबार करने की छूट है। अभी कुछ और देशों की मुद्राओं में कारोबार की छूट के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें चीन की मुद्रा भी शामिल है। इस पर निर्णय वित्त मंत्रालय को करना है। उन्होंने कहा कि आईएफएसी में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और एनआरआई को दुनिया में कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा मिलती है। यहां 1034 से ज्यादा पंजीकृत कंपनियां हैं। यहाँ मौजूद 38 बैंक की कुल संपत्ति 100.14 बिलियन डालर है। गिफ्ट सिटी के प्रबंध निदेशक व सीईओ संजय कौल ने कहा यह नया शहर वैश्विक पूंजी, वैश्विक क्षमता व वैश्विक संभावनाओं का द्वार है। यहां बैंकिंग, फिनटेक, फंड मैनेजमंट व वैश्विक क्षमता केंद्र सेक्टर में कई कंपनियों ने काम शुरू कर दिया है।