Video: चीन में इंसानों और रोबोट्स के बीच हुई दुनिया की पहली मैराथन दौड़, 60 हजार रुपये था इनाम
यह पहला मौका है जब रोबोट्स को आधिकारिक रूप से इंसानों के साथ एक ही मैराथन में दौड़ने की इजाजत दी गई। इस ऐतिहासिक रेस में चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमें शामिल हुईं। बताया गया कि कई टीमों ने इस रेस के लिए हफ्तों तक अपने रोबोट्स को तैयार किया और उनकी टेस्टिंग की।

विस्तार
चीन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह तकनीक की दुनिया में वक्त से कहीं आगे चल रहा है। जो नजारा अब तक आपने केवल साइंस फिक्शन फिल्मों में देखा होगा, अब वो हकीकत बन चुका है। बीजिंग में आयोजित एक अनोखे आयोजन में 21 ह्यूमैनॉइड रोबोट्स ने इंसानों के साथ 21 किलोमीटर की आधी मैराथन में हिस्सा लिया।

यह पहला मौका है जब रोबोट्स को आधिकारिक रूप से इंसानों के साथ एक ही मैराथन में दौड़ने की इजाजत दी गई। इस ऐतिहासिक रेस में चीन के विश्वविद्यालयों, रिसर्च संस्थानों और टेक्नोलॉजी कंपनियों की टीमें शामिल हुईं। बताया गया कि कई टीमों ने इस रेस के लिए हफ्तों तक अपने रोबोट्स को तैयार किया और उनकी टेस्टिंग की।
कैसे हुई रेस की शुरुआत?
रेस की शुरुआत में सभी रोबोट्स को जिगजैग फॉर्मेशन में लाइन में खड़ा किया गया। हर रोबोट एक-एक मिनट के अंतराल पर दौड़ शुरू करता। सबसे पहले "Tiangong Ultra" नाम का रोबोट दौड़ में उतरा, जिसे बीजिंग स्थित "नेशनल एंड लोकल को-बिल्ट इंबोडिड एआई रोबोटिक्स इनोवेशन सेंटर" ने बनाया है।
ये इवेंट सिर्फ एक रेस नहीं बल्कि चीन की उस बड़ी कोशिश का हिस्सा है, जिसके जरिए वह रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे निकलना चाहता है। पब्लिक के सामने ऐसी हाई-टेक मशीनों को पेश करके चीन तकनीकी प्रगति का माहौल बना रहा है।
हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दौड़ AI की असली बुद्धिमत्ता नहीं बल्कि हार्डवेयर की सहनशक्ति का प्रदर्शन ज्यादा है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलन फर्न का कहना है, "ये रेस असल में रोबोट्स के हार्डवेयर एंड्योरेंस का शो है। चीनी कंपनियां चलने, दौड़ने और डांस जैसे कौशलों को दिखाने पर ध्यान दे रही हैं, लेकिन ये मशीनें अभी भी वास्तविक उपयोगिता या मूल बुद्धिमत्ता का प्रमाण नहीं देतीं।"
क्या थे रेस के नियम
- इस रेस में सिर्फ ह्यूमैनॉइड, बाइपेडल (दो पैरों वाले) रोबोट्स ही भाग ले सकते थे।
- उनकी ऊंचाई 0.5 मीटर से 2 मीटर के बीच होनी चाहिए।
- व्हील या चार पैरों वाले रोबोट्स की अनुमति नहीं थी।
- टीमों को रेस के दौरान बैटरी या रोबोट बदलने की इजाजत थी, लेकिन हर बदलाव पर 10 मिनट की पेनल्टी लगती।
- रेस में रिमोट-नियंत्रित और स्वायत्त दोनों तरह के रोबोट्स ने भाग लिया।
- दौड़ की अधिकतम समय सीमा 3.5 घंटे रखी गई थी।
- जीतने वाला रोबोट हमेशा वही नहीं होता जो सबसे पहले फिनिश लाइन पार करता है। समय और पेनल्टी के हिसाब से विजेता तय किया गया।
इनाम की राशि
- पहला पुरस्कार- 5,000 युआन ($697)
- दूसरा पुरस्कार- 4,000 युआन ($558)
- तीसरा पुरस्कार- 3,000 युआन ($418)
Countdown’s on.
— Sixth Tone (@SixthTone) April 18, 2025
Humans in one lane. Robots in the other.
And in a few minutes, 22 humanoid robots will attempt to run 21 kilometers.
The world’s first robot half marathon is about to begin in Beijing.
Yizhuang | Start time: 7:30 (Beijing time) pic.twitter.com/DNlG18ZCbM