सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Technology ›   Gadgets ›   watch World's first marathon race between humans and robots took place in China

Video: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़, 60 हजार रुपये था इनाम

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: प्रदीप पाण्डेय Updated Sat, 19 Apr 2025 02:07 PM IST
विज्ञापन
सार

यह पहला मौका है जब रोबोट्स को आधिकारिक रूप से इंसानों के साथ एक ही मैराथन में दौड़ने की इजाजत दी गई। इस ऐतिहासिक रेस में चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमें शामिल हुईं। बताया गया कि कई टीमों ने इस रेस के लिए हफ्तों तक अपने रोबोट्स को तैयार किया और उनकी टेस्टिंग की।

watch World's first marathon race between humans and robots took place in China
first marathon race between humans and robot - फोटो : https://x.com/SixthTone
loader
Trending Videos

विस्तार
Follow Us

चीन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह तकनीक की दुनिया में वक्त से कहीं आगे चल रहा है। जो नजारा अब तक आपने केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में देखा होगा, अब वो हकीकत बन चुका है। बीजिंग में आयोजित एक अनोखे आयोजन में 21 ह्यूमैनॉइड रोबोट्स ने इंसानों के साथ 21 किलोमीटर की आधी मैराथन में हिस्सा लिया।

Trending Videos

यह पहला मौका है जब रोबोट्स को आधिकारिक रूप से इंसानों के साथ एक ही मैराथन में दौड़ने की इजाजत दी गई। इस ऐतिहासिक रेस में चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमें शामिल हुईं। बताया गया कि कई टीमों ने इस रेस के लिए हफ्तों तक अपने रोबोट्स को तैयार किया और उनकी टेस्टिंग की।
विज्ञापन
विज्ञापन

कैसे हुई रेस की शुरुआत?

रेस की शुरुआत में सभी रोबोट्स को जिगजैग फॉर्मेशन में लाइन में खड़ा किया गया। हर रोबोट एक-एक मिनट के अंतराल पर दौड़ शुरू करता। सबसे पहले "Tiangong Ultra" नाम का रोबोट दौड़ में उतरा, जिसे बीजिंग स्थित "नेशनल एंड लोकल को-बिल्ट इंबोडिड एआई रोबोटिक्स इनोवेशन सेंटर" ने बनाया है।

ये इवेंट सिर्फ एक रेस नहीं बल्कि चीन की उस बड़ी कोशिश का हिस्सा है, जिसके जरिए वह रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे निकलना चाहता है। पब्लिक के सामने ऐसी हाई-टेक मशीनों को पेश करके चीन तकनीकी प्रगति का माहौल बना रहा है।

हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दौड़ AI की असली बुद्धिमत्ता नहीं बल्कि हार्डवेयर की सहनशक्ति का प्रदर्शन ज्यादा है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलन फर्न का कहना है, "ये रेस असल में रोबोट्स के हार्डवेयर एंड्योरेंस का शो है। चीनी कंपनियां चलने, दौड़ने और डांस जैसे कौशलों को दिखाने पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन ये मशीनें अभी भी वास्तविक उपयोगिता या मूल बुद्धिमत्ता का प्रमाण नहीं देतीं।"

क्या थे रेस के नियम

  • इस रेस में सिर्फ ह्यूमैनॉइड, बाइपेडल (दो पैरों वाले) रोबोट्स ही भाग ले सकते थे।
  • उनकी ऊंचाई 0.5 मीटर से 2 मीटर के बीच होनी चाहिए।
  • व्हील या चार पैरों वाले रोबोट्स की अनुमति नहीं थी।
  • टीमों को रेस के दौरान बैटरी या रोबोट बदलने की इजाजत थी, लेकिन हर बदलाव पर 10 मिनट की पेनल्टी लगती।
  • रेस में रिमोट-नियंत्रित और स्वायत्त दोनों तरह के रोबोट्स ने भाग लिया।
  • दौड़ की अधिकतम समय सीमा 3.5 घंटे रखी गई थी।
  • जीतने वाला रोबोट हमेशा वही नहीं होता जो सबसे पहले फिनिश लाइन पार करता है। समय और पेनल्टी के हिसाब से विजेता तय किया गया।

इनाम की राशि

  • पहला पुरस्कार- 5,000 युआन ($697)
  • दूसरा पुरस्कार- 4,000 युआन ($558)
  • तीसरा पुरस्कार- 3,000 युआन ($418)

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News App अपने मोबाइल पे|
Get all Tech News in Hindi related to live news update of latest gadgets News apps, tablets etc. Stay updated with us for all breaking news from Tech and more Hindi News.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed